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सावधान डीजे वाले बाबू: अब तेज गाना बजने पर तुरंत पहुंचेगी डायल 112 पुलिस, होगी सख्त कार्रवाई
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ अब लखनऊ पुलिस (Lucknow Police Dial 112) सख्त हो गई है, आप भी जान लीजिए कि तेज संगीत आपके शरीर में कौन सी गंभीर बीमारियां पैदा करती हैं, यहां लखनऊ पुलिस ने ध्वनि के लिए कुछ मानक तय किये हैं।
Lucknow News: राजधानी की पुलिस (Lucknow Police) अब ध्वनि प्रदूषण (noise pollution) फैलाने वाले के खिलाफ अब एकदम से सख्त हो गयी है।दिन में तो अब पुलिस ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर नजर रखेगी ही लेकिन रात के समय अब लखनऊ की पुलिस इन ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर अपनी पैनी नजर रखेगी (Action against those who spread noise pollution)।
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर (Lucknow Police Commissioner) ने राजधानी के सभी थानों व डायल 112 की पुलिस (Dial 112 Police) को यह निर्देश दिए हैं कि अगर ध्वनि प्रदूषण फैलाने की कोई भी शिकायत जिस वक्त भी आये तो तत्काल उसे गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए मौके पर तत्काल पुलिस पहुंचे और ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से पेश आये।
अब स्टूडेंट देर रात तक शांति से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे
ध्वनि प्रदूषण के इस फैसले को लेकर पुलिस की यही मंशा है कि स्टूडेंट देर रात तक चाहे तो शांति से अपनी पढ़ाई कर सकें। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिक रात के समय शान्ति से अपनी नींद पूरी कर सकें। इस संदर्भ में डायल 112 के एडीजी ने स्टूडेंट को ध्वनि प्रदूषण के प्रति जागरूक करते हुए बताया कि सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक 75 डेसिबिल व रात 10 बजे से सुबह 6 बजे 70 डेसिबिल के मानक ध्वनि के लिये निर्धारित हैं। इसके ऊपर कोई भी तेज आवाज में डीजे या किसी भी तरह का साउंड बजा रहा है तो स्टूडें, वरिष्ठ नागरिक व अन्य कोई भी पीड़ित इसकी तत्काल सूचना 112 पर दें।
ध्वनि प्रदूषण फैलाने के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी
एडीजी 112 ने कहा कि सूचना पर तत्काल 112 की टीम मौके पर पहुंचेगी और ध्वनि प्रदूषण फैलाने के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाही करेगी। एडीजी 112 ने बताया कि इसी तरह से व्यापारिक क्षेत्र में दिन में 65 व रात में 55 डेसिबिल, आवासीय क्षेत्रो में दिन में 55 व रात में 45 और शांत क्षेत्र में दिन में 50 व रात में 50 डेसिबिल के ध्वनि के मानक तय किये गए हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थाओं के आसपास के100 मीटर का एरिया शांत घोषित किया गया है।
एडीजी 112 ने स्टूडेंट को बताया कि किसी भी स्टूडेंट को अपनी पढ़ाई के समय मे अगर इस तरह की ध्वनि प्रदूषण की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो आपात सेवा 112 पर इसकी जानकारी दे सकते हैं साथ ही सोशल मीडिया के अन्य साधनों से भी पुलिस की मदद ले सकते हैं।उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर यूपी व लखनऊ के पुलिस कर्मी इस तरह की शिकायत पर अपनी पैनी नजर रख रहे हैं।उन्होंने कहा कि आप सम्बंधित थानों को भी जानकारी दे सकते हैं।
मानक से अधिक तेज आवाज में म्यूजिक सुनने के क्या- क्या हैं नुकशान
आइये जानते हैं कि डीजे या संगीत सुनने के अन्य साधनों से मानक से अधिक तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से आपको या आपके बच्चों को क्या क्या गम्भीर बीमारी हो सकती हैं। इस संदर्भ में दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में नाक कान के स्पेश्लिष्ट डॉक्टर यश निगम बताते हैं कि तेज ध्वनि कानों के परदों को नुकसान पहुंचा सकती है।तेज ध्वनि कानों के अंदर जो हेयर सेल्स होते हैं उन्हें डेमेज कर सकती है।जिससे कानों से सुनना बन्द हो सकता है।
अधिक ध्वनि प्रदूषण इंसान के शरीर के खून को गाढ़ा कर देता है (Noise pollution thickens the blood of human body)
उन्होंने बताया कि अधिक ध्वनि प्रदूषण इंसान के शरीर के खून को गाढ़ा कर देता है जिससे हार्ट अटैक (heart attack) का खतरा बढ़ सकता है।और हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकायत भी हो सकती है।डॉ0 यश निगम बताते हैं कि तेज ध्वनि में संगीत आदि सुनने से इंसान की एकाग्रता में कमी आती है।चिड़चिड़ापन, अवसाद जैसी बिमारियों के साथ साथ नपुंसकता व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी होने की सभावना प्रबल है।
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