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Lucknow: गोमती का जलस्तर तेजी से बढ़ा, फैजुल्लागंज में बाढ़ जैसे हालात, बीमारी का बढ़ा खतरा

Lucknow: गोमती नदी का जलस्तर लगातार खतरे की निशान की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। लगातार बारिश के चलते शहर की छोटी-बड़ी नालियां भी उफान पर हैं। कई कॉलोनियों में नाली का पानी भर गया है।

Shashwat Mishra
Written By Shashwat MishraPublished By Shweta
Published on: 17 Sep 2021 5:04 PM GMT (Updated on: 17 Sep 2021 5:33 PM GMT)
गोमती का जलस्तर तेजी से बढ़ा
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 गोमती का जलस्तर तेजी से बढ़ा

Lucknow: यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार और गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। जहां एक तरफ शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति होने के कारण लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी तरफ गोमती नदी का जलस्तर लगातार खतरे की निशान की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है।

लगातार बारिश के चलते शहर की छोटी-बड़ी नालियां भी उफान पर हैं। कई कॉलोनियों में नाली का पानी भर गया है। बदबू और गंदगी से लोग बेहाल हैं। फैजुल्लागंज के लोगों का कहना है लगातार बारिश होने से इलाके में हर तरफ पानी भर गया, यहां कई मकान ऐसे भी हैं जिनके अंदर तक पानी भर गया है। लोग अपने घरों की छत पर जाकर बैठे हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी हमारी हालत देखने नहीं आया है।

बारिश से घिरा कॉलोनी

बता दें कि गोमती नदी भी अपने उफान पर है। सैकड़ों घर डूब गए हैं। जगह-जगह जलभराव हो गया है, इससे कई तरह की बिमारियां भी पैदा हो सकती हैं। फैजुल्लागंज में तो बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। यहां के लोग बेहद परेशान हैं, घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं। पेश है शुक्रवार के ताजा हालतों पर यह रिपोर्ट। साथ ही, बिमारियों से बचने के लिए सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.के. नंदा की सलाह।

फैजुल्लागंज में बाढ़ जैसे हालात

बारिश से डूबे मकान

लगातार बारिश के चलते शहर की छोटी-बड़ी नालियां उफान पर हैं। कई कॉलोनियों में नाली का पानी भी भर गया है। वहीं, गोमती नदी का जलस्तर अपंने चरम पर है। शुक्रवार को जब 'न्यूज़ट्रैक' की टीम सीतापुर रोड स्थित फ़ैज़ुल्लागंज पहुंची, तो यहां का आलम ऐसा था, जिसे शब्दों में बयां कर पाना बहुत मुश्किल होगा। 'न्यूज़ट्रैक' की टीम को फ़ैज़ुल्लागंज में बदबू और गंदगी से लोग बेहाल मिले। बाढ़ जैसे हालात थे। लोग घरों में व छतों पर बैठकर इस मंज़र को देख रहे थे। वहीं, वहां के लोगों का कहना है कि "लगातार बारिश होने से इलाक़े में हर तरफ़ पानी भर गया है। कई मकान ऐसे भी हैं, जिनके अंदर तक पानी भरा है। लोग अपने घरों की छत पर जाकर बैठे हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी हमारी हालत देखने नहीं आया है।"

जलभराव से हो सकती है कई बीमारियां

बारिश के बाद जमा पानी

सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.के. नंदा ने 'न्यूज़ट्रैक' से ख़ास बातचीत में बताया कि 'अगस्त-सितम्बर का मौसम काफी नमी और उमस भरा होता है। जिससे संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसको लेकर समय-समय पर सरकार और अस्पताल की तरफ से सावधानी रखने को जानकारी दी जा रही है।उन्होंने संक्रामक रोग से बचाव हेतु आवश्यक बातें भी सामने रखी।

घर में रहने पर मजबूर लोग

डॉ. एस.के. नंदा ने कहा कि 'संक्रामक रोगों से बचाव हेतु पीने वाले पानी का विशेष ख्याल रखना चाहिए। पानी उबाल कर पीने से हमें पेट की बिमारियों जैसे- डायरिया व लूज मोशन से मुक्ति मिलेगी।' उन्होंने मास्क की महत्ता के बारे में बात करते हुए कहा,"हमें ऐसे मौसम में जरूर मास्क पहनकर रहना चाहिए, जिससे हम जुकाम, सर्दी और वायरल डिजीज से बच सकते हैं।"

बारिश के कारण आवागमन में दिक्कत

डॉ. एस.के. नंदा ने कहा,"संक्रामक रोग से बचने के लिए जलभराव नहीं होने देना चाहिए। गड्ढों को बंद किया जाना चाहिए। क्योंकि यदि साफ़ पानी भी दो-तीन दिन से ज्यादा एक जगह जमा रहेगा, तो उससे बिमारियां पनपने लगेंगी। इस वक़्त ऐसी स्थिति वाले इलाकों में दवाइयों का छिड़काव कराना अति आवश्यक है, जिससे लार्वा न बनने पाए और वेक्टर जनित रोग न उत्पन्न हो सकें।"

Shweta

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