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Lucknow News: प्रशिक्षित कमांडो से सुसज्जित है यूपी एटीएस, जनिए कब और क्यों हुआ था गठन

उत्तर प्रदेश एटीएस संस्थापक सदस्य व पूर्व आईपीएस राजेश पाण्डेय बताते हैं कि आतंकी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है देवबंद।

Sandeep Mishra
Published on: 20 Aug 2021 4:09 PM GMT
UP ATS formed
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यूपी एटीएस की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश एटीएस संस्थापक सदस्य व पूर्व आईपीएस राजेश पाण्डेय बताते हैं कि आतंकी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है देवबंद। इसलिये सूबे के 12 जनपदों में यूपी एटीएस यूनिट स्थापित करना सरकार का शानदार निर्णय रहा ही, लेकिन मौजूदा अफगानिस्तान के हालातों को देखते हुए अब देवबन्द में एटीएस की यूनिट की स्थापना करना, योगी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है।

यूपी एटीएस के फाउंडर मेम्बर व पूर्व आईपीएस राजेश पाण्डेय ने बताया कि देश की सबसे महत्वपूर्ण है देवबन्द में स्थापित होने जा रही यूपी एटीएस की यूनिट। उन्होंने बताया कि देवबन्द में आतंकी गतिविधियां बहुत हुई हैं। एनआईए व आईबी ने कई बार स्थानीय पुलिस के सहयोग से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले तत्वों की गिरफ्तारियां की हैं। यह अब तक का देवबन्द का इतिहास बताता है।

आतंकी गतिविधियों का मुख्य केंद्र है देवबंद


यूपी एटीएस के इस पूर्व आईपीएस अधिकारी ने बताया कि देवबन्द तीन राज्यों के सेंटर पॉइंट पर है। देवबंद में उत्तर प्रदेश, हरियाणा व उत्तराखंड राज्य की सीमाएं मिलती हैं।यहां मुस्लिम मत की दो विचारधाराएं निवास करती हैं। एक देवबंदी व दूसरी बरेलवी। पिछले 10 वर्षों में यहां बेहद तनाव व आतंकी गतिविधियों का माहौल देखा गया है। उन्होंने यूपी एटीएस में रहने के दौरान के अपने अनुभवों को न्यूजट्रैक से साझा करते हुए बताया आईएसआई की गतिविधियों का देवबंद प्रमुख केंद्र रहा है। उनका अनुभव है कि जहां मुस्लिम लोगों की बहुतायत संख्या होती है वहां आईएसआई अपनी जगह बना लेती है।देवबंद में जगह ऐसी हैं जहां आईएसआई को पूरा प्रश्रय मिलता है। उन्होंने बताया कि आज यूपी एटीएस का सामना करने से हर आतंकी संगठन घबराता है।

2008 में हुआ था यूपी एटीएस का जन्म

यूपी एटीएस के संथापक सदस्य पूर्व आईपीएस राजेश पाण्डेय ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने बीते वर्ष 2005 में अयोध्या के राम मंदिर (तब एक टेंट में था राममंदिर) आतंकी हमला किया था। हमारी टीम ने सूबे में यह पहली आतंकी घटना फेस की थी। हम लोग बहुत जल्द घटना स्थल पर पहुंचे थे। फिर इन आतंकी गतिविधियों को संरक्षण देने वालों को गिरफ्तार भी किया। इसके बाद यूपी के फैजाबाद, लखनऊ, बनारस की अदालतों में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने एक ही साथ व एक ही समय में साइकिल बम से विस्फोट किये। वर्ष 2005 से लेकर 2007 के बीच आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने सूबे व देश के अलग अलग हिस्सों में अपनी आतंकी घटनाओं को इस तरह से अंजाम दिया कि लोग बुरी तरह से दहशत में आ गए थे।

उस समय यूपी एसटीएफ माफियाओं व गिरोहबन्द अपराधियों से जूझ रहा थी। फिर सरकार ने यह महसूस किया कि देश व उत्तर प्रदेश की आतंकी गतिविधियों का सामना करने के लिये किसी एक अलग सुरक्षा एजेंसी का गठन होना चाहिए। फिर 2008 में यूपी एटीएस का गठन किया गया। उस समय यूपी एटीएस का अपना कोई निजी ऑफिस नहीं था। लखनऊ में आज जहां आईजी रेंज का दफ्तर है, उसी के बगल में बॉर्डर पुलिस का दफ़्तर हुआ करता था, उसी में पहला यूपी एटीएस का दफ्तर बना। यूपी एटीएस के पहले एडीशनल एसपी राजेश पाण्डेय बनाये गए। इसके बाद यूपी एटीएस आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के पीछे पड़ गयी। इस आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों ट्रेस करने का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया गया। फिर यूपी एटीएस ने पूरे देश मे अपने नेटवर्क को खड़ा कर दिया। यूपी एटीएस की स्थापना ऐसे समय में की गई थी जब आतंकी संगठन उत्तर प्रदेश व पूरे देश में आतंकी हमले करवा रहा था। उस समय इंडियन मुजाहिदीन का मुख्यालय सूबे में आजमगढ़ जिला था।

यूपी एटीएस ने देश से इंडियन मुजाहिदीन के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया

