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KGMU में 1800 नमूनों की हुई ज़ीनोम सिक्वेंसिंग: डेल्टा प्लस की पुष्टि नहीं, डॉ. शीतल वर्मा ने कहा- 'कप्पा से डरने की ज़रूरत नहीं'
राजधानी लखनऊ के KGMU में 1800 नमूनों की हुई ज़ीनोम सिक्वेंसिंग हुई जिसमें डेल्टा प्लस की पुष्टि नहीं हुई है। डॉ. शीतल वर्मा ने कहा कि कप्पा से डरने की ज़रूरत नहीं है।
Lucknow News: देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए तरह-तरह की तैयारियां की जा रही हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट लगाने से लेकर अस्पतालों में पीकू-नीकू वार्डों के निर्माण युद्धस्तर पर कराए जा रहे हैं। जिसकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोज़ाना बैठक कर जानकारी भी लेते हैं। वहीं, फिरोजाबाद के 10 सैम्पल्स में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि होने के बाद प्रदेश में हंगामा मच गया था। लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि कप्पा वैरिएंट खतरनाक नहीं है। तो, बीते दो माह से केजीएमयू में ज़ीनोम सिक्वेंसिंग हो रही है। इस अवधि में अब तक 1800 नमूनों की ज़ीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई, लेकिन किसी में भी डेप्टा प्लस की पुष्टि नहीं हुई है।
आगरा में हुई थी डेल्टा प्लस की पुष्टि: डॉ अमिता जैन
विश्व भर में कई जगहों पर डेप्टा प्लस की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग द्वारा टीमें गठित कर बाहर से आने वाले लोगों का टेस्ट किया जाने लगा। संक्रमित मिलने पर उस व्यक्ति के नमूनों की ज़ीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई गई जा रही है। मगर, राहत की बात है कि बीते दो महीने से डेप्टा प्लस वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया।
इस मुद्दे पर केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन (KGMU Dr Amita Jain) ने बताया कि 'अब तक करीब 1,800 नमूनों की जांच हो चुकी है। शुरुआत में आगरा में कुछ मरीजों में डेप्टा प्लस की पुष्टि हुई थी। बाकी दो माह से किसी भी नमूनें में डेल्टा प्लस की पुष्टि नहीं हुई है।'
कप्पा वैरिएंट से डरने की नहीं है ज़रूरत: डॉ शीतल वर्मा
केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ शीतल वर्मा (KGMU Dr Sheetal Verma) ने बताया कि 'डेल्टा वैरिएंट के केस हमारे भारत में ज्यादा पाए गए हैं। कप्पा वैरिएंट का भारतीय जनसंख्या पर कितना असर पड़ेगा, यह अभी कहना मुश्किल होगा। मग़र, इससे डरने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि, ज़ीनोम सिक्वेंसिंग में इसके अभी ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं।' वहीं, उन्होंने लोगों को इससे बचने के लिए कुछ सलाहों से अवगत कराया।
• सर्दी, जुकाम होने पर अपने आप को अलग कर लें।
• भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। अग़र जाएं तो जहां हवादार जगह हो, वहां खड़े हों। घरों व कार्यालयों में भी हवा को आने-जाने की जगह बनाए रखें।
• कोविड़ प्रोटोकॉल का पालन करें।
प्रदेश में सबसे ज्यादा लखनऊ के लोग हुए संक्रमित
कोविड़-19 की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप रहा। प्रदेश में अब 17,08,772 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा लखनऊ में 2,38,640 लोग संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें 2,551 की मौत हो चुकी है।