TRENDING TAGS :
International Pathology Day: मरीज़ की देखभाल में पैथोलॉजिस्ट की अहम भूमिका, डॉ. सुमिता गोखले ने साइटोपैथोलॉजी पर दी जानकारी
Lucknow : केजीएमयू में इंटरनेशनल पैथोलॉजी डे के अवसर पर गेस्ट लेक्चरर के तौर पर डॉ. सुमिता गोखले (विभाग की पूर्व छात्रा) रहीं।
Lucknow : बुधवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) स्थित कलाम सेंटर में पैथालोजी विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय पैथालॉजी दिवस (International Pathology Day) मनाया गया। इस वार्षिक जागरूकता दिवस के जरिये लोगों को व स्वास्थ्य सेवा समुदाय को पैथोलॉजी की मौलिक भूमिका की उपयोगिता के बारे में बताया जाता है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जन.(रि.) डॉ बिपिन पुरी मौजूद थे।
मरीज़ की देखभाल में पैथोलॉजिस्ट की अहम भूमिका
केजीएमयू में इंटरनेशनल पैथोलॉजी डे के अवसर पर गेस्ट लेक्चरर के तौर पर डॉ. सुमिता गोखले (विभाग की पूर्व छात्रा) रहीं। डॉ. सुमिता यूएसए के विनचेस्टर हॉस्पिटल में साइटोपैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी की डायरेक्टर हैं।
डॉ गोखले ने कुछ वर्षों में कई पत्र लिखे, जो पियर रिव्यू सहित कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए है। उन्हें 40 अंडर पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया है। डॉ गोखले ने अपने संबोधन में सबसे पहले सर्वाइकल साइटोलॉजी के बारे में बताया।
उन्होंने विश्वविद्यालय की क्लिनिकल ग्रैंड राउंड में निर्देशित बायोप्सी में पैथोलॉजिस्ट की भूमिका पर चर्चा की। डॉ सुमिता ने सामान की खरीद के व्यवहारिक पहलुओं, अल्ट्रासाउंड , एंडोस्कोपी एवं सीटी पर भी वहां मौजूद सभी लोगों को जानकारी दी। साथ ही, रोगी की देखभाल के लिए बहु विषयक दृष्टिकोण में पैथोलॉजिस्ट की भूमिका को बताया।
साइटोपैथोलॉजी क्या है?
साइटोलॉजी जीव विज्ञान का एक क्षेत्र है। इसमें जानवरों और पौधों की कोशिकाओं की संरचनाओं के बारे में बताया जाता है। इसके अलावा विभिन्न सेलुलर संरचनाओं के कार्यों का भी अध्ययन करते हैं। साइटोलॉजिकल तकनीक कम महंगी हैं। बता दें कि, साइटोपैथोलॉजी में सेलुलर रोगों के संरचनात्मक और कार्यात्मक गुणों के बारे में बताया जाता है।
इस कार्यक्रम में एकेडमिक की डीन प्रोफेसर उमा सिंह, माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग की एचओडी प्रो. अमिता जैन, आरएमएल हॉस्पिटल के पैथालॉजी विभाग की एचओडी प्रो नुजहत हुसैन, डॉ रिद्धि एवं छात्र छात्रायें उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन केजीएमयू के पैथालॉजी विभाग के एचओडी प्रो यूएस सिंह की देखरेख में डॉ शालिनी भार्गव द्वारा किया गया।