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ब्राम्हण समाज का मानना सबसे अधिक सम्मान बसपा सरकार मेंः मायावती

Lucknow News: आज लखनऊ में अंतिम सम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसका समापन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में चाहे वह सपा की सरकार रही हो अथवा मायावती की।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Monika
Published on: 7 Sep 2021 8:58 AM GMT
Mayawati in seminar
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मायावती की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Lucknow News: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Election) के पहले पूरे प्रदेश में ब्राम्हणों के प्रबुद्ध सम्मेलन के तहत आज लखनऊ में अंतिम सम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसका समापन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में चाहे वह सपा की सरकार रही हो अथवा मायावती की। इन सरकारों में ब्राह्मण समाज का काफी अपमान हुआ है। इससे दुखी होकर ब्राह्मण समाज खुलकर कहने लगा है कि अन्य दलों की सरकारों में बसपा सरकार का कार्यकाल बेहतर रहा है। यह वर्ग अब भाजपा की सरकार बनवाकर पश्चाताप कर रहा है। लेकिन अब ब्राम्हण समाज भाजपा के बहकावे में आने वाला नहीं है।

प्रबुद्ध वर्ग (फोटो : Newstrack, Ashutosh Tripathi)

प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के पहले चरण के समापन के अवसर पर आज पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर उन्होंने कहा इन सम्मेलनों को असफल करवाने के लिए भाजपा ने साम दाम दंड भेद का फार्मूला अपनाने का काम किया। इस मौके पर मायावती ने जोर देकर कहा कि अन्य वर्ग की तरह बराबर से ब्राम्हण समाज का बसपा की सरकार बनने पर पूरा ख्याल रखा जाएगा। पिछली सरकारों में जो भी राजनीतिक द्वेष भावना से कार्रवाई की गयी है। बसपा सरकार आने पर ऐसे मामलों की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा अध्यक्ष मायावती (फोटो : Newstrack, Ashutosh Tripathi)

उन्होंने कहा कि अब चुनाव का समय कम रह गया है। इसलिए मीडिया भी अपनी जिम्मेदारी निभाकर लोगों को बताए कि बसपा ऐसी पार्टी है जो सर्वधर्म सम्भाव के तहत काम करती है। बसपा ने कभी किसी को छलने का काम नहीं किया। हमने हमेशा जमीनी तौर पर काम किया है।

उन्होंने याद दिलाया कि जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार 2012 में बनी तभी से ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न शुरू हो गया। इसके बाद से ब्राम्हण समाज ने भाजपा की तरफ रूख किया। पर इस सरकार में भी इस प्रबुद्ध समाज खूब उत्पीड़न हुआ। जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई। इसके बाद से अब ब्राह्मण समाज भाजपा सरकार से बेहद नाराज है। इसलिए अब इस समाज ने बसपा की सरकार बनाने का पूरी तरह से मन बना लिया है।

विचार गोष्ठी का आयोजन (फोटो : Newstrack, Ashutosh Tripathi)

उन्होंने कहा कि अब दूसरे चरण के प्रबुद्ध सम्मेलन में मंडलों और कस्बों गांवों में सम्मेलन कराए जाएगें। इन सम्मेलना के तहत हर विधानसभा में ब्राम्हण समाज के एक हजार कार्यकर्ता तैयार कराए जाएगें। जो रिजर्व सीटों के साथ ही सामान्य सीटों पर भी काम करेंगे। इसके बाद पार्टी कैडर कैम्प लगाए जाएगें। षहर में महिला प्रबुद्ध वर्ग पार्टी के प्रचार प्रसार में काम करेगी। जिसकी जिम्मेदारी सतीश चन्द्र मिश्र की पत्नी कल्पना मिश्रा को सौंपी गयी है।

मायावती (फोटो : Newstrack, Ashutosh Tripathi)

सरकार बनने पर मायावती ये वादा

बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि पिछली चार सरकारों में दलित समाज से जुडे संतो गुरूओं की जितनी मूर्तिया पार्क बनवानी थी वह पिछली बसपा सरकारों में बन चुके हैं लेकिन जब अगली बार बसपा की सरकार बनेगी तो हमारी सरकार मूर्तियों और पार्को को न बनवाकर उत्तर प्रदेश को आगे ले जाने का ऐसा काम करेगी कि लोग कहेंगे कि सरकार हो तो बसपा की तरह ही हो।

अपने उद्बोधन के दौरान मायावती ने कहा कि पिछली बसपा की सरकारों में बहुजन समाज से जुडे़ संतो महात्माओं और गुरूओं के थोक के भाव में स्मारक पार्क आदि बनाने का काम हो चुका है। लेकिन अब बसपा की सरकार आने पर अन्य समाज के गुरूओं संतो की मूर्तियां आदि लगाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली सरकार में केवल उत्तर प्रदेष के विकास को लेकर बेहतरीन काम किया जाएगा।

विचार गोष्ठी का आयोजन (फोटो : Newstrack, Ashutosh Tripathi)

इसके अलावा मायावती ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोलते हुए कहा कि जब हिन्दू मुसलमान का खून एक है तो फिर मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों होता है। उन्होंने कहा कांग्रेस के जमाने में मलियाना कांड हुआ। कांग्रेस और भाजपा दोनो दल एक है।

उन्होंने कहा कि अगले महीने नौ अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की पुण्य तिथि पर बसपा कार्यकर्ता इस बार मंडल स्तर पर कार्यक्रम न करके लखनऊ में आकर उन्हे श्रद्धांजलि देने का काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकाल का पूरा ख्याल रखा जाए।

विचार गोष्ठी का आयोजन में मायावती (फोटो : Newstrack, Ashutosh Tripathi)

मायावती ने कहा कि फरवरी से लखनऊ में हूं फिर भी कुछ जातिवादी मानसिकता से जुडे मीडिया के लोग मेरे बारे में अनाप षनाप बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि लखनऊ में न होती तो न जाने कितने बसपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमें लगा दिए और पार्टी कार्यकर्ता मुकदमों आदि में फंस जाते। इसलिए हमने लखनऊ में ही रहना उचित समझा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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