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Lucknow News: कोरोना को देखते हुए रात दस बजे तक बाहर रहने की छूट, जेलों में बंदियों से मुलाकात भी हुई बंद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है।
कोरोना वायरस (फोटो : सोशल मीडिया )
Lucknow News: देश के अन्य राज्यों में कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत बताते हुए कहा कि पुलिस द्वारा लोगों को मास्क लगाने, भीड़ न लगाने तथा रात्रि 10 बजे के बाद घर जाने के लिए प्रेरित किया जाए। रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू के नाम पर किसी के भी साथ दुर्व्यवहार न किया जाए। इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि लोगों में अनावश्यक पैनिक न हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। लोगों को बचाव के संबंध में लगातार जागरूक किया जाए। उन्हें मास्क पहनने, टीकाकरण कराने और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। हालांकि संक्रमण की स्थिति अभी पूरी तरह नियंत्रण में है। थोड़ी सी भी लापरवाही प्रदेशवासियों के लिए भारी पड़ सकती है।
वहीं बैठक में अधिकारियों ने बताया कि बीते 24 घंटों में हुई एक लाख 93 हजार 549 सैम्पल की जांच में कुल 383 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 31 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 1211 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 859 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण तेज है लेकिन वायरस कमजोर है।
उधर राज्य सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि कोरोना को देखते हुए जेलों में निरुद्ध बंदियों की सुरक्षा के लिए संबंधियों से मुलाकात की व्यवस्था को स्थिति सामान्य होने तक स्थगित रखा जाए। बाराबंकी में कोविड पॉजिटिव पाए गए बंदी के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। आवश्यकता होने पर तत्काल अस्पताल में इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में मौजूद शासकीय एवं निजी कोविड अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा के साथ-साथ मॉक ड्रिल भी किया जाना चाहिए। तीन एवं चार जनवरी को यह कार्य प्रदेश में एक साथ हो। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं विशेषज्ञों की निगरानी में संसाधनों की परख की जाए। वेंटिलेटर, नीकू, पीकू की संख्या और बढ़ाई जाए। अब तक 551 ऑक्सीजन प्लांट षुरूहो चुके हैं। इन सभी अस्पतालों को तैयार रखा जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मार्च 2020 में जब प्रदेश में पहला कोविड केस आया था तब हमारे पास न टेस्टिंग फैसिलिटी थी न ही उपचार की। आज हर जिले में आरटीपीसीर टेस्ट लैबोरेटरी एक्टिव हैं। हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट हैं और आइसोलेशन, आईसीयू बेड्स भी पर्याप्त संख्या में हैं। कोरोना के खिलाफ अब तक की लड़ाई में उत्तर प्रदेश के प्रयास को वैश्विक सराहना मिली है, आगे भी हम सभी के सहयोग से जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि कोविड के खिलाफ वैक्सीन सुरक्षा कवच है। जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाया है, उन्हें जल्द से जल्द टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही, जिन लोगों को टीके की दूसरी डोज दी जानी है, उन्हें शीघ्र ही यह डोज लगायी जाए। ।