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Leopard in Lucknow: लखनऊ में तेंदुआ लापता, नहीं लगा वन विभाग के हाथ, खतरा अभी टला नहीं
लखनऊ में तेंदुआ लापता है। कई घंटे बीत जाने के बाद भी वन विभाग की टीम के हाथों नहीं लगा है। लखनऊ में तेंदुए का कहर लगातार 4 दिन से जारी है।
Lucknow Mein Tendua: राजधानी लखनऊ में तेंदुए का खौफ अभी भी बना हुआ है। चार दिन बाद भी वन विभाग की टीम के हाथों तेंदुआ नहीं लग पाया है। सबसे पहले तेंदुए को जानकीपुरम की साठ फिटा रोड पर रात के 11 बजे देखा गया था। वैसे तो ये रोड काफी चलती-फिरती रोड है, पर सर्दियों के समय रात 10 के बाद यहां सन्नाटा पड़ जाता है। वहीं तेंदुए के डर से लोग घरों से निकलने में डर रहे हैं।
लखनऊ में तेंदुआ लापता है। तेंदुआ राजधानी के इलाकों में है और भी बस्तियों वाले इलाके में, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। कई घंटे बीत जाने के बाद भी वन विभाग की टीम के हाथों तेंदुआ नहीं लगा है। लखनऊ में तेंदुए का कहर लगातार 4 दिन से जारी है। लोग अंधेरा होते ही घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं। बच्चों की भी शाम के समय बाहर नहीं खेलने भेज रहे हैं।
कहां है तेंदुआ
Lucknow Mein Tendua Kaha Hai?
इस बीच लखनऊ में तेंदुए को लेकर कई दावें किये जा रहे हैं। सूत्रों से मुताबिक, तेंदुआ जानकीपुरम(Jankipuram Mein Tendua) और सीतापुर(Sitapur mein Tendua) रोड पर कई बार देखा गया है। सड़कों पर अब कुत्ते को भी दूर से देखने पर लोग चौंक जाते हैं। देखा जाए तो अभी भी लोगों को खतरा लगातार बना हुआ है।
दरअसल लखनऊ का कुकरैल जंगल (Kukrail jungle) बाराबंकी(Barabanki) में जाकर खत्म होता है। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि तेंदुआ सीतापुर होते हुए आगे की गांव की तरफ कूच कर सकता है। क्योंकि तेंदुआ शहर के शोर-शराबे से दूर रहना पसंद करता है। इसलिए वो गांवों की तरह शांति के माहौल पर खेतों झाड़ियों में छुप सकता है।
ऐसे में वन विभाग(Van Vibhag) का दावा है कि तेंदुए को सुरक्षित मार्ग मिल जाने से वह अपने प्राकृतिक आवास में लौट सकता है। क्योंकि अभी तेंदुए के शहर में होने के कोई संकेत तो नहीं मिले हैं। तेंदुआ अपनी प्राकृतिक आवास में लौटने की पूरी कोशिशे करेगा, अगर बीच में उसको अनावश्यक रूप से आतंकित न किया जाए।
साथ ही वन विभाग का ये भी दावा है कि कल्याणपुर व आदिल नगर इलाके में पिछले 40 घंटे से तेंदुआ नहीं देखा गया। जबकि तेंदुआ कल्याणपुर, जानकीपुरम व सहारा स्टेट इलाके में वर्तमान में भी नहीं दिखाई दिया है, पर इसके बावजूद भी वन विभाग की पांच टीमें इन इलाकों में और आसपास के इलाकों में गश्त कर रही है।