Lucknow News: 4 को कांग्रेस का हल्ला बोल, सहारा-PACL में फंसे पैसे पर बीजेपी, सपा और बसपा से किया सवाल

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को न्याय दिलाए जाने एवं सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य के साथ ही सरकार द्वारा इन कम्पनियों में जिन निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है उन्हें सूचीबद्ध कर वापस दिलाए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी 4 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेगी।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 2 Jan 2022 1:10 PM GMT
Ajay Kumar Lallu in Lucknow
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Ajay Kumar Lallu in Lucknow 

Lucknow News: यूपी चुनाव (UP Election 2022) में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अब लोगों से जुड़ा एक मुद्दा उठाकर बीजेपी सरकार (BJP Government) पर जहां हमला बोला है। वहीं, सपा (SP) और बसपा (BSP) से भी उनका इस पर क्या स्टैंड है उसे साफ करने की बात कही है।

कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय (Congress State Office) पर अध्यक्ष अजय कुमार लालू (President Ajay Kumar Lallu) ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सहारा और पल्स ग्रुप में लाखों लोगों का अरबों रुपया जमा होने के बावजूद उनका रुपया नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हजारों गरीब, मजदूर अपनी गाढ़ी कमाई सहारा और पल्स में जमा किए थे उनकी मियाद पूरी भी हो गई, लेकिन वह अपने पैसे के लिए भटक रहे हैं। सरकार से इन कंपनियों को दी गई समय सीमा भी पूरी हो चुकी है। इसके बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। अजय कुमार लल्लू (President Ajay Kumar Lalu) ने जहां योगी सरकार (Yogi Government) और बीजेपी को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश की वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) से भी सवाल किए।

सहारा इंडिया ग्रुप में लोगों की ओर से फिक्स डिपॉजिट का मियाद पूरी होने के बावजूद नहीं मिला पैसा

अध्यक्ष अजय कुमार लालू (President Ajay Kumar Lallu) ने कहा कि सहारा इंडिया ग्रुप (Sahara India Group) में छोटे-छोटे दुकानदार, रेहड़ी, ठेला-पटरी चलाने वाले गरीब, मध्यमवर्गीय मजदूर, महिलाएं, घरेलू काम करने वाली महिलाओं ने किस्तों में 10 रुपये से लेकर सैकड़ों रुपये तक का आरडी खाता खुलवाया था। साथ ही कई सारे लोगों ने फिक्स डिपॉजिट भी किया, मगर मियाद पूरी होने के बावजूद उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। इन गरीबों ने अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व घर परिवार में किसी भी छोटे-बड़े काम के लिए पैसा जमा किया था, लेकिन अब वे सब लुटे हुए महसूस कर रहे हैं। इन कम्पनियों में बड़ी संख्या में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लोगों के पैसे फंसे हुए हैं।

सरकार के पास ऐसा कोई डाटा या सूची नहीं है जिससे यह पता चल पाये कि प्रदेश के कितने लोगो का कितना पैसा फंसा है। प्रदेश का ऐसा कोई जिला, कस्बा, गांव अछूता नहीं है, जहां गरीब और सामान्य लोगों का पैसा सहारा में न फंसा हो। गरीब लोग रोज बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं, मियादें पूरी हो गई हैं पर पैसा नहीं मिला है। इंसेंटिव के चक्कर में जिन जमाकर्ताओं ने लोगों से पैसा जमा कराया, उनके साथ मार-पीट की घटनाएं हो रही है। तमाम जमाकर्ता घर छोड़कर भाग गए, कितनों ने आत्महत्या भी कर ली है। आखिर योगी सरकार गरीबों को उनका पैसा वापस दिलाने के लिए क्या कर रही है ? सपा-बसपा भी इस मसले पर अपना स्टैंड क्लियर करे।

कांग्रेस प्रदेश ने कहा कि सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) के जरिये 2.25 करोड़ निवेशकों से करीब 24 हजार करोड़ रुपये जुटाए। इसके बाद इन पैसों का कैसे और कहां इस्तेमाल किया गया, इसका कोई रिकार्ड नहीं है। जब जांच शुरू की तो पता चला कि कई निवेशक फर्जी थे। बाकी कंपनी का दूर-दूर तक पता नहीं था। इन दो कंपनियों के अलावा तमाम कंपनियों में गरीबों का पैसा आरडी और एफडी के रूप में जमा कराया गया, जिन पर किसी तरह का अदालती मामला नहीं है। आखिर इन कंपनियों से गरीबों को पैसा वापस क्यों नहीं मिल रहा है। योगी सरकार (Yogi Government) वसूलकर गरीबों को क्यों नहीं दे रही है। ग़रीबों का पैसा हड़पने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में किस तरह की बाधा है?

रियल स्टेट की कंपनी में प्लाटिंग व हाउसिंग की स्कीम के तहत किया पैसा जमा

कांग्रेस प्रदेश अजय कुमार लालू (President Ajay Kumar Lalu) ने कहा की पर्ल्स ग्रुप की कंपनी PACL लिमिटेड की भी यही कहानी है, इस रियल स्टेट की कंपनी में प्लाटिंग व हाउसिंग की स्कीम के तहत पैसा जमा किया गया। सेबी ने 22 अगस्त 2014 को इसे बंद कर दिया। सेबी ने आरोप लगाया कि RD, FD के नाम पर कंपनी लोगों से अवैध तरीके से पैसा ले रही है। इसमें टोटल निवेशक 5.85 करोड़ हैं, जबकि टोटल देनदारी 49 हजार 100 करोड़ रुपया है। 2 फरवरी 2016 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी व सेबी को 6 माह पैसा भुगतान करने का आदेश दिया जबकि 6 वर्षों में भी आज तक सिर्फ 2 प्रतिशत लोगों का अधूरा भुगतान किया गया है। पर्ल्स कंपनी के ऑफिसों में 50 प्रतिशत से अधिक पॉलिसी जमा हैं। सेबी उन पॉलिसियों का भुगतान करने से मना कर रही है। लोगों के पास ऑफिस द्वारा दी गई पावती है। पॉलिसी को सेबी स्वीकार नहीं कर रही है। पावती वाले छोटे-छोटे वर्ग के लोग हैं।

4 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना करेगी कांग्रेस

पर्ल्स के पीड़ित लोगों ने 1.25 लाख पत्र पीएमओ को भेजे हैं। सेबी को पत्र भेजा गया है। वर्तमान वित्तमंत्री, तत्कालीन वित्त मंत्री से मिले लेकिन नतीजा सिफर रहा है। इन निवेशकों में से ज्यादातर निवेशक उत्तर प्रदेश के हैं, जिन्होंने बेहतर रिटर्न के लिए पर्ल एवं सहारा में इंवेस्ट किया। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और SEBI के दखल के बाद भी अभी तक लोगों के हाथ खाली हैं। उत्तर प्रदेश के गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को न्याय दिलाये जाने एवं सरकार का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य के साथ ही सरकार द्वारा इन कम्पनियों में जिन निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है उन्हें सूचीबद्ध कर वापस दिलाये जाने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी 4 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेगी। पैसे वापस न होने पर कांग्रेस पार्टी गांव, कस्बों से लेकर सड़कों तक लड़ाई लड़ेगी।

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Deepak Kumar

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