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नेताओं का दर्द: दीनानाथ भास्कर के पहले भी कई भाजपा विधायक बयां कर चुके हैं सोशल मीडिया पर अपना दर्द

फेसबुक पेज पर अपना दर्द बयां करने वाले पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दीनानाथ भास्कर की इस तरह की पोस्ट के बाद लोग तरह तरह के कयास लगा रहे हैं। कुछ का मानना है कि वाकई में पार्टी में उनको अपमानित किया जा रहा है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 28 Aug 2021 4:23 PM GMT
Many BJP MLAs have expressed their pain on social media even before Dinanath Bhaskar
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पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दीनानाथ भास्कर: फोटो- सोशल मीडिया

Lucknow News: कभी बसपा में मायावती के खासमखास रहे भाजपा के भदोही जिले के औराई विधानसभा क्षेत्र से विधायक दीनानाथ भास्कर इन दिनों अपनी उपेक्षा को लेकर बेहद निराश हैं। उनका कहना है कि पार्टी के भीतर उनकी उपेक्षा हो रही है इसलिए वह राजनीति से संन्यास लेने का मन बना रहे हैं।

फेसबुक पेज पर अपना दर्द बयां करने वाले पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दीनानाथ भास्कर की इस तरह की पोस्ट के बाद लोग तरह तरह के कयास लगा रहे हैं। कुछ का मानना है कि वाकई में पार्टी में उनको अपमानित किया जा रहा है तो कुछ लोगों का यह भी दावा है कि दीनानाथ को महसूस हो रहा है कि इस बार उनको पार्टी में टिकट नहीं मिलेगा तो उन्होंने इस तरह अपनी छवि बेहतर बनाने का प्रयास किया है।

भाजपा के अंदर इस तरह की उपेक्षा की आवाजें उठती रही हैं

दरअसल, विधायक दीनानाथ भास्कर से पहले भी भाजपा के अंदर इस तरह की उपेक्षा की आवाजें उठती रही हैं। यह कोई नई बात नहीं है। भाजपा में ऐसे कई विधायकों को महसूस हो रहा है कि सरकार की तरफ से जनहित में किए जा रहे कामों में न तो उनसे कोई सलाह ली जा रही है और न ही अधिकारी उनको तवज्जों दे रहे हैं। जिसके कारण जनता में उनके प्रति नकारात्मक भाव पैदा हो रहा है। इसलिए वह अपना अब दर्द सोशल मीडिया के माध्यम से बयां कर रहे हैं।

इन जनप्रतिनिधियों को लग रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव के पहलेइस तरह की पोस्ट से जनमानस में छवि को बचाया जा सकता है। गोरखपुर सदर से विधायक डा राधा मोहन अग्रवाल तो कई बार अपनी उपेक्षा की बात सोशल मीडिया के माध्यम से कह चुके हैं। उनके कई आडियो और वीडियो वायरल हो चुके हैं।

कर्मचारियों को न सुधरने पर "जूते से सबक" सिखाने की बात

जबकि भाजपा के चरखारी विधानसभा (महोबा) के विधायक बृजभूषण राजपूत का भी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो चुका है जिसमें वह डीएम और एसपी को अनाड़ी बताने के साथ ही लॉकडाउन में अफसरों को मौजूदा हालात पर नियंत्रण पाने में विफल बतातें हैं। ब्रजभूषण राजपूत ने फसल खरीद केंद्रों के अधिकारी और कर्मचारियों को न सुधरने पर "जूते से सबक" सिखाने की बात भी इसमें कही।

भाजपा के एक और विधायक सुरेश्वर सिंह भी अधिकारियों के रवैये को लेकर अपनी सख्त नाराजगी व्यक्त कर चुके है। सुरेश्वर सिंह महसी (बहराइच) से विधायक हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर पिछले साल खूब वायरल हो चुका है जिसमें वह कह रहे हैं कि कोरोना बीमारी अफसरों की कमाई का जरिया बन गई है। पुलिस खुलेआम वसूली कर रही है। देश के विभिन्न महानगरों से आए मजदूरों को बिना जांच व किट दिए बिना ही भगा दिया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से जारी निर्देशों का जिले के अफसर पालन नहीं करवा रहे हैं।

बरहज (देवरिया) के भाजपा विधायक सुरेश तिवारी का

यहीं नहीं बरहज (देवरिया) के भाजपा विधायक सुरेश तिवारी का एक वीडियो वायरल हो चुका है जिसमें जिसमें वह कोरोना से बचने के लिए मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं से सब्जी न खरीदने को कहते दिखाई पड़ रहे हैं। एक अन्य आडियों में नेताओं के बारे में नकारात्मक टिप्पणी पर विधायक सुरेश तिवारी को नोटिस जारी किया जा चुका है। दो साल पहले भी उनका एक और वीडियो वायरल हो चुका है जिसमें उन्होंने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा था कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और किसी भी पत्र का जवाब तक नहीं देते हैं।

वहीं सीतापुर सदर के विधायक राकेश राठौर का एक आडियो सामने आ चुका है जिसमें वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बारे में नकारात्मक टिप्पणी कर रहे हैं। भाजपा ने सीतापुर सदर से विधायक राकेश राठौर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है।

राजनीतिक क्षेत्र में ऐसे विधायकों के बारे में कहा जा रहा है कि पार्टी ऐसे विधायकों के बारे कुछ कठोर निर्णय लेने पर विचार कर रही है। अब वह कठोर निर्णय क्या होंगे यह तो विधानसभा चुनाव के पहले जारी होने वाले प्रत्याशियों की सूची से ही पता चल सकेगा।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

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