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UP University: बड़ी खबर, अब विश्वविद्यालयों में पुरानी डिग्रियों को लेने में नहीं होगी कोई दिक्कत

पुरानी डिग्री हासिल करने के लिए अब बार बार दौड़ना नहीं पड़ेगा

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 29 Sept 2021 8:16 PM IST
Anandiben Patel
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राज्यपाल अनंदीबेन पटेल की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

UP University: यदि आप किसी विश्वविद्यालय के डिग्री होल्डर हैं पर अब तक डिग्री नहीं ले पाएं हैं तो अब आपको डिग्री मिल सकती है। राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे डिग्री मिलने में अब किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने कहा है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे लम्बित डिग्रियों का शीघ्र वितरण हो सके। भविष्य में दीक्षान्त के तत्काल बाद सभी छात्रों को उनकी डिग्रियां तत्काल वितरित हो जाएं। उन्होंने कहा है कि बहुत पुरानी डिग्री प्राप्त करने में छात्रों में रूचि का भी अभाव है। पुरानी डिग्रियों को सुरक्षित रखने का कार्य भी विश्वविद्यालयों द्वारा किया जा रहा है। इसलिए पुरानी डिग्रियों के वितरण में अनावश्यक नियमों को शिथिल करके छात्रों को उनकी डिग्री प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में वितरण हेतु लम्बित पड़ी पुरानी डिग्रियों तथा भविष्य में दीक्षान्त के उपरान्त छात्रों को अविलम्ब डिग्री बांटने को कहा है।

जाने कैसे मिलेगी विश्वविद्यालयों में पुरानी डिग्री

राज्य विश्वविद्यालयों से प्राप्त विवरण में विभिन्न विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में विगत वर्षों के छात्रों की डिग्रियों का वितरण शेष होना राज्यपाल के संज्ञान में आया है। इनमें से कई डिग्रियां 10-12 वर्ष या उससे भी अधिक पुरानी हैं। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि लम्बित डिग्रियों को वितरित करने के लिए उपाधि शुल्क लेने की बाध्यता को समाप्त कर दिया जाए। ये सभी डिग्रियां निःशुल्क वितरित की जायें। अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने बताया चूंकि पुराने छात्रों को अंतिम अंकपत्र पर प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट निर्गत किए गए होंगे, इसलिए उनके डिग्री वितरण में अब अदेयता प्रमाण-पत्र की आवश्यकता शिथिल किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कमेटी में निर्णय लिया गया है कि डिग्री भेजने के लिए इन छात्रों से कोई आवेदन पत्र नही लिया जाये। लम्बित डिग्री वितरण में दी जा रही छूटों का समुचित प्रचार-प्रसार किया जाये। अभियान चलाकर छात्रों को डिग्री उपलब्ध करा दी जाए।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कमेटी द्वारा छात्रों को अविलम्ब डिग्री वितरण के लिए पांच बिन्दुओं पर व्यवस्था निर्धारित कराने के निर्णय लिये गये हैं, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों द्वारा अनिवार्य रूप से लॉकर में डिग्री उपलब्ध कराना, छात्रों से उपाधि शुल्क शिक्षा सत्र के अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की फीस के साथ जमा करा लिया जाना, छात्रों को अंतिम अंकपत्र या प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट देने से पूर्व उनसे अदेयता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेना, छात्र को डाक से डिग्री भेजने के विकल्प हेतु उसका पता प्राप्त कर लेना शामिल है। इसके साथ ही डिग्री भेजने के लिए छात्रों से कोई आवेदन पत्र न लेने का बिन्दु भी शामिल है।

ज्ञात हो कि प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों की कुलाधिपाति आनंदीबेन पटेल द्वारा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में डिग्रियों के शत्-प्रतिशत वितरण को सुनिश्चित कराने के लिए अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय कमेटी गठित है। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय-लखनऊ, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ-वाराणसी, डा भीमराव विश्वविद्यालय-आगरा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय-मेरठ, शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय-लखनऊ, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय- कानपुर, केजीएमयू-लखनऊ, एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय-लखनऊ, भातखण्डे संगीत संस्थान (अभिमत) विश्वविद्यालय- लखनऊ के कुलपति एवं कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी शिक्षा बतौर सदस्य शामिल हैं।



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Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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