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Education In UP: माध्यमिक शिक्षा में बड़ा परिवर्तन करने की तैयारी, योगी सरकार देगी डिजिटल और प्रैक्टिकल पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माध्यमिक विद्यालयों का अस्तित्व बचाने के साथ-साथ उसमें पढ़ाई का माहौल विकसित करने के लिए पाठ्यक्रम में व्यापक तौर पर बदलाव की योजना बनाई जा रही है।

Vijay Kumar Tiwari
Written By Vijay Kumar TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 13 Aug 2021 3:10 AM GMT
Yogi government is preparing to make a big change in secondary education
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योगी सरकार कर रही माध्यमिक शिक्षा में बड़ा परिवर्तन करने की तैयारी: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माध्यमिक विद्यालयों का अस्तित्व बचाने के साथ-साथ उसमें पढ़ाई का माहौल विकसित करने के लिए पाठ्यक्रम में व्यापक तौर पर बदलाव की योजना बनाई जा रही है। इस योजना में इस बात पर फोकस किया जाएगा कि पाठ्यक्रम में किताबी ज्ञान को कम और डिजिटल व प्रैक्टिकल को बराबर बराबर अनुपात में शामिल किया जाए, जिससे पाठ्यक्रम में बच्चों की दिलचस्पी बनी रहे और बच्चे पूरे मनोयोग के साथ शिक्षा का लाभ ले सकें। इसके साथ ही साथ मुख्यमंत्री ने राष्ट्रवाद और सामाजिक सरोकारों के साथ देश व समाज को प्रभावित करने वाली समसामयिक घटनाओं को भी अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना बनाने के लिए कहा है।

माना जा रहा है कि माध्यमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में यह बदलाव अगले सत्र से हो जाएगा। बदलाव की तैयारी इसी उद्देश्य से की जा रही है कि आगामी 2022-23 सत्र से नए पाठ्यक्रम को शुरू किया जा सके। विभागीय सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों की 32 सप्ताह की शिक्षण योजना को फिलहाल तीन भागों में बांटने की तैयारी है। पहले भाग में कक्षाओं में पठन-पाठन कराने, दूसरे भाग में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विषयों को विस्तृत रूप से अध्ययन कराने और तीसरे चरण में संबंधित विषय के प्रोजेक्ट बनवा कर बच्चों को पूरी तरह से जानकारी देने की तैयारी है। इससे बच्चे किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रैक्टिकल में भी एक्सपर्ट बन जाएंगे।

छात्र इस नए प्रयोग से वंचित न रह जाए

जानकारी के अनुसार अगले सत्र 2022 23 से इसे सभी विषयों में लागू करने की तैयारी है, ताकि कोई भी विषय पढ़ने वाला छात्र इस नए प्रयोग से वंचित न रह जाए। बताया जा रहा है कि पाठ्यक्रम में मूल्यपरक शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण, राष्ट्रभक्ति और समाज सेवा से जुड़े कार्यों को शामिल करके बच्चों के अंदर एक नई भावना विकसित करने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ इसमें समसामयिक घटनाओं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जेंडर सेंसटिविटी और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को भी शामिल किया जाना है।

शिक्षा में डिजिटल और प्रैक्टिकल पर जोर: फोटो- सोशल मीडिया

यह भी जानकारी मिल रही है कि नए पाठ्यक्रम में दूसरे प्रदेशों की भाषाओं को भी पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी । विद्यार्थी उसे अपने पसंद से चुन सकेगा। मंडल मुख्यालय में एक राजकीय विद्यालय में प्राचीन शास्त्रीय भाषाओं से संबंधित साहित्य और ऑनलाइन माड्यूल को विकसित किया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर बच्चों को तत्काल मुहैया कराया जा सके।

इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों और अर्ध नगरीय स्कूलों में कृषि विज्ञान विषय को पढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, ताकि बच्चे स्कूली शिक्षा से ही कृषि के बारे में अत्याधुनिक जानकारी प्राप्त कर सकें। साथ ही साथ साहित्यिक संस्कृत को भी बढ़ावा देने की बात कही जा रही है । इसके लिए सामान्य संस्कृत के साथ-साथ साहित्यिक संस्कृत को भी पढ़ाया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों का स्कूली शिक्षा से ही संस्कृत भाषा में दक्ष बनाया जाना है।

कक्षा 6 से लेकर 12 तक का एक अंग्रेजी माध्यम सेक्शन चलाया जाएगा

उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा है कि हर स्कूल में अंग्रेजी माध्यम का भी एक एक सेक्शन तैयार किया जाए, ताकि कक्षा 6 से 12 तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने के इच्छुक बच्चों को कहीं और ना जाना पड़े। हर स्कूल में कक्षा 6 से लेकर 12 तक का एक अंग्रेजी माध्यम सेक्शन चलाया जाएगा । इसके लिए शिक्षकों को भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि पाठ्यक्रम शुरू करने के पहले शिक्षकों को अंग्रेजी भाषा में पढ़ने के लिए एक्सपर्ट बनाया जा सके और सरकार की मंशा के अनुरूप क्वालिटेटिव शिक्षा प्रदान की जा सके कहीं ऐसा ना हो कि अंग्रेजी माध्यम के सेक्शन केवल नाम के होकर रह जाएं। इस पर सरकार विशेष ध्यान देगी।

Shashi kant gautam

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