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Kalyan Singh ने क्यों छोड़ी थी भाजपा, कैसे बनाया अपना राजनीतिक दल

प्रखर हिंदुत्वादी नेता व उत्तर प्रदेश पूर्व कल्याण सिंह अब हम लोगों के बीच नहीं रहे।

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 21 Aug 2021 11:52 PM IST
Kalyan Singh
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पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Kalyan Singh: प्रखर हिंदुत्वादी नेता व उत्तर प्रदेश पूर्व कल्याण सिंह अब हम लोगों के बीच नहीं रहे। लखनऊ के पीजीआई में उन्होंने आज अंतिम सांस ली। कल्याण सिंह हम लोगों के बीच भले नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें हमेशा जीवंत रहेंगी। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखें है। उनके जीवन में वह दौर भी आया जब यूपी की सियासत में उनसे ऊंचा कोई कद नहीं रहा, तो वह भी दौर आया जब उन्हें राजनीति रसूख बचाने के लिए खुद की पार्टी तक बनानी पड़ी। वर्ष 1999 में कल्याण सिंह का तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपेयी से राजनीतिक वर्चस्व को लेकर टकराव हो गया। इससे नाराज होकर कल्याण सिंह ने भाजपा को छोड़ दिया।

इसके बाद कल्याण सिंह ने अपने 77वें जन्मदिन के मौके पर जनक्रांति नाम से अपनी नई पार्टी का एलान कर दिया। इसका अध्यक्ष उन्होंने अपने बेटे राजवीर को बनाया। इसकी जानकारी कल्याण सिंह ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करके दी। 1999 में उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ते हुए राम मंदिर के मुद्दे को भी तिलांजलि दे दी। हालांकि उनकी पार्टी का प्रदेश में कोई वजूद नहीं दिखा और वर्ष 2007 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव भाजपा के नेतृत्व में लड़ा। इसके बाद उन्होंने मुलायम सिंह से हाथ मिलाते हुए समाजवादी के समर्थन से एटा से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। हालांकि इस बीच उनका राजनीतिक कॅरियर गर्त में चला गया।

मुलायम सिंह से खडपट होने के बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी। वर्ष 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने पर कल्याण सिंह को हिंदुत्वादी छवि का लाभ मिला और भाजपा ने उन्हें राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया। कल्याण सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में सफल कार्यकाल पूरा किया। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। इलाज के लिए उन्हें लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी हालत खराब होती चली गई।

Raghvendra Prasad Mishra

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