TRENDING TAGS :
Kalyan Singh: मुख्यमंत्री रहते कल्याण सिंह ने लिए थे ये बड़े फैसले, जिनको हमेशा लोग करते हैं याद
Kalyan Singh: हिंदू हृदय सम्राट के रूप में पहचान बनाने वाले कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए कई ऐसे फैसले लिए जिसको लोग आज याद करते हैं।
Kalyan Singh: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का शनिवार को 89 साल की उम्र में निधन हो गया। हिंदू हृदय सम्राट के रूप में पहचान बनाने वाले कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए कई ऐसे फैसले लिए जिसको लोग आज याद करते हैं। राम मंदिर आंदोलन जब अपने चरम था, तो वह उस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री।
6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी का विध्वंस हुआ तो कल्याण सिंह को अपनी सत्ता की कुर्बानी देनी पड़ी, लेकिन उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया जिसके उनको लोग आज भी याद करते हैं। वह अपने उस फैसले को बिल्कुल सही बताते थे।
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी का विध्वंस के बाद प्रदेश के बिगड़े हालातों में उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ उन्होंने इस घटना की नैतिकता के तौर जिम्मेदारी भी ले ली। मुख्यमंत्री रहते हुए कल्याण सिंह पुलिस अधिकारियों को अयोध्या में कारसेवकों पर किसी भी हाल में गोली चलाने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि कारसेवकों पर कारसेवकों पर गोली नहीं चलवाऊंगा।
नकल अध्यादेश
1991 में उत्तर प्रदेश में कल्याण भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री बने थे। बाबरी विध्वंश के अलावा कल्याण सिंह को नकल अध्यादेश के लिए भी याद किया जाता है। जब यूपी में यह अध्यादेश लाया गया था उस समय कल्याण सिंह प्रदेश के सीएम थे और राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री। इस कानून में बोर्ड परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने पर जेल भेजने का प्रावधान था। उत्तर प्रदेश में नकल करने वालों के लिए यह काल बन गया था, लेकिन बच्चों को डर भी लगता था कि किसी ने अगर उनके नकल की पर्ची फेक दी तो उनको जेल जाना पड़ेगा।
बताया जाता है इस कानून के लागू होने के बाद हाईस्कूल में सिर्फ 14.70 प्रतिशत और इंटर में 30.30 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हो पाए थे। सीएम कल्याण सिंह और शिक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कि नकल अध्यादेश लाने की उस समय खूब तारीफ हुई थी।
Next Story