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Lucknow News: 'क्लबफुट' के साथ पैदा होता है हर 800 में से एक बच्चा, CMO डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा- 'अस्पतालों में कैंप लगाकर होगा निःशुल्क इलाज'
मंगलवार से लखनऊ में अलग-अलग अस्पतालों में 'क्लबफुट जागरूकता कैंप' का आयोजन किया जाएगा, जिसका आयोजन बलरामपुर अस्पताल, सिविल और लोहिया संस्थान में किया जाएगा। इसमें 'क्लबफुट' से ग्रसित बच्चों का इलाज निःशुल्क किया जाएगा।
Lucknow: राजधानी में मंगलवार से अलग-अलग अस्पतालों में 'क्लबफुट जागरूकता कैंप' (clubfoot awareness camp) का आयोजन किया जाएगा, जिसका आयोजन बलरामपुर अस्पताल, सिविल और लोहिया संस्थान में किया जाएगा। इसमें 'क्लबफुट' से ग्रसित बच्चों का इलाज निःशुल्क किया जाएगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत गैर सरकारी संगठन 'मिरेकल फीट इंडिया' के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया होगा।
इन अस्पतालों में लगेगा कैंप
इस बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Agarwal) ने बताया कि "पूरा इलाज मिलने के बाद क्लबफुट के साथ पैदा हुआ बच्चा किसी भी सामान्य बच्चे की तरह क्रिया कलाप कर सकता है। बच्चे का इलाज जन्म के तुरंत बाद ही शुरू किया जा सकता है।" उन्होंने बताया, "30 नवंबर को बलरामपुर जिला अस्पताल (Balrampur District Hospital) में, 3 दिसम्बर को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Dr. Ram Manohar Lohia Hospital) में और 4 दिसम्बर को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल (Dr. Shyama Prasad Mukherjee Civil Hospital) में प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) गैर सरकारी संगठन 'मिरेकल फीट इंडिया' के सहयोग से क्लबफुट जागरूकता कैम्प (clubfoot awareness camp) का आयोजन कर रहा है। इसमें क्लबफुट ग्रसित बच्चों की जांच एवं इलाज निःशुल्क किया जाएगा। साथ ही, ऐसे बच्चों के अभिभावकों को भी इलाज संबंधी पूरी जानकारी दी जायेगी, ताकि वह बच्चे का इलाज बीच में न छोड़ें।
• 30 नवंबर- बलरामपुर जिला अस्पताल
• 3 दिसम्बर- डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल
• 4 दिसम्बर- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल
'पॉनसेंटी विधि' द्वारा बहुत आसानी से हो सकता है इलाज
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी (District Health Education and Information Officer Yogesh Raghuvanshi) ने बताया, "मिरेकल फीट इंडिया क्लबफुट की समस्या के समाधान के लिए काम कर रही है। यह आरबीएसके व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ साझेदारी में काम करता है। क्लबफुट से प्रभावित बच्चों का पॉनसेंटी विधि द्वारा बहुत आसानी से इलाज किया जा सकता है। जिसमें वह कास्टिंग, टेनोटोमी और ब्रेसिंग से गुजरते हैं। सही समय पर क्लबफुट की पहचान होने पर ही पूर्णतया इलाज संभव है। फुट ब्रेसेस सहित पूरी चिकित्सा निःशुल्क प्रदान की जाती है।"
हर 800 में से एक बच्चा पैदा होता है 'क्लबफुट' के साथ
डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (District Early Intervention Center) के मैनेजर डॉ. गौरव सक्सेना (Manager Dr. Gaurav Saxena) ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विसंगति है, जिसमें एक या दोनों पंजे अंदर और नीचे की ओर मुड़ जाते हैं। लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। भारत में हर 800 में से एक बच्चा क्लबफुट के साथ पैदा होता है।
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