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खुल रहे प्राथमिक स्कूल: पीडियाट्रिशियन डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा- 'फैसले पर पुनर्विचार हो, वैक्सीन लगने के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाएं'

डॉ. आशुतोष वर्मा का मानना है कि 'विद्यालयों को खोलने के फैसले पर बेशक पुनर्विचार होना चाहिए। जब तक बच्चों को वैक्सीन न लग जाए, उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए।

Shashwat Mishra
Written By Shashwat MishraPublished By Ashiki
Published on: 31 Aug 2021 10:17 PM IST
Lucknow News
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पीडियाट्रिशियन डॉ. आशुतोष वर्मा 

लखनऊ: देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर तैयारियां शुरू हो गई हैं। जगह-जगह पर टीकाकरण को बढ़ाया जा रहा है। अस्पतालों में बेड़ बढ़ाए जा रहे हैं। वेंटिलेटर का इंतजाम हो रहा है। पीकू-नीकू वॉर्ड बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। वहीं, इस बीच राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि एक सितंबर से प्रदेश भर में कक्षा-1-5 तक के विद्यालयों को खोला जाएगा। इस पर काफी विवाद भी शुरू हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर होगा। तो, ऐसे फैसलों को चिकित्सकों से पूछकर लिया जाना चाहिए। क्योंकि, इससे बच्चों को खतरा हो सकता है। इस संबंध में 'न्यूज़ट्रैक' ने राजधानी के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ व 'इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स' (लखनऊ ब्रांच) के सेक्रेटरी डॉ. आशुतोष वर्मा से सवाल-जवाब किए।

कोरोना वायरस की तीसरी लहर से किस आयु वर्ग के बच्चों को ज्यादा खतरा है?

डॉ. आशुतोष वर्मा ने बताया कि 'आगामी तीसरी लहर से सबसे ज्यादा खतरा 10-15 वर्ष के बच्चों को है। क्योंकि ऐसे बच्चे सबसे ज्यादा बाहर निकलते हैं। स्कूल भी जाने लगे हैं। अपने साथियों का लंच बॉक्स भी खाते होंगे। इन पर हर वक्त नज़र रख पाना असंभव होगा।'

स्कूलों को खोलने का फैसला कितना सही है?

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष वर्मा का मानना है कि 'विद्यालयों को खोलने के फैसले पर बेशक पुनर्विचार होना चाहिए। जब तक बच्चों को वैक्सीन न लग जाए, उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। जहां इतनी देर हुई है, वैसे ही कुछ दिन और इंतजार किया जा सकता था। अक्टूबर में तो बच्चों की वैक्सीन आ ही रही है।'


पेरेंट्स को बच्चों को लेकर क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

'इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स' (लखनऊ ब्रांच) के सेक्रेटरी डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा कि 'अपने बच्चों को लेकर पेरेंट्स को सजग रहना आवश्यक है। उन्हें यह बिल्कुल नहीं समझना चाहिए कि कोरोना अभी खत्म हो गया है। यह वायरस बार-बार अलग-अलग रूप में आ रहा है। इसलिए, इससे सावधान रहने की सख्त जरूरत है।' उन्होंने कहा कि 'बच्चों को मॉल, बाजार व सार्वजनिक स्थानों पर न लेकर जाएं। घरों को रोज़ाना सैनिटाइज करें। प्रदेश भर में जागरूकता के कार्यक्रम कराए जाएं।'

बच्चे किस तरह का खाना खाएं?

डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा कि 'बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। मौसमी फल खाने चाहिए। हरी व पत्ते वाली सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।'

बच्चों को क्या करना चाहिए?

पीडियाट्रिशियन डॉ. आशुतोष वर्मा ने बताया कि 'बच्चों को व्यायाम करना चाहिए, इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा। साथ ही, मास्क का उपयोग करें। सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सामाजिक दूरी का ख़्याल रखें।'



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