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Lucknow News: बिना परमिट के सरपट दौड़ रही हैं गाड़ियां, प्रशासन से लेकर आरटीओ तक बेखबर

लखनऊ की सड़कों पर लगभग 50 हजार वाहन ऐसे दौड़ रहे जिनका रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है। जिसमें दो पहिया, कार व अन्य वाहन शामिल हैं।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Deepak Raj
Published on: 7 Aug 2021 5:54 PM IST
UP Traffic police
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उत्तर प्रदेश यातायात पुलिस


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Lucknow News: राजधानी लखनऊ की सड़कों पर लगभग 50 हजार वाहन ऐसे दौड़ रहे जिनका रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका है। इसमे 35 हजार दो पहिया,10 हजार कारें व 5 हजार अन्य वाहन शामिल हैं। 31मार्च 2006 से पहले खरीदे गए प्राइवेट व कॉमर्शियल सभी वाहनों एक्सपायर डेट में है, फिर भी ये वाहन सरपट राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। न ऐसे वाहनों को यातायात पुलिस पुलिस चैक कर रही है और नही आरटीओ।


ट्रैफिक पुलिस

डीजल वाहन शहर की हवा को व्यापक पैमाने पर प्रदूषित कर रहा है

वाहनों से जुड़ी एक अन्य जानकरी में सूत्रों ने बताया है कि राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों में चल रहे कई डग्गामार डीजल वाहन शहर की हवा को व्यापक पैमाने पर प्रदूषित कर रहे हैं। लेकिन सम्बंधित विभाग इन वाहनों को कभी चैक नहीं करता। इसलिये ऐसे वाहन स्वामियों व चालकों के हौसले बुलंद हैं। राजधानी के पारा, बुद्धेश्वर चौराहा, पुराना पारा, हंसखेड़ा पुलिस चौकी इलाके में अवैध डीजल के टैम्पो व बिना परमिट की पुरानी बसों का संचालन किया जा रहा है।


जर्जर हालत में खड़ी ट्रकें


सूत्र बताते हैं कि एक्सपायर रजिस्ट्रेशन के वाहन व डीजल टैंपो व बसों के स्वामियों की आरटीओ कार्यालय व यातायात पुलिस से सीधी सेटिंग है। ऐसे वाहनों को कभी न चैक करने के एवज में एक अच्छा खासा सुविधा शुल्क प्रतिमाह राजधानी के आरटीओ विभाग व यातायात पुलिस के पास पहुंचाया जाता है। सुत्रों यह भी बताते हैं कि स्थानीय थानों की पुलिस भी दबंगो के साथ मिलकर ऐसे प्रदूषण युक्त आउट डेटेड वाहनों का संचालन करवा रही है।

खराब वाहनों के काऱण राजधानी की हवा जहरीली हो गयी है

ऐसे वाहनों के संचालन के कारण ही राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो गयी है कि अगर सड़क के किनारे 10 मिनट भी खड़े हो जाओ तो नींद आने लगती है। आउट डेटिट हो चुके इन डीजल वाहनों के कारण राजधानी का वातावरण प्रदूषित होने के कारण ही अब आम आदमी सांस का रोगी बन रहा है। राजधानी के हज़रतगंज,परिवर्तन चौक,आई टी चौराहा,कपूरथला, मुंशी पुलिया, टेड़ी पुलिया, इंजीनियरिग कॉलेज चौराहा, कैसरबाग चौराहा, चौक चौराहा, आलमबाग चौराहा, मटियारी चौराहा, सिकन्द्राबाग चौराहा अमीनाबाद, नाका चौराहा तमाम ऐसे इलाके हैं जहां इन वाहनों के संचालन के कारण ही यहाँ की हवाएं जहरीली होती जा रहीं हैं।



Deepak Raj

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