यूपी एटीएस ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के देश में नेटवर्क को ध्वस्त करने में बेहद अहम रोल प्ले किया। सूबे के बनारस के घाटों पर हुए ब्लास्ट की जांच यूपी एटीएस ने की। आईएसआई के नेटवर्क का भी खुलासा यूपी एटीएस ने किया। यूपी एटीएस की पहल पर भी आतंकी के मामलों की सुनवाई के लिये भी उस समय कोर्ट जेल के भीतर ही लगती थी। इस विषय में पूर्व आईपीएस राजेश पाण्डेय बताते हैं कि तत्कालीन यूपी एटीएस के आईजी सब्बरवाल व अन्य अधिकारियों को यह महसूस हुआ कि इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकियों को पेशी के लिये जेल से कोर्ट तक ले जाना व फिर वापस जेल में शिफ्ट कराना बेहद जोखिमपूर्ण कार्य था। तब सरकार व न्यायालय की समन्जस्यपूर्ण पहल पर एटीएस की कोर्ट जेल के भीतर ही लगने लगी। यूपी एटीएस की पूरी टीम के प्रयासों के कारण ही आज इंडियन मुजाहिदीन का नेटवर्क पूरे देश में ध्वस्त हो गया है, जिसमें यूपी एटीएस का महत्वपूर्ण रोल है। जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

यूपी एटीएस मिशन को उसके अंजाम तक पहुंचाने में विश्वास रखती है

यूपी एटीएस के संस्थापक सदस्य व पूर्व आईपीएस राजेश पाण्डेय कहते हैं कि यूपी एटीएस देश व सूबे में सिर्फ आतंकी गतिविधियों पर खास नजर रखती है। उनका कहना है कि यूपी एटीएस हर केस को लॉजिकल उसके अंजाम तक पहुंचाने का काम करती है। चाहे फिर वो बनारस के घाटों का ब्लास्ट की घटना रही हो या फिर अयोध्या, बनारस, लखनऊ में एक साथ न्यायालयों ने हुए ब्लास्ट या फिर अन्य कोई घटना रही हो। सब की सब आतंकी घटनाओं में यूपी एटीएस ने एक अच्छे रिजल्ट के साथ ही घटना को उसके अंजाम तक पहुंचाया है। आज भी धर्मान्तरण के मामले में लगातार यूपी एटीएस उसके अंजाम तक पहुंचाने का काम कर रही है। बहुत जल्द ही यूपी एटीएस धर्मान्तरण के रैकेट को देश व सूबे से नेस्तनाबूत करके ही दम लेगी।


यूपी एटीएस के कमांडो हर तरह की परिस्थितियों से जूझने में सक्षम

यूपी एटीएस के संस्थापक सदस्य राजेश पाण्डेय बताते हैं कि पहले एटीएस ज्यादा अत्याधुनिक नहीं थी। उस समय किसी भी ऑपरेशन के लिए हमारे पास पीएसी ही थी, लेकिन फिर यूपी एटीएस को हर परिस्थितियों से लड़ने के लिए एक कमांडो ट्रेनिग देने पर विचार किया गया। ताकि किसी भी आतंकी ऑपरेशन के लिये उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिये यूपी एटीएस को किसी अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कमांडो पर निर्भर न रहना पड़े।यूपी एटीएस को ट्रेनिग की आवश्यकता थी। तब राजधानी लखनऊ में पहला यूपी एटीएस कमांडो ट्रेनिग सेंटर अमौसी के पास बनाया गया। ये अमौसी के पास पहला कमांडो ट्रेनिग सेंटर वर्ष 2009 में स्थापित हुआ था।

उन्होंने बताया कि यूपी एटीएस में सिलेक्शन का क्राइटेरिया बहुत ही भिन्न है। अब पैरा मिलिट्री व आर्मी के अनुभवी सीनियर कमांडो ट्रेनर से यूपी एटीएस के कमांडो को प्रशिक्षित किया जा रहा है। आज मौजूदा समय में (2018-2019 तक) यूपी एटीएस की आठ कमांडो ट्रेनिग यूनिट हैं। जिसमें बनारस, आजमगढ़, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, सहारनपुर, गजियाबाद हैं। इन यूनिट्स में तैयार होने वाले यूपी एटीएस के कमांडो हर कठिन से कठिन परिस्थितियों से जूझने में सक्षम हैं।

आतंकियों के इरादों का मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम है यूपी एटीएस

यूपी एटीएस का ऑफिस अब आज अपने नई बिल्डिंग में है। आज यूपी एटीएस के पास कमांडो बेहद प्रशिक्षित हैं। मॉडर्न हथियारों से लैस होकर ही आज यूपी एटीएस अपने किसी भी ऑपरेशन पर निकलती है। आज यूपी एटीएस के पास प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड है। यूपी एटीएस के पास प्रशिक्षित कमांडो की इतनी संख्या है कि देश विरोधी तत्व इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। यूपी एटीएस के संस्थापक सदस्य पूर्व आईपीएस राजेश पाण्डेय कहते हैं कि जब देश में कोई बड़ा ऑपरेशन हुआ तो यूपी एटीएस के कमांडो के पराक्रम को आतंकियों के साथ साथ पूरा भारत भी हमारे कमांडो की वीरता को देखेगा।

उन्होंने कहा कि सबसे खास बात तो यह है कि आज भी यूपी एटीएस के पास जाबांज अधिकारी भी हैं। यूपी एटीएस के जबांज आईजी जीके गोस्वामी के नेतृत्व में हमारी एटीएस देश विरोधी तत्वों पर पानी नजर रखे हुए है। आज अफगानिस्तान में जो भी घटनक्रम घट रहे हैं उस पर यूपी एटीएस की पैनी नजर है। देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर यूपी एटीएस सजग व सतर्क है। सीएम योगी ने सूबे जिन जिलों में यूपी एटीएस की यूनिट खोलने का खाका तैयार किया है उससे भविष्य में यूपी एटीएस को बेहद मजबूती ही मिलेगी।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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