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महंत नरेंद्र गिरि संदिग्ध मौत: CBI अब तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है,आनंद गिरि के पॉलीग्राफ टेस्ट की तैयारी
Mahant Narendra Giri Death: सीबीआई महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक रूप से परेशान करने वाले शख्स का पता लगा रही है।
Mahant Narendra Giri Death case: सीबीआई (CBI) आनंद गिरि का पॉलीग्राफ टेस्ट (Anand Giri polygraph test) करवाने के लिये कोर्ट में अपनी अर्जी कभी भी दे सकती है। क्योंकि सीबीआई के इस केस से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के जवाब देने में आनंद गिरि सिर्फ सीबीआई की जांच (CBI Investigation) में सहयोग करने का महज नाटक कर रहा है। सीबीआई यह मानकर चल रही है कि इस पूछताछ में आनंद गिरि सीबीआई टीम से कितना सच बोल रहा और कितना झूठ, यह पता करने के लिये उसका पॉलीग्राफ टेस्ट होना अब बहुत जरूरी है।
अब तक मुख्य किरदार तक नहीं पहुंच सकी है सीबीआई
सूत्र बताते हैं कि आनंद गिरि , पुजारी अद्या तिवारी व उसके पुत्र सन्दीप तिवारी से सीबीआई अपनी पूछताछ के दौरान अब तक उस किरदार का पता नहीं खोज सकी है, जो नरेद्र गिरि की सन्दिग्ध आत्महत्या का मुख्य मास्टरमाइंड है।हालाँकि इन तीनों से पूछताछ से सीबीआई को उन लोगों के नाम व मोबायल नम्बर जरूर पता लगे हैं , जो किसी न किसी रूप में आनंद गिरि से जुड़े हैं। सीबीआई को शक है कि इन तीनों से पूछताछ के बाद जिन लोगों के नाम की जानकारी सीबीआई को हुई है । उसमें कुछ लोगों के मोबाइल या तो स्विच ऑफ बता रहे हैं या कुछ लोगों के मोबाइल से नॉट रिचेबिल का सन्देश सीबीआई को मिल रहा है।हालाँकि सीबीआई ने ऐसे कई नंबर सर्विलांस में लगवा दिए हैं।
अब आनंद गिरि की लाइडिडेक्टर(पॉलीग्राफ)टेस्ट की तैयारी
महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने और अश्लील वीडियो के नाम पर मानसिक रूप से परेशान करने वाले शख्स का पता लगाने के लिए सीबीआई वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर जांच कर रही है। अगर इस प्रकरण में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला तो आरोपी शिष्य आनंद गिरि का सीबीआई लाई डिटेक्टर यानी पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है। ताकि सच सामने आ सके। यह टेस्ट को कराने के लिए सीबीआई को कोर्ट से अनुमति लेने की तैयारी कर रही है।
सन्दिग्ध वीडियो व फोन करने वाले शख्स को लेकर सीबीआई के है अब हाथ खाली
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे तीनों आरोपी आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी सीबीआई की कस्टडी में हैं। प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक सीबीआई की टीम छापामारी भी कर रही है। जिन लोगों पर शक है, उनसे पूछताछ भी चल रही है। आनंद गिरि का मोबाइल और लैपटॉप भी बरामद हो चुका है। लेकिन इस पूरी कार्रवाई के दौरान सीबीआई को अभी तक वह वीडियो नहीं मिला जिसके दबाव में आकर महंत नरेंद्र गिरि ने फांसी लगाई थी। दूसरा उस व्यक्ति का भी पता नहीं चल सका है कि जिसने हरिद्वार से महंत नरेंद्र गिरि को यह बताया था कि उनका वीडियो आनंद गिरि वायरल करने वाले हैं। इन दोनों सवालों का पता लगाने के लिए अब सीबीआई आनंद गिरि का पॉलीग्राफी टेस्ट करा सकती है। इससे यह भी पता चल जाएगा कि कहीं आनंद गिरि के नाम पर कहीं कोई तीसरा व्यक्ति तो शामिल नहीं है।