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PUBG Case: गोली लगने के बाद 9 घंटे तक तड़पती रही मां, सांसें थमने के इंतजार में 6 बार कमरे में आया बेटा

PUBG Case: आरोपी कम उम्र में ही गलत संगत में पड़ चुका था। गलत काम के कारण स्कूल से भी कई बार शिकायतें आने लगी थी। लड़की को लेकर अक्सर शिकायतें आना उसके लिए आम बात हो गयी थी।

Shiva Sharma
Written By Shiva Sharma
Published on: 9 Jun 2022 12:37 PM GMT
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लखनऊ एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी  

Lucknow Pubg Case : यूपी की राजधानी लखनऊ के पीजीआई (Lucknow PGI) स्थित यमुनापुरम कॉलोनी (Yamunapuram Colony) में रहने वाली महिला साधना की मौत गोली लगने से मौत हो गई। उसे गोली किसी और ने नहीं बल्कि उसके बेटे ने ही मारी थी। गोली लगने के बाद तकरीबन 9 घंटे तक साधना तड़पती रही। आख़िरकार उसने दम तोड़ दिया। पुलिस की पूछताछ में हत्या आरोपी बेटे ने यह बात बताई।

लड़के ने बताया कि, जब उसने अपनी मां को शनिवार-रविवार की दरमियानी रात में सिर में गोली मारी, तो उस वक्त वो लहूलुहान हालत में थी। उसकी मौत रविवार दोपहर तकरीबन 12 बजे हुई थी। इस दौरान उसकी मां साधना सिंह खून से लतपथ बिस्तर पर तड़प रही। सांसें थमने का इंतज़ार कर रहे उसके 16 वर्षीय बेटे ने इस दौरान कमरे में 6-7 बार ताक-झांक की। जब उसे तसल्ली हो गई उसकी मां ने दम तोड़ दिया है तब कहीं जाकर उसने चैन के सांस ली। उसके बाद दरवाज़े को लॉक कर दूसरे कमरे में बहन को जबरन बैठाए रखा।

केस उलझाने के लिए चोर पर डाला हत्या का दोष

पुलिस के मुताबिक, मंगलवार रात तकरीबन 9 बजे पड़ोसियों के द्वारा 112 नंबर पर पुलिस को महिला की हत्या सूचना दी गयी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को देखा तो होश उड़ गए। जिसके बाद अफसरों ने भी घटनास्थल का दौरा किया। जांच में पहले तो हत्यारे 16 वर्षीय बेटे ने पुलिस को उलझाने के लिए मनगढंत कहानी सुनायी। उसने कहा कि, एक दिन पहले उसके घर में आकाश नाम शख्श घुस आया था। जिसने चोरी की वारदात को न सिर्फ अंजाम दिया, बल्कि घर में रुका भी। जब इस बात का विरोध उसकी मां साधना सिंह ने किया, तो उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। लेकिन पुलिस को इस कहानी पर इसलिए भरोसा नहीं हुआ क्योंकि उसकी कहानी के अनुसार उसकी मौत एक दिन पहले हुई थी। मगर, लाश की हालत देखने से लग रहा था कि वो कई दिन पुरानी है। लिहाज़ा उस वक्त घर में मां-बेटे के अलावा मौजूद 9 वर्षीय उसकी बहन अथवा मृतका की बेटी से अलग पूछताछ की गई। उसने सारा राज़ उगल दिया। उसने बता दिया कि कैसे न सिर्फ उसके बड़े भाई ने मां को गोली मारी। बल्कि उसे भी डरा-धमकाकर घर में रखा।

गोली मारते वक्त बहन और मां एक ही बिस्तर पर थे

पुलिस के मुताबिक जिस दिन साधना के बेटे ने साधना को गोली मारी, उस दिन साधना सिंह और उसकी 9 वर्षीय बेटी यानी हत्यारोपी की छोटी बहन एक साथ एक ही कमरे में सो रही थी। इसी दौरान उसने अपने दूसरे कमरे में पिता नवीन की लाइसेंसी रिवाल्वर में 1 गोली डालकर पिस्टल लोड किया। फिर, आधी रात को मां के कमरे में जाकर सिर सटाकर गोली मार दी।

दोस्त को मूवी देखने और पार्टी के लिए बुलाया

घर के पास मौजूद एक दोस्त को हत्यारे बेटे ने अपने घर बुलाकर न सिर्फ मूवी दिखाई, बल्कि खाने-पीने की पार्टी भी की। पूरी रात वो वहीं रहा। लेकिन, दूसरे दिन ही सुबह वो वहां से चला गया। पुलिस के बयान में हत्यारे 16 वर्षीय बेटे ने इस बात को भी बताया कि उसके दोस्त को इस बात का पता बही नहीं चला कि उस घर में किसी की हत्या भी हो चुकी है |

मां को मारने का जरा भी नहीं मलाल

एडीसीपी कासिम आब्दी के मुताबिक, बुधवार जब मृतका साधना के पति पीजीआई थाने पहुंचे और पिता-पुत्र का सामना हुआ, तो उसके माथे पर बिलकुल शिकन तक नहीं थी। उसने मौत को सिर्फ गेम खेलने से टोकने को लेकर हत्या कर कही। जब उसके पिता ने उससे सवाल किया कि उसने ऐसा क्यों किया तो आरोपी ने पिता से कहा, कि वो उस पर ध्यान नहीं देते थे, जिसके बाद उसने कुछ भी बोलना मुनासिब नहीं समझा।

अय्याश किस्म का था हत्यारा बेटा

पुलिस सूत्रों के मुतबिक, कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाला 16 वर्षीय साधना का बेटा कम उम्र में ही गलत संगत में पड़ चुका था। गलत काम के कारण स्कूल से भी कई बार शिकायतें आने लगी थी। लड़की को लेकर अक्सर शिकायतें आना उसके लिए आम बात हो गयी थी। पिता और अन्य परिजनों से पूछताछ करने पर पुलिस को ये भी पता चला कि 16 वर्षीय नाबालिग कई बार घर से भाग चुका है। पुलिस उसे ढूंढकर लायी या फिर वो कुछ ही दिनों बाद वापस लौट आया। ऐसे में उसकी हरकतें एक आम छात्र से अलग थी।

पुलिस ने आरोपी बेटे को भेजा बाल-सुधार गृह

एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी ने ये बताया भी कि, 16 वर्षीय जिस बेटे को अपनी मां की हत्या के लिए हिरासत में लिया गया था। उसे कानूनी कार्रवाई के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए प्रॉसिक्यूशन की मदद ली जा रही है।

घर में पसरा सन्नाटा, चंदौली गांव रवाना हुआ परिवार

सैन्यकर्मी नवीन कुमार जैसे ही अपनी पत्नी के मौत की खबर सुना वो फ़ौरन छुट्टी लेकर लखनऊ पहुंचा। जहां उसने अपनी 9 वर्षीय बेटी व अन्य रिश्तेदारों के साथ साधना का अंतिम संस्कार किया। उसके बाद वो चंदौली स्थित अपने गांव चले गए। जिसके बाद कल से पूरे घर में ताला लगा है। इलाके में भी संन्नाटा पसरा है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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