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लखनऊ: पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र कालिया पर हुए हमले की जांच करेगी एसटीएफ

लखनऊ पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र कालिया पर फायरिंग मामले की जांच अब यूपी एसटीएफ को दी गई है। सुरेंद्र कालिया ने धनंजय सिंह पर अपने ऊपर जान लेवा हमले कराने का मुकदमा दर्ज करवाया था।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Deepak Kumar
Published on: 10 Sept 2021 11:42 AM IST
STF will investigate attack former Zilla Panchayat member Surendra Kalia
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पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र कालिया। (Social Media)

लखनऊ। लखनऊ पूर्व जिला पंचायत सदस्य व हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पर फायरिंग मामले की जांच अब यूपी एसटीएफ को दी गई है। सुरेंद्र कालिया ने धनंजय सिंह पर अपने ऊपर जान लेवा हमले कराने का मुकदमा दर्ज करवाया था। माफिया धनयंजय सिंह पर यह मुकद्दमा थाना आलमबाग में दर्ज किया गया था।

गत 13 जुलाई 2020 के दिन राजधानी के आलमबाग के थाना इलाके में स्थित अजंता हॉस्पिटल के बाहर पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र कालिया पर हमला हुआ था। यह हमला उस समय हुआ था, जब सुरेंद्र कालिया अपने एक बीमार साथी को अस्पताल में देखकर अपनी कार में बैठने के लिए जा रहा था। बताया जा रहा है कि पैदल आए 2 लड़कों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य पर फायरिंग की और फरार हो गए थे। इस फायरिंग की घटना में सुरेंद्र कालिया के ड्राइवर को गोली लगी थीं लेकिन उसकी जान बच गई थी। तब सुरेंद्र कालिया ने जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनयंजय सिंह पर अपने ऊपर जानलेवा हमले करने का आरोपी बताकर उसके खिलाफ मुकद्दमा पंजीकृत कराया था।

जब थाना आलमबाग की पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया की कार का निरीक्षण किया तो उसकी कार के दोनों तरफ 17 गोलियों के निशान मिले थे। जब पुलिस ने अपनी जांच के दौरान हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया की कार के अंदर की जांच की, तो उसकी कार के भीतर से कुछ ऐसे दस्तावेज भी बरामद हुए थे जिनका कनेक्शन मुन्ना बजरंगी की हत्या से जुड़ा है। सुरेंद्र कालिया पुलिस के इस खुलासे के बाद से खुद को कोरोना पॉजिटिव बताकर फरार हो गया था। लखनऊ पुलिस की तरफ से हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। फिर नाटकीय ढंग से ये हिस्ट्रीशीटर कोलकाता में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार हो गया।

गत सितम्बर 2020 से मई 2021 तक सुरेंद्र को लखनऊ लाने के लिए 5 बार वारंट दाखिल किया गया। लेकिन वह अपनी बीमारियों का बहाना कर पुलिस को गुमराह करता रहा। अखिर में कोर्ट के वारंट बी पर लखनऊ पुलिस हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र को अपने साथ ले लखनऊ ले आई।



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Deepak Kumar

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