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Manish Gupta Murder Case: मनीष गुप्ता हत्याकांड में आरोपी तत्कालीन एसओ पर कसा शिकंजा, मकान पर चला बुलडोजर
Manish Gupta Murder Case: मनीष गुप्ता हत्याकांड में आरोपी तत्कालीन एसओ के लखनऊ स्थित घर को ध्वस्त किया जा रहा है।
Manish Gupta Murder Case: पिछले साल गोरखपुर के होटल में चर्चित कानपुर व्यवसायी मनीष गुप्ता हत्याकांड (Manish Gupta Hatyakand) में आरोपी तत्कालीन रामगढ़ ताल एसओ जगत नारायण सिंह पर योगी सरकार ने शिकंजा कसा है। आरोपी का लखनऊ स्थित चिनहट में मकान गिराया जा रहा है। अवैध 3 मंजिला मकान पर CM योगी चला बुलडोज़र चल गया है और ध्वस्तीकरण जारी है।
गोरखपुर में मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह भले ही सलाखों के पीछे अपनी सजा भुगत रहे हों। लेकिन सरकार उनके ऊपर अभी रहम नहीं करने वाली है। आज राजधानी लखनऊ स्थित जगत नारायण सिंह का चिनहट सतरिख रोड पर देवराजी बिहार में बना तीन मंजिला मकान ढहाया जा रहा है। एलडीए से बिना नक्शा पास कराए जगत नारायण सिंह ने यह मकान बनवाया था।
900 स्क्वायर फीट में बने तीन मंजिला आलीशान मकान पर एलडीए का बुलडोजर चल रहा है। व्यापारी की हत्या के मामले में छह पुलिसकर्मी फिलहाल जेल में सजा काट रहे हैं। मनीष गुप्ता हत्याकांड के बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई थी और इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कर रही है और पीड़ित मनीष गुप्ता की पत्नी को मुआवजे के साथ सीएम योगी ने केडीए में नौकरी भी दी थी।
कब हुई थी घटना?
आपको बता दें अपने दोस्तों के साथ कानपुर के बर्रा निवासी प्रॉपर्टी कारोबारी मनीष गुप्ता गोरखपुर घूमने गए थे। मनीष गुप्ता रामगढ़ ताल इलाके के एक होटल में ठहरे थे। 27 सितंबर 2021 की रात पुलिस कर्मियों ने होटल में छापा मारा वहां किसी बात को लेकर उनका प्रॉपर्टी डीलर से विवाद हुआ। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। पुलिस वालों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल मनीष गुप्ता फर्श पर पड़े रहे। उसके बाद उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
इस घटना के बाद से योगी सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी। चुनावी माहौल के बीच विपक्ष जहां हमलावर था। वहीं सरकार ने आरोपी पुलिस वालियों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया था। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह दरोगा राहुल दुबे विजय यादव मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। दो अब अक्टूबर से मामले की जांच कानपुर पुलिस की एसआईटी ने शुरू की थी।
उसके बाद प्रदेश सरकार की सिफारिश पर 2 नवंबर 2021 से देश से सीबीआई ने इस केस को टेकओवर कर लिया। सीबीआई ने 7 जनवरी 2022 को सभी आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ लखनऊ की विशेष कोर्ट में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है। इसमें पुलिस वालों को हत्या का दोषी करार दिया गया था। इसके बाद अब एलडीए भी तत्कालीन इंस्पेक्टर के अवैध मकान पर अपना बुलडोजर चला रही है।
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