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Lucknow: अब लखनऊ में किसानों का आंदोलन शुरू, योगी सरकार के सामने रखी ये 10 मांगे

Lucknow Kisan Andolan : लखनऊ में डालीगंज स्थित गन्ना संस्थान (Sugarcane Institute at Daliganj) में यह किसान टेंट डालकर बैठ गए हैं। इन किसानों की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer Union) भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह(Bhanu Pratap Singh) कर रहे हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 19 Dec 2021 6:52 PM IST (Updated on: 19 Dec 2021 6:53 PM IST)
bhartiya kisan union bhanu pratap
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भारतीय किसान संघ भानु प्रताप

Lucknow Kisan Andolan : दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन खत्म होने के बाद अब यूपी की राजधानी लखनऊ में किसान आंदोलन (Lucknow Mein Kisan Andolan) का शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव(Vidhan Sabha Chunav) को देखते हुए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब भारतीय किसान यूनियन भानू गुट (Bhartiya Kisan Union Bhanu Pratap) के किसान लखनऊ में अपना डेरा डाल दिए हैं।

डालीगंज स्थित गन्ना संस्थान (Sugarcane Institute at Daliganj) में यह किसान टेंट डालकर बैठ गए हैं। इन किसानों की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer Union) भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह(Bhanu Pratap Singh) कर रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी के नाम संबोधित पत्र में अपनी 10 मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की है।

किसानों की समस्या

सीएम योगी को भेजें मांग पत्र में भानु प्रताप सिंह (Bhanu Pratap Singh) ने कहा है कि 3 अक्टूबर 2021 को फिरोजाबाद की विशाल महापंचायत के माध्यम से सरकार के समक्ष निम्न मांगों को रखा गया था। जिन पर हमें अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।

इसलिए भारतीय किसान यूनियन भानु संगठन (Bhartiya Kisan Union Bhanu Pratap) गन्ना संस्थान डाली बाग लखनऊ में सरकार के समक्ष अपनी बात रखने व किसानों की समस्याओं को पहुंचाने के लिए पहुंचा है। उन्होंने कहा है कि हमें विश्वास है कि सरकार हमारे मांग पत्र पर जल्द संज्ञान लेगी और समाधान की तरफ किसान भाइयों को संतुष्ट करेगी।

भानू गुट कि सरकार से प्रमुख 10 मांगे?
Bhanu Gut Kisan Morcha

1- किसान आयोग का गठन हो, जिसके अध्यक्ष व सदस्य ईमानदार किसान नेता ही रखे जाएं।

2- पिछले 75 वर्षों की किसान विरोधी नीतियों के कारण देश का किसान कर्जदार हो गया है, अतः किसानों का कर्जा मुक्त किया जाए और रिकवरी के नाम पर किसानों का उत्पीड़न बंद हो।

3- जैविक खेती एवं कृषि आय को बुनियादी बढ़ावा देने हेतु कृषि ढांचे का सुधार किया जाए।

4- देश के किसान जो 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं उनको 10000 रुपया प्रतिमाह जीवन यापन भत्ता दिया जाए।

5- भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित देश के अन्य किसान संगठन के नेताओं की विगत 30 वर्षों से चल अचल संपत्ति की जांच की जाए।

6- फिरोजाबाद एटा में आलू प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जाए जिससे यहां आलू उत्पादक किसानों को लाभ मिले।

7- किसानों के नलकूप की बिजली व्यवस्था दुरुस्त की जाए जिसके तहत नलकूप वाली बिजली 18 घंटे कर किसानों के ट्यूबवेल की बिजली को पूरी किया जाए।

8- गांव में बिजली पानी सड़क और स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त की जाएं।

9- कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और किसानों के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन भानू के संघर्ष के दौरान लगे सभी मुकदमे वापस किए जाएं।

10- आवारा पशुओं से किसानों की फसल की सुरक्षा हेतु अपनी खेती की तारबंदी पर कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं किया जाए और आवारा पशुओं से फसल की रक्षा की जाए।

गौरतलब है कि तीनों कृषि कानून के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन भानू गुट (Bhartiya Kisan Union Bhanu Pratap) भी दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल था लेकिन 26 जनवरी को लाल किले पर हुए हिंसा के बाद यह गुट सबसे पहले किसान आंदोलन से अलग होकर घर वापसी किया था।

दिल्ली में किसान नेताओं और सरकार के बीच हुए समझौते के बाद जहां वह आंदोलन खत्म हो गया। वहीं अब भानु गुट अपनी मांगों को लेकर सक्रिय हो गया है। यूपी में चुनाव का माहौल है लिहाजा भानू गुट (Bhartiya Kisan Union Bhanu Pratap) भी सरकार पर दबाव बनाने के लिए लखनऊ में डेरा डाल दिया है जिससे उनकी मांगे पूरी हो सकें।



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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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