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Lucknow Crime News: अपर मुख्य सचिव के निजी सचिव विशम्भर दयाल की आत्महत्या मामला: आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित
सचिवालय के अपर मुख्य सचिव के निजी सचिव विशम्भर दयाल की आत्महत्या मामले में अब आरोपी के जेल जाने का रास्ता साफ हो गया है।
Lucknow Crime News: सचिवालय के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव विशम्भर दयाल की आत्महत्या मामले में अब आरोपी के जेल जाने का रास्ता साफ हो गया है। गिरफ्तारी के डर से आरोपी इंस्पेक्टर समेत अन्य नामजद लोग फरार हो गए हैं। हजरतगंज पुलिस ने इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये टीम का गठन कर लिया है।
बीते गत 30 अगस्त को लखनऊ में नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव विशम्भर दयाल ने सचिवालय के बापू भवन के आठवें तल के रूम नम्बर 824 में अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार ली थी, उसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी। सुसाइड नोट में निजी सचिव ने लिखा था कि तत्कालीन औरास इंस्पेक्टर हरिप्रसाद अहिरवार, दरोगा तमीजुद्दीन समेत अन्य आरोपी लगातार सुसराल में उनकी बहन का उत्पीड़न कर रहे हैं। इससे परेशान होकर वे आत्महत्या करने पर विवश हैं।
एसीपी हजरतगज राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि आत्महत्या के बाद निजी सचिव विशम्भर दयाल के कार्यालय के कमरे से मिले सुसाइड नोट में बहन से ससुरालीजनों से विवाद के चलते औरास थाना पुलिस पर प्रताड़ना का जिक्र था। विशम्भर दयाल की बहन रामदेवी का विवाह औरास के बहादुरपुर में हुआ था। सम्पत्ति के बंटवारे को लेकर ससुराल वालों से उनकी बहन का मुकदमा चल रहा था। इसी दौरान मारपीट के एक मामले में बहन के ससुराल वालों ने विशम्भर दयाल व उनकी बहन और भांजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया था। विवेचना में तीनों के नाम हट गए थे।
इस बीच निजी सचिव विशम्भर दयाल की बहन रामदेवी की अपने पड़ोसी से मारपीट हो गयी थी। इसके बाद थाना औरास पुलिस आरोपित पक्ष से मिलकर विशम्भर दयाल को लगातार प्रताड़ित कर रही थी। सुसाइड नोट के आधार ओर औरास के तत्कालीन इंस्पेक्टर दरोगा व अन्य लोग आरोपी बनाये गए हैं।