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ब्राह्मण सीमित अर्थ में नहीं बल्कि विराट भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग - कलराज मिश्र

Lucknow News: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वे ब्राह्मण को किसी समाज और समुदाय के सीमित अर्थ में नहीं बल्कि विराट भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग के रूप में देखते हैं।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Shweta
Published on: 29 Aug 2021 8:44 PM IST
कलराज मिश्र ने दीप प्रज्वलन किया
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 कलराज मिश्र ने दीप प्रज्वलन किया

Lucknow News: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वे ब्राह्मण को किसी समाज और समुदाय के सीमित अर्थ में नहीं बल्कि विराट भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण विद्वतजनों से जुड़ा देश का विराट समुदाय है, इस समुदाय ने सदा ही भारतीय संस्कृति की जड़ों को पोषित करते हुए जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करने का कार्य किया है।उन्होंने कहा कि जातीयता, क्षेत्रीयता और संकीर्ण मानसिकता को पीछे छोड़ने एवं सामाजिक कुरीतियों को दूर करते हुए संपूर्ण समाज के विकास का संकल्प लेना होगा, विद्वतजन संस्कृति के जीवंत मूल्यों को सहेजते हुए राष्ट्र और समाज के उत्थान में सार्थक भूमिका निभाये, भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् के मंत्र के साथ पूरे विश्व को एकसूत्र में पिरोने का संदेश देती है और व्यक्ति को उदात्त जीवन मूल्यों की सनातन दृष्टि देती है।

चौधरी चरण सिंह सहकारिता सभागार में आयोजित विद्वत समाज सम्मेलन एवं अभिनन्दन समारोह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं समाज के उत्थान में विद्वतजनों की भूमिका विषयक पर संबोधन में कहा कि संस्कृति व्यक्ति में निरंतर सुधार करते हुए उसे संस्कारवान बनाती है जिससे वह अपने लिए ही नहीं बल्कि सबके लिए कार्य करने के लिए प्रेरित होता है।अति विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय मंत्री डाॅ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं समाज के उत्थान में विद्वतजनों की भूमिका महत्वपूर्ण है, उनके कार्य एवं व्यवहार से सनातन जीवन मूल्यों के उच्च आदर्श परिलक्षित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति की रक्षा और प्रसार का दायित्व हजारों वर्षों से विद्वत समाज के हाथों में है जो कि आज भी सुरक्षित है। समारोह में अति विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों के बताये हुए मार्ग पर चलते हुए अपनी संस्कृति और विचारों को अपने जीवन शैली में उतरते हुए भारत को परम वैभव राष्ट्र की ओर ले जाने के लिए कार्य करना चाहिये।


उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति विश्व की धरोहर है, हम सभी को अपनी विद्वता का उपयोग निश्वार्थ भाव से समाज और देश की तरक्की के लिए करना चाहिये। कार्यक्रम में विशष्ट अतिथि यूपीसीएलडीएफ के राज्य मंत्री स्तर के चेयरमैन वीरेन्द्र कुमार तिवारी जी अपने उदबोधन के दौरान कहा कि समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम आज भी विद्वत समाज कर रहा है, उन्होंने कहा कि बदलते हुए सामाजिक परिदृश्य, निन्दा और सामाजिक कुरीतियों से विद्वत समाज को दूर रहना चाहिये और समाज में अनुकूल सकारात्मक विचारों के सिद्धांत पर हमें आगे बढ़ते हुए देश और समाज की सेवा करनी चाहिये। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवल के साथ हुआ। इसके बाद वन्दे मातरम गीत,तथा भारतीय संविधन की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्यों का वाचन किया गया, राज्यपाल कलराज मिश्रा के साथ में विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय मंत्री डा महेंद्र नाथ पाण्डेय , केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र, यूपीसीएलडीएफ के चेयरमैन वीरेंदर तिवारी, कार्यक्रम के अध्यक्ष सेण्ट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी जी व श्रीहनुमान गढ़ी के मुख्य महंत राजूदास महाराज का विद्वत समिति की तरफ से रोली टीका, आरती, पुष्प वर्षा एवं शंख ध्वनि के साथ जोरदार स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।

बाद में विद्वत समाज द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हुए महन्त, संत, कवि, प्रोफेसर, शिक्षक, डॉक्टर, सेवानिवृत्त आईएएस, पीसीएस, कर्नल, मेजर, अधिवक्ता, सहकारिता क्षेत्र में डीसीबी, डीसीएफ, पीसीयू, नगर पालिका के चेयरमैन, नव निर्वाचित ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधानों, पत्रकार व मीडिया क्षेत्र में कार्य करने विद्वतजनों को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र , केन्द्रीय मंत्री डा०महेन्द्रनाथ पाण्डेय , केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र जी, यूपीसीएलडीएफ के चेयरमैन वीरेन्द्र कुमार तिवारी , महंत राजूदास द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक विनय कुमारमिश्रा थे। मंच का संचालन लखनऊ बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट उमेश तिवारी द्वारा किया गया।



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