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UP Election 2022 : बसपा ने सुरक्षित सीटों पर जीत का बनाया मास्टर प्लान, मायावती ऐसे देंगी विरोधियों को शिकस्त

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में अपने पक्ष को मजबूत करने और राजनीतिक समीकरण साधने के लिए सभी दलों ने ताकतें झोंक दी हैं। इस चुनावी समर में अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी किसी से पीछे नहीं रहना चाहती।

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By aman
Published on: 8 Dec 2021 9:47 AM IST (Updated on: 8 Dec 2021 9:54 AM IST)
UP Election 2022: ब्राम्हण दलित गठजोड़ के लिए बसपा ने शुरू किया सम्मेलनों का आयोजन, छह दिनों में होंगे 20 सम्मेलन
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मायावती (फोटोःन्यूजट्रैक)

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) में अपने पक्ष को मजबूत करने और राजनीतिक समीकरण साधने के लिए सभी दलों ने ताकतें झोंक दी हैं। इस चुनावी समर में अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी किसी से पीछे नहीं रहना चाहती। बसपा भी नई रणनीति के तहत आज से सुरक्षित सीटों को साधने के मकसद से मैदान में उतर रही है।

बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश की कुल 86 सीटों जिनमें 84 एससी और दो एसटी आरक्षित सीटों (reserved seat) पर खुद को केंद्रित किया है। यहां बसपा की कोशिश है, कि अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं के साथ यदि ब्राह्मणों का साथ मिल जाए, तो उनकी नैया पार लग जाएगी।

सतीश चंद्र मिश्रा को मिली जिम्मेदारी

हालांकि, बहुजन पार्टी की अध्यक्ष मायावती इन सीटों पर मुस्लिमों, ओबीसी और जाटों को जोड़ने की बात भी कर रही हैं। लेकिन, सबसे बेहतर समीकरण दलित-ब्राह्मण वोटरों का ही नजर आ रहा है। यही वजह है कि पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को इन सीटों मतदाताओं को साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सतीश मिश्रा पहले भी सामान्य सीटों पर सम्मेलन कर चुके हैं। इसलिए पार्टी को ऐसा लग रहा है, कि ब्राह्मण सम्मेलनों के सार्थक परिणाम उन्हें हासिल हो सकते हैं।

छह दिनों का शेड्यूल तैयार

जानकारी के अनुसार, इन सभी सीटों के लिए फिलहाल छह दिनों का शेड्यूल तैयार किया गया है। इस दौरान छह कार्यक्रम आयोजित होंगे। एक ही स्थान पर संबंधित मंडल या आसपास की अन्य सुरक्षित सीटों को भी जोड़ा जाएगा।

इस तारीख को यहां होंगे आयोजन

इस आयोजन का पहला कार्यक्रम आज बुधवार 08 दिसंबर को रामपुर मनिहारान सीट पर है। इसके साथ सहारनपुर (ग्रामीण) तथा पुरकाजी को जोड़ा गया है। जबकि, 09 दिसंबर को हाथरस में सम्मेलन आयोजित होगी, जिसके साथ खैर, इगलास व जलेसर को जोड़ा गया है। इसी तरह, 10 दिसंबर को नहटौर के साथ नगीना व धनौरा तथा 11 दिसंबर को हापुड़ के साथ हस्तिनापुर एवं खुर्जा को जोड़ा गया है। 12 दिसंबर को आगरा देहात के साथ आगरा कैंट, टूंडला, किशनी, बलदेव को शामिल किया गया है। वहीं, 13 दिसंबर को फरीदपुर के साथ पूरनपुर व पुवांया क्षेत्र का सम्मेलन होना है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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