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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: सबसे ज्यादा लखनऊ क्यों था पसंद, क्या है यहां की खास चीजें जिस पर फिदा थे अटल

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: भारतरत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है। आज उनके पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपको उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलूओं के बारे में बताएंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 16 Aug 2021 10:24 AM IST
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: सबसे ज्यादा लखनऊ क्यों था पसंद, क्या है यहां की खास चीजें जिस पर फिदा थे अटल
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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: भारतरत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि (Atal Bihari Vajpayee Ki Punyatithi) है। आज उनके पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपको उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलूओं के बारे में बताएंगे। क्या आपको पता है कि अटल बिहारी वाजपेयी को लखनऊ सबसे ज्यादा था? चलिए आपको बताते है कि क्यों अटल बिहारी वाजपेयी को लखनऊ सबसे ज्यादा पसंद था ( Atal Bihari Vajpayee Ko Lucknow Kyo Pasand Tha)...

अटल बिहारी वाजपेयी सभी लोकप्रिय राजनेताओं में से थे। हिन्दू हो या फिर मुसलमान, वे पूरे देश के प्रिय राजनेता थे। उनका पुराने लखनऊ के हर कोने से एक खास नाता (Atal Bihari Vajpayee Strong Connection To Lucknow) रहा। वो चाहे उन्होंने यहां से 1954, 1957 और 1962 का लोकसभा चुनाव भी लड़े, जिसमें वे हार गए। इस हार के बाद भी उन्होंने लखनऊ से रिश्ता नहीं तोड़ा, वे हमेशा यहां आते जाते रहते थे। लंबे समय के बाद वे 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ के सांसद बने रहे।

'लखनऊ मेरा घर है'

1991 के लोकसभा के दौरान उन्होंने लखनऊ की जनता को संबोधित करते हुए कहा था, "आप लोगों ने क्या सोचा था, मुझसे पीछा छूट जाएगा। ऐसा नहीं वाला है। मेरो मन अनत कहां सुख पावे, लखनऊ मेरा घर है। इतनी आसानी से मुझसे रिश्ता नहीं तोड़ सकते। मेरा नाम भी अटल है। देखता हूं कि कब तक मुझे सांसद नहीं बनाओगे।" उनकी ऐसी ही बातें लखनऊवासियों को रास आ गई और वे लखनऊ के सांसद चुने गए।

लखनऊ के खान-पान पर फिदा हो गए थे अटल

अटल बिहारी वाजपेयी खानपान के काफी शौकीन थे। ऐसा हो ही नहीं सकता था कि वे लखनऊ आए और यहां के खानपान को ना चखे। लखनऊ आते ही अटल जी को मंडली के बीच चाट परोसी जाती थी। उनके लिए चाट (Chaat) चौक में स्थित टिल्लू गुरु दीक्षित के यहां से ले जाया जाता था। अगर किसी कारणवश यह दुकान बंद भी होती तो उनके लिए लाटूश रोड पर स्थित पंडित रामनारायन तिवारी के यहां से चाट पहुंच जाती थी। वैसे तो लखनऊ में उनकी देखरेख और आवभगत लालजी टंडन (Lalji Tandon) किया करते थे, लेकिन जब वे नही होते तो उनके बेटे आशुतोष टंडन 'गोपाल' (Ashutosh Tandon 'Gopal') करते थे। वे बताते है कि अटलजी को चाट खट्टी चटनी और नींबू के साथ खाना पसंद था।

अटलजी-लाल कृष्ण अडवाणी (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

अटलजी को चाट के अलावा ठंडाई भी पसंद दी। उनके लिए चौक से 'राजा की ठंडाई' (Raja Ki Thandai) की दुकान से ठंडाई और कबाब आया करता था। वही लालजी टंडन और यूपी के डिप्‍टी सीएम डा. दिनेश शर्मा उनके लिए पुराने लखनऊ के राजा बाजार की एक मशहूर दुकान से 'दूध की बर्फी' ले जाया करते थे।



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Chitra Singh

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