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Holi 2022: 100 सालों से 'चौक' में मनाई जा रही है होली, इस बार अद्भुत रहा नजारा, लगे 'जय श्री राम' के नारे

Holi 2022: गुरुवार को चौक की सर्राफा गली में, सोने-चांदी के व्यापारियों ने जमकर होली खेली। सारे व्यापारियों ने एक सुर में 'जय श्री राम' के नारे लगाए और भगवा गुलाल भी जमकर उड़ाया।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Shreya
Published on: 17 March 2022 5:47 PM IST (Updated on: 17 March 2022 5:49 PM IST)
Holi 2022: 100 सालों से चौक में मनाई जा रही है होली, इस पर अद्भुत रहा नजारा, लगे जय श्री राम के नारे
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व्यापारियों ने खेली होली (फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक) 

Holi 2022: कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप के चलते, बीते 2 वर्षों से लखनऊ (Lucknow) के चौक इलाके (Chowk) में 'होली' नाम मात्र की मनाई जा रही थी। सरकार द्वारा जारी की गई पाबंदियों की वजह से, होली के त्यौहार (Happy Holi) को चौकवासी उस तरह से नहीं मना पा रहे थे, जिस तरह से बीते 100 वर्षों से मना रहे थे। गुरुवार को चौक की सर्राफा गली में, सोने-चांदी के व्यापारियों ने जमकर होली खेली। हवाओं में गुलाल (Gulala) उड़ाया गया। पूरे चौक के कूचों में ढ़ोल-नगाड़ों की आवाजें गूंजने लगी। सारे व्यापारियों ने एक सुर में 'जय श्री राम' के नारे लगाए और भगवा गुलाल भी जमकर उड़ाए।

(फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक)

भाजपा की जीतने की वजह से उड़ा भगवा गुलाल

सर्राफा व्यापारी विनोद माहेश्वरी बताते हैं कि "इस बार की होली बहुत ख़ास है। हम लोग होली के साथ भाजपा की जीत का भी जश्न मना रहे हैं। प्रदेश की खुशहाली के लिए भारतीय जनता पार्टी को चुनावों में जीत हासिल करना ज़रूरी था। इससे हम सभी जाति व धर्म के लोगों में आपसी भाईचारा बना रहेगा। सभी व्यक्ति सुरक्षित रहेंगे। और हम हंसी-खुशी हर त्यौहार को मना सकेंगे।" उन्होंने बताया कि इस बार इसी वजह से हमने भगवा रंग के गुलाल से होली मनाई।

गंगा-जमुनी तहज़ीब

'शहर-ए-अदब' लखनऊ (Lucknow) को गंगा-जमुनी तहज़ीब का जीता उदाहरण माना जाता है और इसे ऐसे ही यह नहीं कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं, क्योंकि यहां पर अग़र ईद आती है, तो सेवइयां खाने हिन्दू, मुस्लिमों के घर जाते हैं। और जब होली आती है, तो मुस्लिम समुदाय के लोग भी अपने घरों की बालकनी पर खड़े होकर, जुलूस निकाल रहे लोगों पर इत्र व रंगों की वर्षा करते हैं।

(फोटो- आशुतोष त्रिपाठी, न्यूजट्रैक)

जिससे न सिर्फ़ आपस में सौहार्दपूर्ण माहौल स्थापित होता है। बल्कि, एक-दूसरे के बीच प्यार व मोहब्बत भी झलकती है। सीधे शब्दों में कहें, तो पिछले 100 वर्षों से चौक में ऐसा ही होता आ रहा है। जहां हिन्दू-मुस्लिम समाज के लोग एक साथ हंसी-ख़ुशी, मिल-जुलकर रहते हैं।

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Shreya

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