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AAP के 100 सीटों पर संभावित प्रत्याशी घोषित: 35 फ़ीसद पिछड़े वर्ग के लोगों को टिकट, डॉक्टर, इंजीनियर और अधिवक्ता शामिल

Lucknow News: प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Rajya Sabha MP Sanjay Singh) ने प्रेसवार्ता कर विधानसभा प्रभारियों के नाम घोषित करते हुए बताया कि "ये साथी पार्टी के अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने का काम करेंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Shweta
Published on: 15 Sept 2021 9:15 PM IST (Updated on: 15 Sept 2021 9:24 PM IST)
सांसद संजय सिंह
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सांसद संजय सिंह

Lucknow News: आम आदमी पार्टी (AAP) ने उत्तर प्रदेश (UP) में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Elections 2022) के लिए 100 विधानसभा प्रभारियों(संभावित प्रत्याशियों) की पहली सूची बुधवार को जारी की। इस सूची में पिछड़े वर्ग से 35 प्रभारी बनाकर उन्हें बड़ा प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। वहीं, आप की इस सूची में 20 ब्राह्मण ,16 दलित और 5 मुस्लिम नेताओं को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।

प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Rajya Sabha MP Sanjay Singh) ने प्रेसवार्ता कर विधानसभा प्रभारियों के नाम घोषित करते हुए बताया कि "ये साथी पार्टी के अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने का काम करेंगे। इनका काम सही रहा। तो इनको ही पार्टी वहां अपना प्रत्याशी बनाएगी। संजय सिंह ने बताया कि 'सूची में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। सूची में डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट से लेकर नौजवान, किसान हर वर्ग से लोगों को शामिल किया गया है।'

लखनऊ में इन्हें बनाया गया विधानसभा प्रभारी


लखनऊ मध्य से नदीम अशरफ जायसी, उत्तर से अमित श्रीवास्तव, पश्चिम से राजीव बक्शी, कैंट से दुर्गेश सिंह, सरोजिनी नगर से रोहित श्रीवास्तव, बख्शी का तालाब से बलीराम वर्मा और मोहनलालगंज सूरज कुमार प्रत्याशी बनाये गए।

'अब्बा जान, चाचा जान इन सवालों पर चुनाव...'

आप यूपी प्रभारी संजय सिंह (Sanjay Singh) ने प्रदेश सरकार (state government) पर आरोप लगाते हुए कहा कि "8 साल, 10 साल की बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही है उत्तर प्रदेश में। इस पर सवाल करिए। साढ़े 4 साल में सरकार ने कोरोना की महामारी में लोगों को दर्द दिया है। गंगा नदी में हजारों लाशें पाई गई तो इस पर सत्ता से सवाल पूछने होंगे।" उन्होंने कहा कि "अगर अब्बा जान, चाचा जान इन सवालों पर चुनाव को ले जाना चाहते हैं, तो इस ध्रुवीकरण की राजनीति से उत्तर प्रदेश के लोगों का तो कुछ भला होने वाला नहीं है। इससे ना किसानों का, ना नौजवानों का और ना ही आम आदमी का भला होगा।"



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Shweta

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