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Major Dhyanchand: एक जादूगर जो मुफलिसी में खत्म हो गया

भारत सरकार द्वारा राजीव खेल रत्न अवार्ड अब ध्यानचंद के नाम पर करने की घोषणा के बाद भारतीय हॉकी फिर चर्चा में है।

Neel Mani Lal
Published on: 10 Aug 2021 10:00 AM GMT
Major Dhyanchand
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मेजर ध्यानचंद की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Major Dhyanchand: टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम के बेहतरीन प्रदर्शन और भारत सरकार द्वारा राजीव खेल रत्न अवार्ड अब ध्यानचंद के नाम पर करने की घोषणा के बाद भारतीय हॉकी फिर चर्चा में है। टोक्यो में बढ़िया खेल दिखाने वाले भारतीय हॉकी खिलाड़ियों पर करोड़ों के नकद इनाम और ढेरों पुरस्कारों की बौछार हो रही है।

ऐसे में हॉकी के असली जादूगर ध्यानचंद को याद करना जरूरी है। हॉकी में भारत के नाम डंका पूरी दुनिया में बजवाने वाले ध्यानचंद अगर आज के समय में खेल रहे होते तो वो भी करोड़पति बन गए होते। लेकिन उनका जमाना कुछ अलग था जब खेल और खिलाड़ियों को इनाम के नाम पर बस शाबाशी मिलती थी। यही वजह है कि अपने जीवन के अंतिम दिनों में ध्यानचंद बेहद मुफलिसी में रहे और इन्हीं विषम हालातों में उनका देहांत हो गया। बताया जाता है कि जीवन के आखिरी पड़ाव में ध्यानचंद भारत में हॉकी की स्थिति और सरकार व हॉकी फेडरेशन के बर्ताव से बेहद खिन्न और निराश हो गए थे।

रिटायरमेंट के बाद ध्यानचंद लगभग भुला ही दिए गए थे। भारतीय हॉकी का भी तब तक पतन हो चुका था और किसी को न तो हॉकी और न हॉकी प्लेयर्स की कोई फ़िक्र थी। बताया जाता है कि एक बार ध्यानचंद अहमदाबाद में हॉकी के एक टूर्नामेंट को देखने गए लेकिन वहन किसी ने उनको पहचाना ही नहीं और उनको प्रवेश भी नहीं मिला।


ध्यानचंद को मामूली पेंशन मिलती थी और धीरे धीरे वो गरीबी में घिरते चले गए। बीमारी की हालत में उनके पास ढंग से इलाज करवाने के लिए पैसे तक नहीं थे। लिवर कैंसर से पीड़ित ध्यानचंद को दिल्ली एम्स लाया गया जहाँ उनको जनरल वार्ड में भर्ती किये गए। कुछ दिनों बाद किसी पत्रकार को पता चला तो उनको अलग रूम में शिफ्ट कराया गया।

ध्यानचंद के पुत्र अशोक कुमार भी हॉकी के अच्छे खिलाड़ी थे लेकिन उन्होंने भी बहुत निराशा में हॉकी को अलविदा कह दिया था। असल में ध्यानचंद के निधन के कारण अशोक कुमार मास्को ओलिंपिक के लिए अयोजित ट्रेनिंग कैंप में समय से नहीं पहुँच पाए थे। विलम्ब के चलते अशोक कुमार को कैंप में भाग लेने से रोक दिया गया। इस घटना से क्षुब्ध हो कर अशोक कुमार ने हॉकी खेलना ही छोड़ दिया।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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