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यूपी परिवहन की टपकती बसों पर अखिलेश का तंज, बोले- 'छत-फाड़ विकास' का नमूना

यूपी परिवहन निगम के बसों की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि लोग बारिश के वक्त बस में भी छाता खोल कर बैठने पर मजबूर हैं..

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Raj
Published on: 26 Aug 2021 9:36 AM GMT
Rickety bus of UP parivahan nigam
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रोडवेज बस से टपक रहा पानी (फोटो : सोशल मीडिया )

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Gorakhpur News: यूपी परिवहन निगम के बसों की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि लोग बारिश के वक्त बस में भी छाता खोल कर बैठने पर मजबूर हैं। दो दिन पहले इस खबर को न्यूजट्रैक ने अपने पोर्टल के माध्यम से चलाई थी जिसके बाद प्रदेश के पूर्व मुख्य़मंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस के कद्दावर नेता पीएल पुनिया व ललितेश पति त्रिपाठी ने अपने ट्विट के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया। पीएल पुनिया ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि योगी जी उप्र का विकास क्षत से टपक रहा है वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुआ कहा कि " ये है भाजपा का छत फाड़ विकास का नमूना " वहीं कांग्रेस के नेता ललितेश पति त्रिपाठी ने भी भाजपा सरकार पर इस कुव्यवस्था पर हमला बोला है।

आपको बता दें कि यूपी परिवहन निगम की बसों में बारिश के दौरान यात्रा करना हो तो आपको छाता साथ रखना होगा। सिर्फ सड़क पर ही नहीं चलती बस में भी आपको छाते की जरूरत पड़ेगी। गोरखपुर से सोनौली (नेपाल बॉर्डर) को गोरखपुर डिपो (यूपी 53बीटी 4652) की बस से यात्रा करने वाली महिलाओं ने मंगलवार को एक वीडियो वायरल (viral video) किया है। जिसमें वह बारिश में यात्रा कर रही हैं। बस में बारिश का पानी तेजी से गिर रहा है। महिलाएं छाता खोलकर बैठी हुई हैं।

गोरखपुर से सोनौली, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया और सिद्धार्थनगर की बसों में सुबह बड़ी संख्या में सरकारी दफ्तरों और स्कूल के पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं सफर करती हैं। बारिश के दिनों में उनका सफर करना मुश्किलों से भरा हुआ है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच वह बारिश से बचाव को लेकर जूझ रही है। बारिश में खिड़कियों के टूटे शीशे से पानी आता ही है, छत से भी पानी टपकता है।


मंगलवार को गोरखपुर से सोनौली तक की यात्रा करने वाले मुसाफिरों का सफर मुश्किलों से भरा रहा। फरेंदा में एक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका नमिता शुक्ला ने बताया कि गोरखपुर डिपो की बस (यूपी 53बीटी 4652) से फरेंदा के लिए रवाना हुई। रास्ते में तेज बारिश होने लगी। पहले टूटी खिड़कियों से पानी की बौछार बस के अंदर आने लगी। इसके बाद छत से पानी गिरने लगा। लग ही नहीं रहा था कि बस में बैठे हैं या फिर खुले आसमान के नीचे।

यात्रियों ने हंगामा मचाते हुए बस के परिचालक और ड्राइवर से शिकायत की

यात्रियों ने हंगामा मचाते हुए बस के परिचालक और ड्राइवर से शिकायत की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिये। कंडक्टर ने बताया कि बस की जर्जर हालत होने की शिकायत कई बार एआरएम से करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन गोरखपुर क्षेत्र के दिनेश मणि मिश्र का कहना है कि बसें जर्जर स्थिति में हैं। इनकी मरम्मत नहीं हो रही हैं। कई बसें तो टायर-ट्यूब के आभाव में खड़ी हैं। लोकल रूट पर चलने वाली बसों की खिड़कियों के साथ ही छतों से भी बारिश का पानी यात्रियों को भिगो रहा है।

Deepak Raj

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