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यूपी परिवहन की टपकती बसों पर अखिलेश का तंज, बोले- 'छत-फाड़ विकास' का नमूना
यूपी परिवहन निगम के बसों की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि लोग बारिश के वक्त बस में भी छाता खोल कर बैठने पर मजबूर हैं..
Gorakhpur News: यूपी परिवहन निगम के बसों की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि लोग बारिश के वक्त बस में भी छाता खोल कर बैठने पर मजबूर हैं। दो दिन पहले इस खबर को न्यूजट्रैक ने अपने पोर्टल के माध्यम से चलाई थी जिसके बाद प्रदेश के पूर्व मुख्य़मंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस के कद्दावर नेता पीएल पुनिया व ललितेश पति त्रिपाठी ने अपने ट्विट के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया। पीएल पुनिया ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि योगी जी उप्र का विकास क्षत से टपक रहा है वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुआ कहा कि " ये है भाजपा का छत फाड़ विकास का नमूना " वहीं कांग्रेस के नेता ललितेश पति त्रिपाठी ने भी भाजपा सरकार पर इस कुव्यवस्था पर हमला बोला है।
ये है भाजपा सरकार में 'छत-फाड़ विकास' का नमूना…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 26, 2021
भाजपा के राज में बस की छत के नीचे छतरी
विकास की बारिश में भीगे यात्री, भीगे गठरी!#नहीं_चाहिए_भाजपा pic.twitter.com/g2mAIhxWhp
आपको बता दें कि यूपी परिवहन निगम की बसों में बारिश के दौरान यात्रा करना हो तो आपको छाता साथ रखना होगा। सिर्फ सड़क पर ही नहीं चलती बस में भी आपको छाते की जरूरत पड़ेगी। गोरखपुर से सोनौली (नेपाल बॉर्डर) को गोरखपुर डिपो (यूपी 53बीटी 4652) की बस से यात्रा करने वाली महिलाओं ने मंगलवार को एक वीडियो वायरल (viral video) किया है। जिसमें वह बारिश में यात्रा कर रही हैं। बस में बारिश का पानी तेजी से गिर रहा है। महिलाएं छाता खोलकर बैठी हुई हैं।
योगी जी ! उप्र का विकास छत से टपक रहा है। pic.twitter.com/mk8QVj8gKt
— P L Punia (@plpunia) August 26, 2021
गोरखपुर से सोनौली, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया और सिद्धार्थनगर की बसों में सुबह बड़ी संख्या में सरकारी दफ्तरों और स्कूल के पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं सफर करती हैं। बारिश के दिनों में उनका सफर करना मुश्किलों से भरा हुआ है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच वह बारिश से बचाव को लेकर जूझ रही है। बारिश में खिड़कियों के टूटे शीशे से पानी आता ही है, छत से भी पानी टपकता है।
प्रदेश में सरकार का इंजन तो डबल हो गया, लेकिन उसका खामियाजा लोगों को छत गंवा कर भुगतना पड़ रहा है।
— Lalitesh Pati Tripathi (@LaliteshPati) August 26, 2021
परिवहन निगम की गोरखपुर से सोनौली जाने वाले बस का हाल यह बताने को काफ़ी है कि डबल इंजन सरकार ज़रूरत पड़ने पर कितनी खोखली हो सकती है। pic.twitter.com/O9WAXtKU8j
मंगलवार को गोरखपुर से सोनौली तक की यात्रा करने वाले मुसाफिरों का सफर मुश्किलों से भरा रहा। फरेंदा में एक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका नमिता शुक्ला ने बताया कि गोरखपुर डिपो की बस (यूपी 53बीटी 4652) से फरेंदा के लिए रवाना हुई। रास्ते में तेज बारिश होने लगी। पहले टूटी खिड़कियों से पानी की बौछार बस के अंदर आने लगी। इसके बाद छत से पानी गिरने लगा। लग ही नहीं रहा था कि बस में बैठे हैं या फिर खुले आसमान के नीचे।
यात्रियों ने हंगामा मचाते हुए बस के परिचालक और ड्राइवर से शिकायत की
यात्रियों ने हंगामा मचाते हुए बस के परिचालक और ड्राइवर से शिकायत की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिये। कंडक्टर ने बताया कि बस की जर्जर हालत होने की शिकायत कई बार एआरएम से करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन गोरखपुर क्षेत्र के दिनेश मणि मिश्र का कहना है कि बसें जर्जर स्थिति में हैं। इनकी मरम्मत नहीं हो रही हैं। कई बसें तो टायर-ट्यूब के आभाव में खड़ी हैं। लोकल रूट पर चलने वाली बसों की खिड़कियों के साथ ही छतों से भी बारिश का पानी यात्रियों को भिगो रहा है।