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आजादी का अमृत महोत्सव: हमारे वीरतापूर्ण इतिहास को बनाया गया दीन-हीन, असली नायकों के इतिहास को छिपा दिया गया

Lucknow News: विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र ने 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के तीसरे अंक में व्यक्त किए। कैप्टन राम यज्ञ सिंह चौहान ने कहा कि भारत की तीनों सेनाओं का सामंजस्य और उत्कृष्ट नेतृत्व का मूल 1971 की ऐतिहासिक लड़ाई में था।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 16 Dec 2021 5:23 PM GMT
Amrit Mahotsav
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आजादी का अमृत महोत्सव। 

Lucknow News: "हमें आजादी 'बिना खडग और बिना ढाल' के मिली ये दुष्प्रचार किया गया, जबकि लाखों वीरों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। हमारे वीरतापूर्ण इतिहास को दीन-हीन बना दिया गया। आज इसी वीरतापूर्ण इतिहास को स्मरण करने की जरूरत है, तभी हमारी 'आजादी का अमृत महोत्सव' का उद्देश्य सार्थक होगा।" ये बातें विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश (Vidya Bharti Eastern Uttar Pradesh) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र (Regional Organization Minister Hemchandra) ने 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के तीसरे अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम लखनऊ के निराला नगर (Nirala Nagar of Lucknow) स्थित सरस्वती कुंज के प्रो. राजेन्द्र सिंह (Saraswati Kunj Prof. Rajendra Singh) (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।

भारत की तीनों सेनाओं का सामंजस्य और उत्कृष्ट नरेतत्व 1971 की लड़ाई

मुख्य अतिथि कैप्टन राम यज्ञ सिंह चौहान (Capt Ram Yagya Singh Chouhan) (पश्चिमी-पूर्वी स्टार से सम्मानित, 1971 युद्ध) ने कहा कि भारत की तीनों सेनाओं का सामंजस्य और उत्कृष्ट नेतृत्व का मूल 1971 की ऐतिहासिक लड़ाई में था। हमारी भारतीय सेना में शौर्य-पराक्रम के साथ करुणा, प्रेम, शांति और एकजुटता भी देखने को मिलेगी। सेना में किसी जाति, संप्रदाय, धर्म और क्षेत्र का कोई भेद नहीं। राष्ट्रहित सर्वोपरि की अवधारणा को साकार करने के लिए ऐसी ही सोच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी के मन में अपनेपन और सबके कल्याण की भावना चाहिए। यही सोच देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाती है।

असली नायकों के इतिहास को दिया गया छिपा

कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश (Vidya Bharti Eastern Uttar Pradesh) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र (Regional Organization Minister Hemchandra) ने कहा कि हमारा देश हमेशा से संघर्षशील रहा है। हमारे देश के इतिहास तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। हमारे देश के असली नायकों के इतिहास को छिपा दिया गया है, ऐसे नायकों को जानने के लिए इस अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) को मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में जो प्रगति हुई, उसके बारे में लोगों को जानना चाहिए। अपनी अजादी को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए सभी को राष्ट्र हित में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के स्कूलों में ऐसे भैया बहनों का निर्माण किया जाता है, जिनके अंदर देश प्रेम की भावना, ईमानदार, चरित्रवान, देशहित में काम करने वाला हो।

'देश के लिए जितना हो सके, उतना करना चाहिए'

विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद (All India Council of Ex-Servicemen Service) के प्रदेश महामंत्री कर्नल समर विजय सिंह (State General Secretary Col Samar Vijay Singh) ने कहा सभी को अपने देश के लिए जितना हो सके, उतना करना चाहिए। जब तक देश सैनिकों के साथ खड़ा नहीं होगा, देश आगे नहीं बढ़ सकता है। उन्होंने विद्या भारती के कार्यों की सराहना की।

अमर बलिदानी कर्नल एम.एन. राय (शौर्य चक्र) की पत्नी प्रियंका राय ने कहा कि सभी बच्चों को देश के लिए कुछ करना चाहिए। उन्होंने सभी भैया बहनों को सैनिक स्कूल में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित किया।

भारत की संस्कृति सदैव वसुधैव कुटुम्बकम की रही

कार्यक्रम की प्रस्ताविक वरिष्ठ प्रचारक इतिहास संकलन योजना (Senior Campaigner History Compilation Scheme) के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष (All India Co-Organization Minister Sanjay Sriharsha) ने रखी। उन्होंने कहा कि विश्व में भिन्न-भिन्न प्रकार की संस्कृतियां जन्मीं और समाप्त हो गईं, लेकिन हमारे देश की संस्कृति हमेशा से अमर रही। भारत की संस्कृति सदैव वसुधैव कुटुम्बकम् की रही है। विश्व कल्याण के इस संकल्प को जब-जब भंग करने के लिए आक्रमणकारी आए, तब-तब स्वाभिमान जाग्रत हुआ है और उसका पूर्ण प्रतिकार किया। इस दौरान देश के लाखों वीरों ने अपना बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि देश के लिए बलिदानियों का उद्देश्य क्या था, इसके बारे में हमें गलत तथ्य बताया गया, भ्रमित किया गया। इसीलिए हम अपनी संस्कृति, गौरवपूर्ण इतिहास और सभ्यता को भूलते चले गए। ऐसे में भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति से अवगत कराने के लिए स्वाधीनता के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।

विशिष्ट अतिथि विद्या भारती के पूर्व छात्र एवं आर्थर डी लिटिल के भारत के प्रेसीडेंट बृजेश सिंह, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सी.एम. तिवारी मुख्य अभियंता, एनएसएस यूपी/यूके के निदेशक डॉ. अशोक स्रोती, केजीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. एम. एल. बी. भट्ट, एहसास नशा मुक्ति केंद्र गोरखपुर के निदेशक डा. सच्चिदानंद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश (Vidya Bharti Eastern Uttar Pradesh) के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा (Head of Publicity Saurabh Mishra) ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश (Vidya Bharti Eastern Uttar Pradesh) के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, मानव सेवा संस्थान के डायरेक्टर अभय सिंह, एडीएल के मैनेजिंग पार्टनर बारनिक चित्रण मैत्रा, पर्यावरणविद् एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर मिश्रा, शुभम सिंह, सरिता, कार्यक्रम संयोजक डॉ. मुकेश, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, ए-ब्लॉक, इंदिरा नगर, की छात्राएं सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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