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लोहिया संस्थान में कैंसर मरीज़ों को इलाज में हो रही दिक्कत, SGPGI के बराबर वेतन की डॉक्टर्स ने उठाई मांग

लोहिया संस्थान के ऑन्कोलॉजी विभाग के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में पिछले 20 दिनों से रेडिएशन मशीन ख़राब पड़ी हुई है। जिससे कैंसर के मरीज़ों को इलाज कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Vidushi Mishra
Published on: 1 Dec 2021 9:36 PM IST
Lohia Institute
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लोहिया संस्थान (फोटो- सोशल मीडिया)

Lucknow : राजधानी के लोहिया संस्थान में बुधवार को भी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। पिछले काफी समय से एसजीपीजीआई के समान वेतन की मांग लोहिया संस्थान के डॉक्टरों द्वारा उठाई जा रही है। मग़र, संस्थान प्रशासन इस मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार ही नहीं है। जिसके मद्देनजर बीते दो दिनों से डॉक्टरों द्वारा काली पट्टी बांधकर काम किया जा रहा है।

इसके अलावा, संस्थान में नये रजिस्ट्रेशन हॉल बनने के बावजूद मरीज़ों को दिक्कतें उठानी पड़ रही है। साथ ही, कैंसर के मरीज़ों को पिछले 20 दिनों से रेडिएशन के लिये दरबदर भटकना पड़ रहा है।

पिछले क़रीब 20 दिनों से ख़राब है रेडिएशन मशीन

लोहिया संस्थान के ऑन्कोलॉजी विभाग के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में पिछले 20 दिनों से रेडिएशन मशीन ख़राब पड़ी हुई है। जिससे कैंसर के मरीज़ों को इलाज कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इस बारे में 'न्यूज़ट्रैक' से बातचीत में संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया, "रेडिएशन मशीन ख़राब है। अगले एक हफ़्ते में यह सही हो जाएगी। दरअसल, इस मशीन का कुछ सामान आसानी से नहीं मिल पाता है। इसलिए, कंपनी वालों ने बोला है कि अगले सात दिनों में बन जाएगी।"

33 कॉउंटर बनकर तैयार, मग़र सिर्फ 9 चालू

एक महीने पहले लोहिया संस्थान में नये रजिस्ट्रेशन हॉल का उद्घाटन चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने किया था। जिसमें 33 रजिस्ट्रेशन कॉउंटर बन कर तैयार हुए थे। लेकिन, अभी मात्र 9 ही कॉउंटर चालू हैं। इससे रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीज़ों के लिये परेशानी जस की तस बनी हुई है। इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया, "33 कॉउंटर बने हुए हैं।

मग़र, अभी 9 चालू हैं। मैन पावर की रिक्रूटमेंट चल रही है। जिसके बाद पूरे 33 कॉउंटर तो नहीं मग़र कुछ कॉउंटरो को ज़रूर शुरू किया जाएगा। क्योंकि, नये रजिस्ट्रेशन हॉल के बनने से स्थान की समस्या का तो निराकरण हो गया है। बाक़ी, यदि हम 33 कॉउंटर शुरू करते हैं, तो मैन पावर की वेस्टेज होगी।"



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Vidushi Mishra

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