×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Lucknow News: लखीमपुर खीरी कांड ने बढ़ाई भाजपा की चिंता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव की राह और मुश्किल हुई

लखीमपुर खीरी की हिंसा में कई लोगों की मौत के बाद सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री के बेटे पर किसानों पर कार चढ़ाने का आरोप लगने के बाद योगी सरकार पर भी हमले काफी तेज हो गए हैं।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariPublished By Deepak Kumar
Published on: 4 Oct 2021 9:24 AM IST (Updated on: 4 Oct 2021 10:43 AM IST)
Lucknow News: लखीमपुर खीरी कांड ने बढ़ाई भाजपा की चिंता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव की राह और मुश्किल हुई
X

लखीमपुर खीरी कांड ने बढ़ाई भाजपा की चिंता।

Lucknow: लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा की घटना ने भाजपा के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। भाजपा को अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ना है । इस घटना के बाद किसानों का मुद्दा और गरमा गया है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश ज्यादा संवेदनशील बना हुआ है। लखीमपुर खीरी की हिंसा में कई लोगों की मौत के बाद सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री के बेटे पर किसानों पर कार चढ़ाने का आरोप लगने के बाद योगी सरकार पर भी हमले काफी तेज हो गए हैं।

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ ही किसान नेताओं के भी लखीमपुर पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है। किसानों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन और तेज करने का फैसला किया है। किसानों की मौत के मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे का नाम आने के बाद यह आंदोलन इतना गरमा गया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिली जीत के बाद भाजपा ने इस इलाके में अपनी ताकत दिखाने के लिए खास रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया था। मगर लखीमपुर कांड के बाद सरकार बैकफुट पर आती दिख रही है।

नई रणनीति अपनाने पर मजबूर हुई सरकार

केंद्र सरकार की ओर से पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने पिछले नवंबर से ही आंदोलन छेड़ रखा है । वे किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में लखीमपुर में किसानों के साथ की गई बर्बरता के मुद्दे पर प्रदेश सरकार कठघरे में खड़ी हो गई है। योगी के गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने के बाद सरकारी स्तर पर भी रणनीति बनाने का काम तेज कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसान आंदोलन की काट खोजने में जुटे हुए हैं। मगर लखीमपुर कांड ने सरकार को नई रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है।

भारी पड़ सकता है लखीमपुर कांड

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश की 325 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए अन्य दलों को चौंका दिया था। भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों की 71 में से 54 सीटों पर जीत हासिल करके रालोद समेत सभी विपक्षी दलों को काफी पीछे धकेल दिया था। अब भाजपा ने जीती हुई सीटों के साथ ही हारी हुई सीटों पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है मगर लखीमपुर में हुई घटना अब भाजपा के लिए भारी पड़ती दिख रही है।

पिछले चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था । मगर अब भाजपा ने जीती हुई सीटों के साथ ही हारी हुई सीटों पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। भाजपा अपने विनिंग फार्मूले को धार देने की कोशिश में जुटी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय खोलने के पीछे भी सरकार की मंशा अपनी सियासी जमीन को मजबूत बनाने की ही थी। दादरी में सम्राट मिहिरभोज की प्रतिमा लगाए जाने के पीछे भी भाजपा की बड़ी सियासी सोच थी मगर लखीमपुर कांड के बाद अब उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

मंत्री की सफाई पर किसानों को भरोसा नहीं

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की ओर से सफाई दी गई है कि उनके उनके बेटे पर किसानों पर कार चढ़ाने का आरोप पूरी तरह गलत और मनगढ़ंत है। उनका कहना है कि बेटे को घेरकर प्रदर्शन किया जा रहा था तभी अचानक यह हादसा हो गया। उन्होंने बेटे के कार ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या किए जाने का भी आरोप लगाया है। मंत्री की ओर से दी जा रही सफाई पर किसानों को कोई भरोसा नहीं है । यही कारण है कि अब उनके इस्तीफे की मांग उठाई जाने लगी है। गृह राज्यमंत्री की ओर से लगातार खंडन किए जाने के बाद उनकी बातों पर भरोसा करने के लिए कोई तैयार नहीं है।

जानकारों का कहना है कि सप्ताह भर पहले मंत्री की ओर से एक ऐसा बयान दिया गया था जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया। मंत्री की ओर से किसानों को इशारा करते हुए बयान दिया गया था कि सुधर जाओ नहीं तो दो मिनट का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि मैं रोज जिस नई चुनौती को स्वीकार करता हूं, उसे पूरा करके ही दम लेता हूं।

लखीमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान कई लोगों की मौत से सियासी माहौल गरमाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में सोमवार के अपने सभी कार्यक्रम रद्द करके लखनऊ पहुंच गए। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी मिलेगा, उसे कड़ी सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।

विपक्ष के तीखे तेवर से मुश्किल में सरकार

सोमवार को कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का लखीमपुर जाने का कार्यक्रम है। हालांकि प्रशासन उन्हें रोकने में जुटा हुआ है। इसके साथ ही सपा की ओर से इस मुद्दे पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने की योजना तैयार की गई है। किसान नेता राकेश टिकैत भी लखीमपुर पहुंच रहे हैं जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।

सियासी जानकारों का कहना है कि लखीमपुर खीरी प्रकरण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनावों को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। चुनावी नुकसान की आशंका से ही सरकार इस मामले को ठंडा करने में जुटी हुई है। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में अपने बकाया कार्यक्रमों को छोड़कर लखनऊ पहुंच गए हैं और उन्होंने देर रात तक अधिकारियों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति तैयार की है। विपक्ष के तेवर से साफ है कि उसे योगी सरकार पर हमला करने का बड़ा हथियार मिल गया है। अब हर किसी की नजर योगी पर ही टिकी हुई है कि वे किस तरह इस संकटपूर्ण स्थिति का सामना कर पाते हैं।



\
Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story