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Lucknow News: किसानों को लेकर बोले सीएम योगी, 20 किसान विज्ञान केंद्रों को स्थापित करने में मिली सफलता
Lucknow News: कृषि विज्ञान केंद्र के बहाने सीएम योगी ने विपक्ष पर बोला हमला
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने पिछली सरकारों की कार्य संस्कृति और कार्यशैली को लेकर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि 2017 में जब हम लोग आए थे, उस समय भारत सरकार 20 कृषि विज्ञान केंद्र (20 Krishi Vigyan Kendra) उत्तर प्रदेश को देना चाहती थी। लेकिन पिछली सरकारें कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) नहीं लेना चाहती थीं। उनको भय था कि कृषि विज्ञान केंद्र आएंगे, तो कहीं ऐसा न हो कि किसानों को आधुनिक तकनीक और आधुनिक जानकारी देने के साथ वह जागरुक हो जाएंगे, वह देना ही नहीं चाहते थे। लेकिन आज हमें 20 किसान विज्ञान केंद्रों को प्रदेश में स्थापित करने में सफलता मिली है।
यह बातें उन्होंने शुक्रवार को लोकभवन में कृषि विभाग (Agriculture Department) में चयनित 1863 प्राविधिक सहायकों (ग्रुप सी) को नियुक्ति पत्र देने के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि आपने जब आवेदन किया होगा, आवेदन से लेकर नियुक्ति पत्र प्राप्त होने तक किसी भी स्थान पर, किसी भी स्तर पर सिफारिश कराने या कहीं से कोई लेन देन के बारे में या इस प्रकार की शिकायत का अवसर नहीं मिला होगा। स्वभाविक रूप से एक बिगड़ी हुई व्यवस्था में इतनी स्वच्छ, शुचिता और पारदर्शी व्यवस्था यह शासन की मंशा को बहुत स्पष्ट करता है। अगर हमने इन सभी प्रक्रियाओं में शुचिता और पारदर्शिता का ध्यान नहीं रखा होता, तो हम पिछले साढ़े चार वर्ष में साढ़े चार लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी नहीं दे पाते।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2017 के पहले खरीद की कोई पॉलिसी नहीं थी। मार्च 2017 में हमारी सरकार बनी थी। पहली अप्रैल से हमने तीन हजार गेहूं क्रय केंद्र स्थापित कर दिए थे। तबसे किसानों से सीधे खरीदने वाला अग्रणी राज्य अगर कोई है, तो उत्तर प्रदेश है। उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी, तब तक 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को अतिरिक्त सिंचाई की क्षमता की सुविधा उपलब्ध कराने में सफल हो जाएंगे। यह पांच वर्ष की सरकार की उपलब्धियां हैं, जो सरकार ने अब तक तय की हैं। इस दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत आदि मौजूद रहे।
पिछले साढ़े चार साल का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था बना: सीएम
सीएम योगी ने सवाल पूछा कि आज से साढ़े चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश कहां था? उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था के मामले में देश की छठी अर्थव्यवस्था था। सब कुछ यहां पर था। हमारे पास देश का सबसे अच्छा मानव संसाधन, सबसे बड़ी आबादी हमारे पास, सबसे अच्छा जल संसाधन हमारे पास, दुनिया की सबसे अच्छी ऊर्वरा भूमि हमारे पास। सबसे अच्छा होने के बावजूद कहीं न कहीं कोई कमी तो थी कि उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में पीछे रहता था। पिछले साढ़े चार साल में जो प्रक्रिया शुरू हुई, आज उसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था बन चुका है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में आज नंबर दो स्थान पर है: सीएम
सीएम योगी ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि यहां पर कार्य की संभावना ना के बराबर है। शासन की किसी भी योजना को ईमानदारी से लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कार्य संस्कृति नहीं थी, नौकरशाही उन सभी कार्यों को लागू करने में आड़े आती थी। राजनीतिक संक्रमण इस कदर था कि कुछ भी ईमानदारी पूर्वक, पारदर्शी तरीके से लागू नहीं किया जा सकता था। वही प्रदेश आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में साढ़े चार साल पहले 14वें स्थान पर था, आज वह नंबर दो स्थान पर है।
केंद्र की 44 महत्वपूर्ण योजनाओं में नंबर एक है प्रदेश
सीएम ने कहा कि यह वही प्रदेश है, जिस प्रदेश को ईज ऑफ लीविंग में यह माना जाता था कि यहां पर सबसे ज्यादा गरीबी है, सबसे ज्यादा बेरोजगारी, सबसे ज्यादा अराजकता है, सबसे ज्यादा अव्यवस्था है। प्रदेश के बारे में देश और दुनिया की धारणा बहुत नकारात्मक थी। आज वही प्रदेश ईज ऑफ लीविंग में केंद्र सरकार की 44 महत्वपूर्ण योजनाओं में नंबर एक स्थान रखता है। यह सामूहिक प्रयास का प्रतिफल है।
सब कुछ होने के बावजूद हम हर फिल्ड में पिछड़े थे
उन्होंने कहा कि जब हम प्रतिभा का उपयोग बेहतर तरीके से करते हैं, तो उसके परिणाम भी सामने आते हैं । जब उसके परिणाम सामने आते हैं, तो पूर्ण लाभ से हम सब स्वयं लाभान्वित होते हैं। लेकिन जब हम अपनी प्रतिभा का बेहतर उपयोग नहीं करते हैं, तो स्वभाविक रूप से उससे उत्पन्न होने वाली विषमता के दोष के भी हम भागीदार बनते हैं। उत्तर प्रदेश में यही होता था साढ़े चार वर्ष पहले। सब कुछ होने के बावजूद हम हर फिल्ड में पिछड़े थे। आज सब कुछ होने के बावजूद हम देश में हर क्षेत्र में आगे हैं। यह दो अंतर आपको पिछले साढ़े चार वर्ष में देश और दुनिया को भी देखने को मिला है।
वर्षों से लंबित थीं कृषि सिंचाई परियोजनाएं
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि सिंचाई योजनाओं की स्थिति कई कई वर्षों से लंबित थी। बाण सागर परियोजना को 1973 में उस समय के योजना आयोग ने अपनी सहमति दी थी। 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने इसका शिलान्यास किया था। तबसे लेकर चार दशक तक कोई पुरसाहाल नहीं था। हमने एक टाइम टेबल तय किया और इस परियोजना को प्रधानमंत्री से राष्ट्र को समर्पित कराया। सरयू नहर परियोजना की 1971 में योजना आयोग ने सहमति दी थी। लेकिन आज तक पूरा नहीं हो पाया था, हम 15 नवंबर तक इस परियोजना को पूरा करने जा रहे हैं। अर्जुन सहायक परियोजना, मध्य गंगा परियोजना जैसी एक दर्जन परियोजनाएं लंबित थीं।
राज्य सरकार के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने दी शुगर को एथनॉल में बदलने की सहमति
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हमने चीनी मिलों को बंद नहीं किया। 119 चीनी मिलें चलती रहीं। एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य का भुगतान अब तक किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश उन अग्रणी राज्यों में से है, जो गन्ना किसानों को सर्वाधिक गन्ना की कीमत किसानों को पहुंचाता है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने शुगर को एथनॉल में बदलने के लिए सहमति दी। इससे आज किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिल पा रही।
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