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विवेक शुक्ला मर्डर केस की डायरी न्यायालय ने फिर की तलब, पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शार्प शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला ने दिया था इस हत्याकांड को अंजाम
लखनऊ के दिलीप होटल के कमरा नम्बर 102 में गत 1 अगस्त, 1997 को श्रीप्रकाश शुक्ला ने हत्या कर दी थी।
विवेक शुक्ला मर्डर केस की डायरी न्यायालय ने फिर की तलब (Social Media)
लखनऊ। सूबे के सबसे चर्चित विवेक शुक्ला मर्डर केस (Vivek Shukla murder case) की डायरी (Dairy) एक बार फिर न्यायालय ने तलब की है। 1 अगस्त 1997 को लखनऊ के एक होटल में शार्प शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला (Shooter Shriprakash Shukla) ने विवेक समेत उसके अन्य साथियों की AK 47 रायफल से दिन दहाड़े हत्या कर दी थी, जिसमें एक व्यक्ति बाद में जिंदा बच गया था। इस हत्याकांड से राजधानी समेत पूरे उत्तर प्रदेश में तहलका मच गया था। लगभग 24 साल बाद फिर एक बार इस कांड की केस डायरी न्यायालय में तलब की गई है।
इस कांड की पहले भी केस डायरी पुलिस नहीं करा पायी थी उपलब्ध
इस चर्चित कांड के बारे में जानकारी दी गयी है कि लखनऊ (Lucknow) के दिलीप होटल में के कमरा नम्बर 102 में गत 1 अगस्त, 1997 को श्रीप्रकाश शुक्ला ने हत्या कर दी थी। शार्प शूटर माफिया श्री प्रकाश शुक्ला ने विवेक पर ताबड़तोड़ AK 47 रायफल की गोलियां विवेक पर बरसाईं थीं। इस घटना की रिपोर्ट देवेंद्र शुक्ला ने थाना कैसरबाग में दर्ज करवाई थी। पुलिस ने इस मामले में श्रीप्रकाश शुक्ला, नीलेन्द्र पाण्डेय, राजन तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। श्रीप्रकाश शुक्ला की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो चुकी है। जबकि नीलेन्द्र पाण्डेय के मुकदमे का निस्तारण गत 6 जून, 2000 को कर दिया गया है। उन्हें इस मुकद्दमें से बरी कर दिया गया है। एक अन्य आरोपी राजन तिवारी की सुनवाई गत 26 जून, 2013 को थी, उस समय भी पुलिस इस केस की डायरी तलब करने के बाद भी न्यायालय में पेश नहीं कर पाई थी। अब एक बार फिर न्यायालय ने इस केस से सम्बंधित केस डायरी तलब की है।
होटल के कमरे से मिले थे पुलिस को 134 कारतूस
बताया यह जाता है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में यह पहला हत्याकांड था जिसमे पहली बार AK47 रायफल का प्रयोग किया गया था। होटल के रूम नम्बर 102 में पहले से मौजूद चार युवक भानु प्रकाश मिश्रा, उमाशंकर सिंह, रमेश जयसवाल और विवेक शुक्ला (Vivek Shukla) को पूर्वांचल के शूटर माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला व उसके साथियों ने सुबह 9 बजे के लगभग होटल के कमरे में घुसकर इन चारों युवकों गोलियों से भून दिया था।बाद में घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को मौके से AK47 रायफल के फूंके हुए 134 कारतूस मिले थे।
इस गोलीकांड में भानु मिश्र को लगीं थीं 27 गोलियां
इस गोलीकांड के शिकार हुए चारों लोग गोरखपुर के ही रहने वाले थे। इस घटना में भानु प्रकाश मिश्र को 27 गोलियां शरीर मे लगीं थीं। लगभग तीन साल के चले इलाज के बाद भानु मिश्र अस्पताल से घर लौट पाए थे।
इस घटना के समय थी बीएसपी की सरकार
सूबे के सबसे चर्चित इस कांड के समय उत्तर प्रदेश में बीएसपी की सरकार काबिज थी। उस समय इस कांड को एक बहुत बड़ा मुद्दा बनाकर समाजवादियों ने सड़क से लेकर सदन तक खूब हंगामा किया था। इस कांड के बाद से मायावती सरकार सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर कठघरे में थी।
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