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Lucknow Crime news: कर्मचारी ने अपने सहयोगी को मृत बताकर हड़पे लाखों रुपए, जानें पूरा मामला

राजधानी लखनऊ स्थित राजकीय निर्माण निगम के एक बाबू ने अपने ही साथी को मृत दिखाकर उसके कर्मचारी भविष्य निधि का लाखों रुपया हड़प लिया

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh RajpootPublished By Deepak Raj
Published on: 14 Aug 2021 9:17 PM IST
Uttar pradesh rajkiye nirman nigam limited
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उत्तर प्रदेश राजकिय निर्माण निगम लिमिटेड

Lucknow Crime News: राजधानी लखनऊ स्थित राजकीय निर्माण निगम के एक बाबू ने अपने ही साथी को मृत दिखाकर उसके कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाखों रुपया हड़प लिया। जब बाद में ये बात रिटायर सहायक लेखाकार को मालूम हुई तो वह इसकी शिकायत अपने उच्च अधिकारियों से की। जिसकी जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। विभागीय जांच में पता चला है कि कार्यालय से क्लेम और डिस्पैच रजिस्टर भी गायब कर दिया गया है। बाबू पर रिटायर कर्मी के 4.18 लाख रुपये ईपीएफ के हड़पने का आरोप है।


प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-सोशल मीडिया)


महाप्रबंधक ने दर्ज कराई रिपोर्ट

विभागीय फर्जीवाड़े का खुलासा और गायब क्लेम और डिस्पैच रजिस्टर की जानकारी होने पर राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के अंचल-1 के महाप्रबंधक जितेंद्र कुमार ने हजरतगंज कोतवाली में फर्जीवाड़े और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

रिटायर्ड कर्मी ने की थी शिकायत

बता दें महाप्रबंधक जितेंद्र कुमार के अशोक मार्ज स्थित कार्यालय में रिटायर्ड सहायक लेखाकार सुशील शर्मा ने शिकायत की थी कि उनके ईपीएफ के अंशदान के रुपये उसके नियमित ईपीएफ खाते में ट्रांसफर नहीं किए गए हैं। इस पर महाप्रबंधक ने जांच कमिटी का गठन किया। जांच में पता चला कि वर्ष 2014 में सुशील शर्मा के मस्टर रोल अवधि के सेवा के अंशदान को क्लर्क रविंद्र कुमार वर्मा ने अपने व कथित पत्नी रेशमा के संयुक्त खाते में 1 अप्रैल 2014 को ईपीएफ धनराशि 3,58,428 ट्रांसफर कर दी।

इसके अलावा 5 जुलाई 2014 को ईडीएलआईएस की धनराशि 60 हजार रुपये भी खाते में ट्रांसफर कर ली। इस फर्जीवाड़े में आरोपी रविंद्र कुमार वर्मा ने सुशील के अभिलेखों में हेरफेर कर उसे मृत दिखा दिया। जांच से पता चला कि आरोपी रविंद्र कुमार वर्मा ने जाली दस्तावेज की मदद से फर्जीवाड़ा कर सुशील शर्मा के 4,18,428 रुपये हड़पे हैं। यह भी सामने आया कि आरोपी रविंद्र कुमार ने कार्यालय के क्लेम व डिस्पैच रजिस्टर भी गायब कर दिए।



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Deepak Raj

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