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Lucknow News: अब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नहीं पड़ेगा भटकना, 15 नवंबर से शुरू होगा 520 बेड़ का नया इमरजेंसी सेंटर

एसजीपीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल ने बताया कि नये इमरजेंसी सेंटर के तीन फ्लोर तैयार हो गए हैं।

Shashwat Mishra
Written By Shashwat MishraPublished By Shweta
Published on: 8 Oct 2021 10:07 PM IST
SGPGI Chief Medical Superintendent Professor Gaurav Agrawal
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एसजीपीजीआई मुख्य चिकित्सा अधिक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रावल (डिजाइन फोटो)

Lucknow News: प्रदेशवासियों को किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) के लिये अब ज़्यादा दिनों तक इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि राजधानी के रायबरेली रोड़ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में नये इमरजेंसी सेंटर का निर्माण ज़ोर शोर से चल रहा है। एसजीपीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल (SGPGI CMS Prof. Gaurav Agarwal) के मुताबिक- 30 अक्टूबर,2021 तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद 15 नवंबर,2021 से मरीज़ों को भर्ती किया जा सकता है। इस नये सेंटर में 300 से ज़्यादा बेड़ नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी विभाग और किडनी ट्रांसप्लांट के लिये इस्तेमाल में लाए जाएंगे।

15 नवंबर से शुरू हो जाएगा नया इमरजेंसी सेंटर

एसजीपीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल ने बताया कि नये इमरजेंसी सेंटर के तीन फ्लोर तैयार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर,2021 के पहले पूरा सेंटर तैयार हो जाएगा, ऐसा उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने हमें विश्वास दिलाया है। प्रो गौरव ने बताया कि अग़र हमें 30 अक्टूबर,2021 तक सेंटर तैयार होकर मिल जाता है, तो 15 नवंबर,2021 से 100 बेड़ के साथ हम उसकी शुरुआत कर देंगे।

ऐसा होगा नया इमरजेंसी सेंटर

• एसजीपीजीआई में बन रहे नये इमरजेंसी सेंटर में कुल पांच फ्लोर हैं।

• पूरी बिल्डिंग में 520 बेड़ हैं।

• नयी बिल्डिंग को मुख्यतः इमरजेंसी मेडिसिन और रीनल ट्रांसप्लांट के लिये तैयार किया जा रहा है।

• 210 बेड़ इमरजेंसी मेडिसिन के लिए हैं।

• 300 से ज्यादा बेड़ नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी विभाग और किडनी ट्रांसप्लांट के लिये इस्तेमाल में लाए जाएंगे।

• सेंटर में आईसीयू, इमरजेंसी मेडिसिन के आईसीयू और किडनी ट्रांसप्लांट के आईसीयू हैं।

• चार ऑपरेशन थियेटर्स भी हैं, जिसमें ट्रांसप्लांट सर्जरी होंगी।

• डायग्नोस्टिक सेटअप है, जिसमें सीटी, एमआरआई सहित अन्य जांच होंगी।

100 बेड़ से होगी शुरुआत

प्रोफेसर गौरव अग्रवाल ने बताया, "नया इमरजेंसी सेंटर एक तरह से मौजूदा हॉस्पिटल का विस्तार है। इसलिए/जो अभी संकाय सदस्य हैं, वो भी इसमें कार्य करते रहेंगे। मग़र ज़ाहिर सी बात है कि अग़र हम विस्तार करेंगे, तो हर कॉडर के स्टाफ को बढ़ाना पड़ेगा। क्योंकि यदि गुणवत्ता बनाए रखनी है, तो पर्याप्त स्टाफ का होना ज़रूरी है। तो अतिरिक्त फैकल्टी डॉक्टर्स, रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और सपोर्ट स्टाफ को नियुक्त किया जाएगा। मग़र अभी हम 100 बेड़ के साथ शुरूआत करेंगे, जिसमें मौजूदा स्टाफ ही कार्य करेगा।" उन्होंने बताया कि 'धीरे-धीरे हम स्टाफ बढ़ाते जाएंगे और सारे बेड्स को इस्तेमाल में ले आएंगे।'



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Shweta

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