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Lucknow News: नारी सशक्तिकरण के लिए शिक्षाविद डॉ अर्चना तिवारी को नवदुर्गा सम्मान

Lucknow News: आज लखनऊ में नारी सशक्तिकरण के लिए प्रख्यात शिक्षाविद डॉ अर्चना तिवारी को नवदुर्गा सम्मान प्रदान किया गया। डॉ अर्चना तिवारी ने अपने विषय से हट कर प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर भी गंभीर लेखन का कार्य किया है और अभी भी कर रही है। उनके लेख देश के प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 28 Nov 2021 4:09 PM GMT
Lucknow News: नारी सशक्तिकरण के लिए शिक्षाविद डॉ अर्चना तिवारी को नवदुर्गा सम्मान
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Lucknow News: नारी सशक्तिकरण के लिए प्रख्यात शिक्षाविद डॉ अर्चना तिवारी (Eminent educationist Dr. Archana Tiwari) को आज लखनऊ में नवदुर्गा सम्मान प्रदान किया गया। विश्वेश्वरैया सभागार, लखनऊ में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) एवं शोभा करंदलजे जी के हाथों नव दुर्गा सम्मान प्राप्त करने का यह सुअवसर प्राप्त हुआ। राज्य सभा सदस्य गीता शाक्य (Rajya Sabha member Geeta Shakya) की गौरवमयी उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में एक शिक्षाविद के रूप में सम्मानित होना अति महत्वपूर्ण है।


उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में गृहविज्ञान विषय की संस्थापक के रूप में अपनी शैक्षणिक पहचान बना चुकी डॉ अर्चना तिवारी एक बहुआयामी, कर्मशील व्यक्तित्व वाली प्रगतिशील महिला एवं स्थापित शिक्षिका हैं। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deendayal Upadhyay Gorakhpur University) से सम्बद्ध गंगोत्री देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Gangotri Devi Women's Postgraduate College) में वर्ष 1991 से गृह विज्ञान विभाग (Home Science Department) की संचालक एवं विभागाध्यक्ष के रूप में निरन्तर कार्य करते हुए डॉ. तिवारी ने विषय के अकादमिक के साथ साथ व्यावहारिक पक्ष की स्थापना एवं विकास में योगदान दिया है। उन्होंने गृहविज्ञान विषय की लगभग 40 पुस्तकों का लेखन किया है जो विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जा रही हैं। डॉ. अर्चना ने जब गोरखपुर में गृहविज्ञान विषय की शिक्षक के रूप में दायित्व संभाला था तब हिंदी में कोई पाठ्यपुस्तक उपलब्ध नहीं थी। डॉ. अर्चना ने छात्राओं और इस विषय की दिक्कतों को देखते हुए हिंदी में पुस्तकों का लेखन शुरू किया जिससे इस विषय को गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deendayal Upadhyay Gorakhpur University) समेत हिंदी भाषी क्षेत्र की छात्राओं को बहुत लाभ हुआ। अभी तक प्रकाशित 40 पुस्तकों के साथ ही डॉ. अर्चना तिवारी ने दो दर्जन से अधिक शोध पत्रों का भी प्रकाशन किया है।


विभिन्न संगठनों के साथ कार्य

उन्होंने यूनिसेफ, विश्व बैंक, समेकित बल विकास परियोजना, फिरोजाबाद के चूड़ी उद्योग में लगे बल श्रमिकों की समस्या, राष्ट्रीय पर्यावरण जागरुकता अभियान की उत्तर भारत की समन्वयक, विश्वमहिला कांग्रेस बीजिंग के लिए तैयार आधार पत्र की समन्वयक, यूनिसेफ की आहार एवं पोषण तथा बाल विकास की विशेषज्ञ, पीआरए और आरआरए ट्रेनर, गांधी ग्रामो की माइक्रो प्लानर तथा महिला अनेक परियोजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन कर के महिलाओ की शिक्षा, जागरूकता और उनके स्वावलम्बन के लिए प्रांतीय ,राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करके बहुत ही उल्लेखनीय योगदान दिया है। गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deendayal Upadhyay Gorakhpur University) तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों में गृह विज्ञान विषय की स्थापना और प्रसार में डॉ तिवारी की भूमिका सर्वविदित है। इस विषय के प्रति आपके समर्पण का परिणाम पूर्वांचल के उच्च शिक्षा परिसरों में स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है। हिंदी में गृह विज्ञान के पाठ्यक्रमों से सम्बंधित पुस्तकों के आपके लेखन ने सामान्य और पिछड़े इलाको की छात्राओं के लिए गृहविज्ञान जैसे लोकोपयोगी विषय की पढ़ाई को अत्यन्त सुगम बना दिया है।


चतुर्थ विश्व महिला सम्मलेन के लिए आधारपत्र

डॉ. अर्चना तिवारी (Dr. Archana Tiwari) का एक विशेष योगदान महिलाओं के उत्थान एवं उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक भागीदारी में भी रहा है। यह बहुत काम लोगों को पता है कि चीन में आयोजित प्रथम विश्व महिला सम्मेलन (world conference of women) के लिए भारत की तरफ से जो आधार पत्र बना था उसे गोरखपुर में डॉ. अर्चना तिवारी (Dr. Archana Tiwari in Gorakhpur) ने ही तैयार किया था। इस कार्य में उनकी संस्था प्रगति ने बहुत काम किया। इसी आधार पत्र को भारत की तरफ से डॉ. नजमाहेपतुल्ला जी ने बीजिंग में प्रस्तुत किया था। डॉ. तिवारी स्वास्थ्य कारणों से उस सम्मलेन में नहीं जा सकी थीं जबकि गैरसरकारी स्तर पर प्रतिनिधित्व के लिए इन्हे ही चुना गया था। आज दुनिया में महिला अधिकारों को लेकर जो जागरूकता देखी जा रही है उसमे उस आधारपत्र बड़ा योगदान है।


राष्ट्रवादी लेखिका

डॉ अर्चना तिवारी (Dr. Archana Tiwari) ने अपने विषय से हट कर प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर भी गंभीर लेखन का कार्य किया है और अभी भी कर रही है। उनके लेख देश के प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं। वह एक प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक हैं। सनातन संस्कृति की चिंतक के रूप में वह लगातार गंभीर लेखन का कार्य कर रही हैं। उनके आलेख भारतीयता के विषयों पर केंद्रित होते हैं। देश की प्रमुख राष्ट्रवादी पत्रिका संस्कृति पर्व की वह कार्यकारी संपादक (अवैतनिक) है।

इस सम्मान समारोह में डॉ अर्चना तिवारी (Dr. Archana Tiwari) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) , भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा (BJP National President JP Nadda), उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में सरकार एवं विचारधारा की दृष्टि से विविध क्षेत्रों में कार्यरत नारीशक्ति को सशक्त बनाने की दिशा में यह पहल अद्भुत है। उत्तर प्रदेश की राजधानी में हजारों महिलाओं की उपस्थिति में यह सम्मान प्राप्त होना गौरवपूर्ण है। प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की सदस्य अनुजा रजनी पांडेय के संयोजन में यह कार्यक्रम भव्य बन सका।

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