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Lucknow News: संस्कृत संस्थानम अब छात्र-छात्राओं को कराएगा आईएएस और पीसीएस की तैयारी

आईएएस-पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को अब फ्री कोचिंग के साथ-साथ स्कॉलरशिप की सुविधा भी मिल सकेगी।

Krantiveer
Published on: 6 Aug 2021 10:26 AM GMT
Sanskrit Sansthanam
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संस्कृत संस्थानम की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Lucknow News: आईएएस-पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को अब फ्री कोचिंग के साथ-साथ स्कॉलरशिप की सुविधा भी मिल सकेगी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश का संस्कृत संस्थानम अब सत्र 2021-2022 के आईएएस-पीसीएस की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए फ्री कोचिंग एवं स्कॉलरशिप की सुविधा देगा। अभी यह कोचिंग लखनऊ (मुख्य केंद्र), गोरखपुर, मेरठ, प्रयागराज और वाराणसी में शुरू होगी। इसमें सभी अभियार्थी ऑनलाइन व ऑफलाइन के माध्यम से संस्कृत साहित्य के साथ-साथ आईएएस पीसीएस की तैयारी कर सकेंगे।

आवेदन की प्रक्रिया

इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए संस्कृत संस्थान ने तैयारी कर रहे हैं छात्र-छात्राओं के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि भी निर्धारित कर दी है। यह रजिस्ट्रेशन 9 अगस्त से 5 सितंबर तक चलेंगे। इसमें वही अभ्यर्थी रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे जिनकी उम्र 21 से 35 वर्ष के बीच में होगी। आपको बता दे कि अभ्यर्थी सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा सत्र 2021 -22 के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की वेबसाइट https://upsanskritsansthanam.in पर जाकर निशुल्क रजिस्ट्रेशन करें अथवा https://upsscivil.in पर लिंक पर भी जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। वहीं ज्यादा जानकारी के लिए अभ्यर्थी दिए गए फ़ोन नंबर 9936469208, 6390006920, 0522-4330139 पर सम्पर्क कर सकते है।

कोचिंग की प्रमुख विशेषताएं

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने कोचिंग के लिए सामान्य अध्ययन एवं संस्कृत के साहित्य देश के सबसे अनुभव शील विशेषज्ञों को चुना है। ऑनलाइन, ऑफलाइन एवं वीडियो लेक्चर के माध्यम से होंगी कक्षाएं। संस्कृत सामान्य अध्ययन और समसामयिकी की द्वीभाषाई पाठ्य सामग्री होगी। बहुस्तरीय कक्षा टेस्ट एवं टेस्ट सीरीज और समसामयिक की सप्ताहिक कक्षाएं होगी और अत्याधुनिक डिजिटल पुस्तकालय होगा।

ऐसा माना जा रहा है कि संस्कृत संस्थानम की पहल से आईएएस और पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्रों को सहूलियत मिलेगी। इसके साथ ही तैयारी करने में काफी मदद भी मिलेगी। इससे सबसे ज्यादा राहत उन छात्रों को मिलेगी जो गरीब परिवार से आते हैं। फिलहाल इसका छात्रों को कितना लाभ मिल पाएगा इसकी सार्थकता इस बात पर निर्भर करेगी।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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