Lucknow News: पुलिस की निर्मम पिटाई से व्यापारी की हत्या, कानपुर में पीड़ित की विधवा से आज मिलेंगे सीएम

पुलिस की वजह से बदनाम हो रही छवि को सुधारेंगे सीएम योगी।

Sandeep Mishra
Published on: 29 Sep 2021 3:24 PM GMT (Updated on: 30 Sep 2021 2:41 AM GMT)
Lucknow News: पुलिस की निर्मम पिटाई से व्यापारी की हत्या,  कानपुर में पीड़ित की विधवा से आज मिलेंगे सीएम
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Lucknow News: हर आंख नम है,जो इस घटना के बारे में सुन रहा है उसके कदम बरबस उसके घर की तरफ खिंचते ही चले जा रहे हैं। घर पहुंचने वालों को जब यह पता चलता है कि गोरखपुर के पुलिसवालों (Gorakhpur Police) ने महज अपने कोरे ईगो की खातिर इस व्यवसायी की निर्मम हत्या कर दी है। तो लोगों के दिल में गोरखपुर पुलिस के प्रति घृणा दिखाई देती है। जब दरवाजे पर बैठा उसका नन्हा पुत्र आने वाले हर शख्स से यह सवाल कर देता है कि मेरे पापा कब आएंगे तो वहाँ खड़े हर इंसान की आंखों से झर झर आंसू बहने लगते हैं, क्योंकि घर पहुंचे लोगों के पास इस नौनिहाल के इस प्रश्न का कोई जवाब ही नहीं है?

लोग नही समझ पा रहे हैं कि उस नन्हे बच्चे को यह सच्चाई कैसे बता दें कि गोरखपुर की पुलिस ने तेरे पिता की सांसें छीन कर अब तुम्हे यतीम बना दिया है। जबकि पत्नी दरवाजे पर लगी लोगों की बेतहाशा भीड़ के बावजूद भी अब इस भीड़ में अपने को बिल्कुल अकेला व तन्हा पा रही है। वो तो इस सच से वाकिफ है कि उसका पति अपने खिलखलाते चेहरे के साथ अब उसके सामने कभी नही आएगा,उसे इस सच का पता है कि जालिम खाकी ने उसके पति को सदा सदा के लिये उससे बहुत दूर दूसरी दुनियां में भेज दिया है।तब भी वह बेबस माँ यह सच अपने बच्चे को बताने से उससे नजर चुरा रही है।उस पत्नी आंखे अब पथरा सी गयीं हैं, उसकी आंखे एकटक आसमान को निहार रही हैं। जैसे उस ईश्वर से सवाल कर रहीं हों कि आखिर इस उम्र में मुझे विधवा का स्वरूप क्यों दे दिया....मेरे ईश्वर!

कुछ इस तरह का दृश्य है आज कानपुर में बर्रा तीन के रहने वाले रियल स्टेट व्यापारी मनीष गुप्ता के घर का।

देखो माँ पापा तो आ गए

गोरखपुर पुलिस की निर्मम हैवानियत का शिकार हुए रियल स्टेट व्यापारी मनीष गुप्ता का शव सरकारी सुरक्षा में गोरखपुर से कानपुर एम्बुलेंस से आज दोपहर बाद उनके आवास पर पहुंचा।घर के दरवाजे पर बैठा वह नन्हा अबोध बालक एकटक फिर बोल उठा-माँ, देखो पापा आ गए।जैसे ही स्ट्रेचर पर रखकर व्यापारी मनीष के शव को उतारा गया। तो फिर वह नन्हा अबोध बोल पड़ा कि माँ पापा तो सो रहे हैं । उन्हें बिस्तर पर लिटा दो।बस उस बच्चे की इन अबोध बातों को सुनकर इस बार तो महौल इमोशनल की सीमा को ही पार गया।हर शख्स दिल से फूट फूट कर रोने लगा । लेकिन हर शख्स की आंख में गोरखपुर पुलिस की इस हरकत को लेकर बेहद गुस्सा भी है।

