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Lucknow News: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा, बेसिक शिक्षा में 80 प्रतिशत शिक्षण हिन्दी में हो

Lucknow News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आंगनबाड़ी शिक्षा से लेकर कक्षा-12 तक प्रत्येक बच्चे की निर्बाध शिक्षा प्रबंध की व्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के साथ ही आंगनबाड़ी द्वारा उसका जन्म पंजीकरण कराने के आवश्यक कार्य से लेकर तीसरे वर्ष में उसका आंगनबाड़ी में प्रवेश भी सुनिश्चित करा लेना चाहिए।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 5 Jan 2022 10:21 PM IST
Governor Anandiben Patel presented the implementation in the context of National Education Policy 2020
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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल। 

Lucknow News: (Governor Anandiben Patel) ने आंगनबाड़ी शिक्षा से लेकर कक्षा-12 तक प्रत्येक बच्चे की निर्बाध शिक्षा प्रबंध की व्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के साथ ही आंगनबाड़ी द्वारा उसका जन्म पंजीकरण कराने के आवश्यक कार्य से लेकर तीसरे वर्ष में उसका आंगनबाड़ी में प्रवेश भी सुनिश्चित करा लेना चाहिए।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) की अध्यक्षता में आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (Child Development Services and Nutrition Department), बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) और माध्यमिक शिक्षा विभाग (Secondary Education Department) की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के परिप्रेक्ष्य में क्रियान्वयन का प्रस्तुतिकरण किया गया।

''आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उचित फर्नीचर और दीवारों पर बच्चों को आकर्षित करने वाली पेंटिंग होनी चाहिए''

इस मौके पर उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उचित फर्नीचर और दीवारों पर बच्चों को आकर्षित करने वाली पेंटिंग होनी चाहिए। उन्होंने पेंटिंग के लिए विश्वविद्यालय स्तर के फाइन आर्ट के विद्यार्थियों को भुगतान आधार पर कार्य कराने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों को विजुअल माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा की पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाए और केंद्र पर आने वाले बच्चों का ऐसा डेटा बनाया जाए जो तीन साल तक उपयोगी रहे। उन्होंने बच्चों को अंग्रेजी की प्रारम्भिक जानकारी के साथ 80 प्रतिशत शिक्षण हिन्दी में कराने के लिए कहा। विभाग के प्रस्तुतिकरण में उन्होंने ग्राम प्रधान की सहभागिता का अभाव विशेष रूप से लक्षित करते हुए बच्चों के स्कूलों में नियमित आने, गांव के प्रत्येक बच्चे का स्कूलीकरण कराने तथा विविध स्कूली कार्यक्रमों में उन्हे जोड़े जाने का सुझाव दिया।

राज्यपाल (Governor Anandiben Patel) ने कहा कि कक्षा एक में जो कम सीखे हुए बच्चे प्रवेश लें उनके लिए अलग से शिक्षण व्यवस्था कर अन्य बच्चों के समकक्ष बनने में सहायता करें। उन्होंने कहा कि काम के लिए प्रवास करने वाले ग्रामीणों के बच्चे शिक्षा ड्राप आउट का शिकार न हो। इसके लिए स्कूल छोड़ने वाले बच्चे को प्राप्त शिक्षण का कार्ड देने की व्यवस्था की जा सकती है ताकि वो उसके आगे की शिक्षा के लिए अन्य स्कूल में प्रवेश ले सकें। राज्यपाल (Governor Anandiben Patel) ने शिक्षकों की योग्यता संवर्द्धन, आंगनवाड़ी भर्ती के लिए योग्यता रिवाइज करने तथा नए शिक्षकों की भर्ती को प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों के संविलयन कराये जाने की चर्चा पर कहा कि जो प्राथमिक विद्यालय माध्यमिक शिक्षा विद्यालयों के करीब है उनके बच्चे उस स्कूल में जाकर शिक्षा और संसाधन का उपयोग कर सकें ऐसी व्यवस्था बनायी जाए। कक्षा-6 से चलने वाले कौशल विकास पाठ्यक्रम को सुनियोजित करने और व्यापक उपयोगी बनाने के लिए उन्होंने दोनों विभागों से संयुक्त बैठक कर पाठ्यक्रम निर्धारण करने को कहा।

कौशल विकास कार्यक्रम कक्षा 12 तक निरंतरता से बनाया जाए : राज्यपाल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कहा कि कक्षा-6 से चलने वाला कौशल विकास कार्यक्रम (skill development program) कक्षा-12 तक निरंतरता से बनाया जाये लेकिन वर्तमान में कक्षा-9 में आ चुके विद्यार्थियों के लिए भी उचित कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था पर विचार किया जाए। राज्यपाल ने अत्यधिक पिछड़े माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों को पी.पी.मोड पर चलाने हेतु विचार करने के लिए भी कहा। उन्होंने संसाधन विहीन स्कूलों में समीपवर्ती सम्पन्न स्कूलों के संसाधन उपयोग हेतु सहभागिता कराने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को भी प्रोत्साहित किया जाए कि वे साधन विहीन माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षण तथा संबंधित गतिविधियों के संचालन के लिए गोद लें।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों के ड्राप आउट रोकने की उचित व्यवस्था करने के साथ ही बालिकाओं के स्कूलों के संवर्द्धन के लिए भी कहा जिससे उन्हे समीप के स्कूल में 12वीं तक सम्पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके तथा यदि उनका स्कूल दूर है तो उचित ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था पर भी विचार किया जाए। उन्होंने प्रदेश के स्कूलों की मैपिंग करने का भी निर्देश दिया जिसमें निकटवर्ती स्कूलों के साथ सम्बद्धीकरण की व्यवस्था बनाई जा सकें।

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Deepak Kumar

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