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Hindi Diwas : लखनऊ में रहने वाले इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार को मिलेगा 'राजभाषा गौरव पुरस्कार', गृह मंत्री अमित शाह करेंगे पुरस्कृत

इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार 'नीरज' राजधानी लखनऊ के जियामऊ इलाके में रहते हैं। धर्मेंद्र कुमार को इससे पहले साल 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'बैंक की आधुनिक प्रवृत्तियों' विषय पर किताब लिखने पर राजभाषा हिंदी का प्रथम पुरस्कार दिया था।

Shashwat Mishra
Written By Shashwat MishraPublished By Ashiki
Published on: 13 Sep 2021 4:10 PM GMT
Engineer Dharmendra Kumar
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इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार

Hindi Diwas 2021: मंगलवार को लखनऊ (Lucknow) वासियों के लिए गर्व का दिन होगा। हिंदी दिवस (Hindi Day) के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) लखनऊ में रहने वाले इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार 'नीरज' को 'राजभाषा गौरव पुरस्कार 2020-21' से सम्मानित करेंगे। बता दें कि धर्मेंद्र कुमार को उनकी किताब 'कृषि एवं एमएसएमई, आत्मनिर्भर भारत को महत्वपूर्ण योगदान' के लिए प्रथम पुरस्कार दिया जाएगा।

गृह मंत्री अमित शाह करेंगे पुरस्कृत

इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार 'नीरज' ने पुरस्कार मिलने की जानकारी देते हुए बताया कि 'हिंदी दिवस के मौके पर मुझे गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि राजभाषा गौरव पुरस्कार (2020-21) के प्रथम पुरस्कार हेतु मुझे चुना गया है।' उन्होंने भारत सरकार का यह निर्णय साझा करते हुए कहा कि मैं ख़ुश हूं कि हमारी पुस्तक 'कृषि एवं एमएसएमई, आत्मनिर्भर भारत को महत्वपूर्ण योगदान' को भारत सरकार ने राजभाषा गौरव पुरस्कार, 2020 ( प्रथम पुरस्कार) के लिए चुना है।


राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी किया था सम्मानित

इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार 'नीरज' राजधानी लखनऊ के जियामऊ इलाके में रहते हैं। बता दें कि धर्मेंद्र कुमार को इससे पहले साल 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'बैंक की आधुनिक प्रवृत्तियों' विषय पर किताब लिखने पर राजभाषा हिंदी का प्रथम पुरस्कार दिया था।

कौन हैं धर्मेंद्र कुमार 'नीरज'?

धर्मेंद्र कुमार 'नीरज' मूलतः जौनपुर जिले के सरायख्खाजा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनका जन्म इसी इलाके के ज़र्रों गांव में रहने वाले जोखन यादव के घर हुआ था। धर्मेंद्र कुमार पांच भाइयों में दूसरे स्थान पर रहे हैं। इनकी शिक्षा-दीक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय में ही हुई थी। तो, इंटर कॉलेज मिहरावां में पढ़ने के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। जिसके बाद इनका चयन बैंक आफ बड़ौदा में हुआ। वह रीजनल मैनेजर पद पर कार्य करने के साथ ही उन्होंने बैंक की आधुनिक प्रवृत्तियों, कृषि एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर किताब लिखी।

परिवार के सभी सदस्य हैं उच्च पदों पर

इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार 'नीरज' के बड़े भाई राजेन्द्र यादव राजकीय महाविद्यालय में प्राचार्य, तीसरे भाई आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर एवं के एन यादव वरिष्ठ सर्जन बलरामपुर में हैं। वहीं, एक बहन डा. शिप्रा यादव लखनऊ में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी हैं। पूरा पारिवारिक कुनबा शिक्षित होने के साथ ही कृषि कार्यों में भी शामिल है।

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