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Lucknow News Today: 'महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम-2013' के 8 साल पूरे, डॉ. नेहा आनंद ने कानूनों के प्रति किया जागरूक

Lucknow News Today: लखनऊ के मुख्य विकास भवन सभागार में ''कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम-2013'' के 08 वर्ष पूरे होने पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में इस कानून के प्रावधानों के बारे में बताया गया।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 9 Dec 2021 2:00 PM GMT
Lucknow News Today: महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम-2013 के 8 साल पूरे, डॉ. नेहा आनंद ने कानूनों के प्रति किया जागरूक
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Lucknow News in Hindi: गुरुवार को राजधानी के मुख्य विकास भवन सभागार में ''कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम-2013'' के 08 वर्ष पूरे होने पर जागरूकता कार्यक्रम (awareness program) का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश (DM Abhishek Prakash) के निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में इस कानून के प्रावधानों के बारे में बताया गया।

कैसे प्रभावित होती है पीड़ित की मनोदशा

कार्यक्रम में जनपद स्तरीय अधिकारियों व कर्मियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। आली संस्था से रेनू मिश्रा एवं मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ डॉ. नेहा आनन्द (Psychologist Dr. Neha Anand) के रूप में ''कार्यस्थल पर महिलाओं का लैगिंक उत्पीड़न अधिनियम-2013'' के प्रावधानों पर जागरूक एवं संवेदीकरण किया गया।

इस मौके पर डॉ. नेहा आनन्द (Psychologist Dr. Neha Anand) द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैगिंक उत्पीड़न अधिनियम-2013 के अन्तर्गत सभागार में उपस्थित समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्मिकों को समाज में व्याप्त लैंगिक असमानताओं, विकृतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। डॉ. नेहा आनन्द (Psychologist Dr. Neha Anand) द्वारा विषय से पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा किस प्रकार प्रभावित होती है, साथ ही समस्या का समाधान न होने की स्थिति में उसके व्यवहार में परिवर्तन भी प्रदर्शित होता है। इसलिए आवश्यक है इस प्रकार की समस्याओं का निस्तारण किया जाए।

अधिनियम की बारीकियों से करवाया अवगत

आली संस्था से रेनू मिश्रा द्वारा अधिनियम के अन्तर्गत विधिक विशेषज्ञ के रूप में अधिनियम के प्रावधान, नियम एवं दण्ड संहिता के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने अधिनियम की बारीकियों से अवगत कराते हुए बताया कि कार्यस्थल पर किस तरह के व्यवहार एवं गतिविधियों को कार्यस्थल पर उत्पीड़न की श्रेणी में लिया जाता है, जिसके खिलाफ पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत आंतरिक परिवाद समिति व स्थानीय परिवाद समिति के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है।

मुख्य विकास अधिकारी ने दिए ये निर्देश

लखनऊ के मुख्य विकास अधिकारी की ओर से ''कार्यस्थल पर महिलाओं का लैगिंक उत्पीड़न अधिनियम-2013'' के प्राविधानों को समस्त गैर सरकारी व सरकारी कार्यालयों में सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गए एवं कार्यालय के सूचना पटल पर आंतरिक परिवाद समिति में गठित सदस्यों के नाम व विवरण चस्पा किए जाएं व विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर ''कार्यस्थल पर महिलाओं का लैगिंक उत्पीड़न अधिनियम-2013'' के प्रावधानों पर कार्यक्रम आयोजित कराये जाने के निर्देश दिए गए।

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Deepak Kumar

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