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Lucknow News: गायत्री प्रजापति पर दुराचार का आरोप लगाने वाली महिला की जमानत अर्जी खारिज

Lucknow News: एमपी-एमलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी आदि के एक मामले में वांछित चित्रकूट की महिला की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया महिला के अपराध को गम्भीर करार दिया है।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Monika
Published on: 8 Sep 2021 8:57 AM GMT
gayatri prajapati
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गायत्री प्रजापति (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Lucknow News: पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) के खिलाफ दुराचार की एफआईआर (FIR) लिखाने वाली चित्रकूट (Chitrakoot) की महिला को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। एमपी-एमलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी आदि के एक मामले में वांछित चित्रकूट की महिला की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया महिला के अपराध को गम्भीर करार दिया है।

बता दें कि इस मामले की एफआईआर 17 सितम्बर 2020 को गायत्री की कम्पनी के पूर्व निदेशक बृज भुवन चौबे ने थाना गोमती नगर विस्तार में दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में गायत्री प्रजापति, उसके बेटे अनिल प्रजापति और चित्रकूट की महिला को नामजद किया गया था. एफआईआर के मुताबिक, खरगापुर स्थित वादी की पत्नी के नाम की जमीन को धमकी देकर एफआईआर में नामजद चित्रकूट की महिला के नाम पर करा दी गई थी। यह भी गौरतलब है कि चित्रकूट निवासी इसी महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज कराई थी।

महिला ने दर्ज करवाई थी दुराचार की एफआईआर

आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने दुराचार के मुकदमे में अपने पक्ष में बयान देने के लिए बृज भुवन चौबे की जमीन उसके नाम जबरन करा दी थी। बाद में बृज भुवन चौबे ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले में गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति को पिछले साल 17 दिसम्बर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि मार्च 2021 में उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश कोर्ट ने दे दिया था।

कौन है गायत्री प्रजापति?

गायत्री प्रजापति 1995 में समाजवादी पार्टी को ज्वाइन किया था । जहां 1996 से 2002 में वो अमेठी से लड़े थे लेकिन हार हाथ लगी । 2012 में फिर उन्हें टिकेट मिला इस बार अमेठी में जीत हासिल हुआ, यहां से वो विधायक बने । 2013 में सिंचाई मंत्री बने । 2014 में खनन मंत्री का पद संभाला । और फिर यही से उनकी मुश्किलें शुरू हुई ।

खनन मंत्री रहते हुए गायत्री प्रजापति पर UP के सात जिलों में अवैध खनन की अनुमति देने का आरोप लगा । 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI को जांच सौंपी । 2019 में CBI ने इसी केस में 12 जगहों पर छापे मारे ।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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