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Lucknow News: आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृखला में मातृ शक्ति पर आयोजित हुई गोष्ठी

Lucknow News: लखनऊ में एनजीओ की संचालिका डॉ पूजा श्रीवास्तव द्वारा आजादी के 75वें वर्ष का अमृत महोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें जनता को जागरूक किया जा रहा है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 14 Dec 2021 1:58 PM GMT (Updated on: 14 Dec 2021 2:54 PM GMT)
Lucknow News In Hindi Amrit Mahotsav organized in Lucknow Metro City Complex of Lucknow NGO Director Dr Pooja Srivastava
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लखनऊ में आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम। 

Lucknow News: एक एनजीओ की संचालिका डॉ पूजा श्रीवास्तव (NGO Director Dr. Pooja Srivastava) द्वारा आजादी के 75वें वर्ष का अमृत महोत्सव (75th Amrit Mahotsav) आयोजित किया गया, जिसमें जनता को जागरूक किया जा रहा है। इस आजादी को पाने में मातृशक्ति व उनके वीर सपूतों द्वारा किए गए बलिदान को याद किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ, दीप प्रज्वलन व भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।


कार्यक्रम में 250 से अधिक लोगों ने लिया भाग

कार्यक्रम में 250 से अधिक लोगों ने लखनऊ के मेट्रो सिटी कॉम्प्लेक्स (Lucknow Metro City Complex) के टावर 9 के नीचे हाल में एकत्रित होकर भाग लिया। स्वतंत्रता के लिए वीर सपूतों मंगल पांडेय (Mangal Pandey) व रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai) आदि ने 1857 में ही अंग्रेज शासकों के विरुद्ध आजादी के लिए बिगुल फूंका था और आजादी के पश्चात सीमा सुरक्षा व दुश्मन देशों से लड़ाई में डटकर मुकाबला करते हुए अनेक वीर - सपूतों ने बलिदान दिए, उनमें से कुछ अभिभावकों व माता - पिता की उपस्थिति में उन्हें सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रतिस्पर्धा का किया आयोजन

इसके साथ ही 4 से 10 वर्ष तथा 10 से 15 वर्ष के बच्चों को भी शामिल किया गया, जिसमें आजादी के गीत व पैंटिंग का प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया। बच्चों ने भी बढ़ - चढ़ कर भाग लिया और प्रथम , द्वितीय और तीसरे स्थान पाने वालों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज किशोर ने अपने उद्बोधन में 1857 में मंगल पांडेय (Mangal Pandey in 1857) द्वारा आजादी के लिए दिए गए बलिदान से उठी चिंगारी व झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिह, राजगुरु व असफाक उल्ला, सुभाषचंद बोस, नानाजी देशमुख, तत्या तोपे, गंगाधर तिलक, राज गोपाचार्य, महात्मा गांधी आदि के योगदान पर विस्तृत प्रकाश डाला।


2000 वर्षों से चली आ रही परम्परा को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता

कार्यक्रम के वक्ता प्रो. भरत राज सिंह (Speaker Prof. Bharat Raj Singh) ने अपने सम्बोधन में कहा कि नारी शक्ति शब्द के स्थान पर हमें मातृशक्ति अथवा देवीशक्ति शब्द से उद्बोधित कर अपनी 2000 वर्षों से चली आ रही परम्परा व संस्कृति को पुनर्स्थापित करना चाहिए, जिससे हमारी वर्तमान व आनेवाली पीढ़ी जाने की हमारी मातृ शक्ति को देव्तुल्य सम्मान दिया गया है। इसलिए प्रत्येक माताओं - बहनों के नाम के आगे देवी को जोड़ा जाता था न कि किसी अन्य उपनाम से।

डॉ. सिह (Speaker Prof. Bharat Raj Singh) ने मंगल पांडेय, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद आदि के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला, जिन्होंने 1857 से 1947 में मिली आजादी तक अपनी 20 से 23 वर्ष की उम्र में प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा हमें अपनी परम्पराओं को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है जिससे नई शिक्षा नीति में जोड़ कर भविष्य की पीढ़ी में जानकारी हेतु समावेषित हो सके।

कार्यक्रम में इन्होंने रखे अपने विचार

वहीं, कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं में अध्यक्ष राजेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. उषा वाजपेयी, डॉं सुरेश वाजपेयी, प्रो. माल्विका, बिग्रे. उमेश चोपडा कई अन्य विद्वान लोगों ने अपने - अपने विचार रखे। डॉ, पूजा ने भारत माता के चित्र के सम्मुख आरती गान किया और वंदे मातरम गीत प्रस्तुत किया। अंत में सभी अतिथियों, आगंतुको का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।

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Deepak Kumar

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