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Lucknow News: शिवपाल के गुन्नौर से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज, बेटे के लिए छोड़ेंगे जसवंतनगर सीट

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जीत के लिए सीटों पर दावेदारी की गुणगणित तेज हो गई है। शिवपाल यादव अपनी सीट बेटे के लिए खाली करेंगे।

Sandeep Mishra
Published on: 25 Sept 2021 7:19 PM IST
Shivpal Yadav
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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ शिवपाल यादव की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Lucknow News: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (pragatisheel samajwadi party) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal SinghYadav) सूबे की गुन्नौर विधानसभा सीट से अगला चुनाव लड़ने की अपनी पूरी तैयारी कर चुके हैं।अपनी पुरानी जसवन्तनगर विधानसभा सीट शिवपाल सिंह यादव (Shivpal SinghYadav) अब अपने बेटे आदित्य यादव के लिए छोड़ देंगे। शिवपाल सिंह यादव (Shivpal SinghYadav) के इन दोनो निर्णयों पर सपा प्रमुख व उनके भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी अपनी सहमति दे दी है। साथ ही सैफ़ई राजपरिवार ने यह भी तय कर दिया है कि इन दोनों ही सीटों पर सपा का कोई भी प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिये नहीं उतारा जाएगा।

धर्मेंद्र यादव करेंगे गुन्नौर में शिवपाल की मदद

हालांकि गुन्नौर विधानसभा सीट पर खुद शिवपाल सिंह यादव (Shivpal SinghYadav) की अपनी मजबूत पकड़ है। लेकिन सूत्रों ने यह भी बताया है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने अपने चचरे भाई सम्भल लोकसभा सीट के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव गुन्नौर में चाचा शिवपाल की मदद करने के लिये बोला है। पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का भी गुन्नौर सीट पर अच्छा खासा दखल है।

जसवन्तनगर सीट से आदित्य को जिताने के लिये जुटेगा सैफ़ई परिवार

जसवन्तनगर सीट मुलायम सिंह यादव परिवार की पैतृक सीट रही है।जब भी सैफ़ई परिवार के किसी सदस्य को नेता बनाया जाता है तो उसकी शुरुआत इसी सीट से की जाती रही है। पहले मुलायम सिंह ने शिवपाल सिंह को विधायक बनाने के लिये यह सीट उनके लिए छोड़ दी थी।अब शिवपाल सिंह यादव ने यह सीट अपने बेटे आदित्य यादव के लिये छोड़ दी है।वैसे इस सीट को अब तक शिवपाल सिंह यादव का अभेद किला माना जाता है। यह तय है कि जब शिवपाल सिंह का पुत्र इस सीट से अगला चुनाव लड़ेगा तो उसे हराने के लिए सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव एक्टिव होंगे। उनके एक्टिव होने की वजहें भी हैं क्योंकि पिछले चुनाव ने शिवापाल सिंह यादव की फील्डिंग से ही रामगोपाल यादव का बेटा अक्षय प्रताप सिंह चुनाव हार गया था। इसलिये यह मौका अब राम गोपाल नहीं छोड़ने वाले हैं। सूत्र बताते हैं कि इसी के मद्देनजर आदित्य यादव की जीत सुनिश्चित करने के लिये सैफ़ई परिवार में मन्त्रणा हो चुकी है। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव व पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव उर्फ तेजू को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने भाई आदित्य को जिताने के लिए दिन रात एक कर दें।

इटावा सीट पर रामगोपाल यादव के दत्तक पुत्र का कट सकता है टिकट, शिवपाल को करना पड़ सकता है समझौता

सपाई सूत्रों ने जानकारी दी है कि इटावा सीट पर सपा राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव के दत्तक पुत्र पूर्व इटावा नगर पालिका अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता उर्फ संटू का टिकट इस बार सपा से कटना तय माना जा रहा है। सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव अपने छोटे भाई धर्मेंद्र यादव के पीएसओ की मां लीलावती राजपूत को इटावा सीट से प्रत्याशी बनाने के मूड में है। इसके पीछे का यह कारण भी है कि इटावा सीट पर लोधी बिरादरी का वोट हमेशा जितायु स्थिति में होता है।इस इटावा सीट से शिवपाल सिंह यादव पूर्व विधायक रघुराज सिंह शाक्य को प्रसपा का प्रत्याशी पूर्व में ही घोषित कर चुके हैं। अभी इस मुद्दे पर मुलायम सिंह यादव की मध्यस्था के मार्फ़त अखिलेश यादव व शिवपाल सिंह यादव के बीच बातचीत होनी अभी बाकी है।

रामगोपाल के गुट से जुड़े नेता कर रहे है अब बसपा से संपर्क

सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस आगामी चुनाव की तैयारियो को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब अपने पिता के तजुर्बे को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। इसलिए यह संकेत मिल रहे है कि रामगोपाल यादव की प्रत्याशियों की सूची पर पिछली दफे की तरह इस बार सपा प्रमुख ज्यादा तरजीह नही देंगे। गुजरे जिला पंचायत चुनाव में इटावा व आसपास के ज़िलों में रामगोपाल गुट के लोगों की सपा प्रत्याशियों को जिताने को लेकर बहुत अच्छी भूमिका नही रही है।इसलिए इस बार अखिलेश टिकट वितरण में ज्यादातर अपने पिता की ही अब सुन रहे हैं।सूत्र बताते हैं कि इसी के मद्देनजर राम गोपाल यादव गुट के कुछ नेताओं ने अभी से बसपा नेताओं से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है।अब बसपा प्रमुख के दरबार मे किस किस को तरजीह मिलेगी यह तो समय ही बताएगा।



Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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