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...और टूट गईं उम्मीदें! नहीं मिल सका फेफड़ा, लोहिया संस्थान की डॉ. शारदा सुमन 140 दिन तक लड़ती रहीं मौत से

Lucknow News: डॉ. शारदा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली आर्थिक मदद के बाद हैदराबाद के KIMS अस्पताल में लंग्स ट्रांसप्लांट हेतु भर्ती किया गया था।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Monika
Published on: 7 Sep 2021 2:39 AM GMT
Dr. Sharda Suman
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डॉ. शारदा सुमन  (फोटो : सोशल मीडिया )

Lucknow News: सोमवार को राजधानी के लोहिया संस्थान के लिए काफी दुःखदायी दिन बीता। रात होते-होते यह खबर मिली कि रेजिडेंट डॉ. शारदा सुमन (Dr. Sharda Suman) जिंदगी की जंग हार गईं। डॉ. शारदा वही हैं, जिनका वेंटिलेटर पर प्रसव कराया गया था। बता दें कि, वह करीब 140 दिन तक वेंटिलेटर पर मौत से लड़ती रहीं। डॉ. शारदा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली आर्थिक मदद के बाद हैदराबाद के KIMS अस्पताल में लंग्स ट्रांसप्लांट हेतु भर्ती किया गया था। लेकिन, डोनर न मिलने से डॉ. शारदा का फेफड़ा प्रत्यारोपण (Lungs Transplant) नहीं हो सका और संक्रमण बढ़ने पर चार सितंबर को मरीज की सांसें थम गईं। परिवारीजनों ने हैदराबाद में ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया। अब परिवार के सामने डॉ. शारदा की दुधमुंही बेटी के पालन पोषण का संकट खड़ा हो गया है।

ऐसा रहा पूरा घटनाक्रम:-

• 12 अप्रैल - डॉ. शारदा को बुखार आया

• 14 अप्रैल - कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव

• 14 की शाम को लोहिया के कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

• 01 मई - डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर प्रसव कराया

• 22 दिन डॉ. शारदा कोरोना पॉजिटिव रहीं

• 06 मई - डॉ. शरादा की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई

• 10 जुलाई - मुख्यमंत्री ने बजट जारी किया था

• 11 जुलाई लोहिया से किम्स शिफ्ट

• 04 सिंतबर को किम्स में डॉ. शारदा की सांसें थम गईं

डॉ. शारदा सुमन (फोटो : सोशल मीडिया )

ड्यूटी के दौरान हुई थी संक्रमित

डॉ. शारदा सुमन ने लोहिया संस्थान के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में वर्ष 2018 में जूनियर रेजिडेंट के पद पर ज्वाइन किया था। वह संस्थान में डीएनबी की छात्रा थी। 29 मई 2019 में खलीलाबाद निवासी डॉ. अजय से उनका विवाह हुआ। दोनों लोहिया संस्थान में बतौर रेजिडेंट हैं। गर्भावस्था के दौरान भी डॉ. शारदा ड्यूटी कर रही थीं। ड्यूटी के दौरान ही वह संक्रमित हुईं। 14 अप्रैल को उन्हें लोहिया संस्थान के कोविड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 6 मई को डॉ. शारदा की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।

1 मई को हुआ था बेटी का जन्म

रेजिडेंट डॉ. शारदा सुमन के गर्भस्थ शिशु की जान बचाने के लिए उनको कोरोना रहते हुए ही प्रसव कराया गया। जिससे बच्चे की जान बच सकी। उनके घर एक लड़की का जन्म हुआ था। जिसके बाद लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने फेफड़ा प्रत्यारोपण का विकल्प सुझाया।

सीएम योगी (फोटो : सोशल मीडिया )

CM योगी आदित्यनाथ ने दी थी डेढ़ करोड़ की मदद

कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद से लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में जूनियर रेजिडेंट पद पर कार्यरत डॉ. शारदा सुमन के फेफड़ों में दिक्कत आ गई थी। जिसके बाद उनके पति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्र लिखकर मदद की गुजारिश की थी। सीएम योगी ने उनकी मांग को मानते हुए इलाज के लिए डेढ़ करोड़ रुपयों की मदद की। इसके बाद उन्हें लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए हैदराबाद भेजा गया।

किम्स में किया गया था एयरलिफ्ट

मुख्यमंत्री ने डॉ. शारदा सुमन की जिंदगी के लिए हैदराबाद के कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस (किम्स) में मदद राशि भेजी थी। उसके बाद डॉ. शारदा को लोहिया में एनस्थीसिया विभाग के डॉ. पीके दास की देख-रेख किम्स में एयरलिफ्ट कराया गया। एकमो के सहारे उन्हें एयर एम्बुलेंस से ले जाया गया।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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