सीएम कानपुर जाकर दुःखी परिवार से मिलेंगे

जब यह सूचना कानपुर प्रशासन को दी गयी कि मृतक व्यापारी के पत्नी ने यह घोषणा कर दी है कि सीएम से मिलने के बाद ही वो अपने पति का अंतिम संस्कार करेगी। तो प्रशासन के हाथ पैर फूल गए।आनन फानन में एडीजी जोन, कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण व अन्य अधिकारी मृतक की पत्नी से मिलने पहुंचे।काफी देर समझाने के बाद पत्नी मृतक व्यापारी के अंतिम संस्कार करने के लिये राजी हो गई है।घर के बाहर आकर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने मीडिया को बताया कि बृहस्पतिवार को जब सीएम योगी कानपुर आएंगे तो पीड़ित परिवार की हम लोग सीएम से मुलाकात करवाएंगे।उन्होंने बताया इस संदर्भ में सीएम से बात भी कर ली गयी है।उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलने के लिये बोल दिया है।

मृतक की पीड़ित की पत्नी कल सीएम के सामने रखेगी यह मांगें

अपने घर के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीड़ित पत्नी ने कहा कि बृहस्पतिवार को सीएम से मुलाकात के दौरान वह कुछ अपनी कुछ मांगें रखेगी।जो सीएम को माननी होंगी। मेरे केस को गोरखपुर से कानपुर ट्रान्सफर किया जाए।

मेरे पति की हत्या करने वाले पुलिस कर्मियों के सिर्फ निलंबन से काम नही चलेगा।उनकी गिरफ्तारी भी तत्काल कर उन्हें जेल भेजा जाय।जेल में उनके साथ आम अपरधियो की तरह से ट्रीटमेंट हो। इस केस का निपटारा जल्द से जल्द हो। सीएम ने कल ही पीडिता को 10 लाख रुपुए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के आदेश दिए थे।उसकी मांग है उसके परिवार के भरण पोषण के लिए यह सहायता राशि लगभग 50 लाख रुपये की जाय।परिवार की आगे की जीविका चलाने के लिये उसे सरकारी नौकरी दी जाय।

पीड़िता ने की सीएम की तारीफ

मृतक व्यापारी की पीड़ित पत्नी ने बताया कि इस घटना के बाद से सूबे के सीएम ने जो मदद की उसे वह बहुत सन्तुष्ट अभी नहीं है । लेकिन फिर भी सीएम साहब ने हमारी काफी मदद की है।उनके आदेश पर ही हमारी तत्काल एफआईआर दर्ज की गई। सीएम ने तत्काल 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने के आदेश भी किये है लेकिन मेरी कुछ मांगे है जिसके लिये कल सीएम को मुझसे मिलना होगा।

ये है पूरा मामला

मृतक रियल स्टेट व्यापारी मनीष गुप्ता के लखनऊ में रहने वाले उनके मित्र दुर्गेश बाजपेयी ने बताया कि गोरखपुर के जिस होटल में उनके मित्र मनीष अपने मित्रों के साथ रुके हुए थे। इस कमरे को चेक करने के नाम पर पुलिस ने खुलवाया।फिर उनकी आईडी व समान चेक किया। इस बीच मनीष ने एसओ से कहा कि अगर आईडी ही चेक करनी थी तो बता देते। हम लोग नीचे ही आ जाते।बस इसी बात पर पुलिस उसे पीटने लगी। फिर इतना मारा कि जब मेरा दोस्त बेहोश हो गया।जब पुलिस को लगा ममला बिगड़ गया, तब पुलिस इलाज के कराने के लिये ले गयी।

पहले पुलिस मेरे दोस्त को लेकर एक प्राइवेट अस्पताल गयी। जब वहां के डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया तब पुलिस ने बताया कि उसने मनीष को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया है। लेकिन दोस्त दुर्गेश ने बताया कि सुबह चार बजे तक पुलिस ने मनीष को मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं करवाया था। क्योंकि उन्होंने खुद मेडिकल कालेज में फोन करने पूंछा तब वहां के डाक्टर ने बताया था कि सुबह चार बजे तक मनीष को पुलिस मेडिकल कॉलेज लेकर नही पहुंची थी।उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पुनः एसओ को कॉल किया। उनसे पूछा कि आपने अब तक मनीष को मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं कराया । तब एसओ ने उनका फोन काट दिया। मृतक व्यापारी मनीष गुप्ता के मित्र ने कहा कि अब होटल से पुलिस मनीष को कहां इलाज के लिये लेकर गयी थी, यह भी अब रहस्य का विषय है।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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