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Narendra Giri : आनंद गिरी व आद्या तिवारी भेजे गए जेल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बहुत कुछ हुआ स्पष्ट
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला और संदिग्ध होता नजर आ रहा है।
लखनऊ: स्वामी नरेद्र गिरि के सुसाइड नोट के मार्फ़त आरोपी बनाये गये योग गुरु आनंद गिरि व हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को आज जेल भेज दिया गया है। दोनों बसन्ती चोला पहनने वाले आरोपियों का अब नया पता अब कोई अखाड़ा या मंदिर नहीं बल्कि नैनी जेल की बैरक है। इससे पूर्व इस मामले की एसआईटी जांच के आदेश हुए थे। जब तक सीबीआई इस मामले को टेकओवर नहीं कर लेती है अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एसआईटी जांच जारी रहेगी या पुलिस जांच करेगी।
अब करनी है एसआईटी को असली जांच
अभी तक प्रयागराज एडीजी जोन की गठित एसआईटी ने जो भी जांच इस केस से संदर्भित की है उसका पूरा आधार स्वामी जी का सुसाइड पत्र है। हालाँकि यह सुसाइड नोट स्वामी नरेंद्र गिरि की हैंड राइटिंग में हैं यह दावा एसआईटी भी नहीं कर सकती है।इस पत्र की हैंडराइटिंग भी अभी जाँच के दायरे में है।'न्यूज ट्रेक' को प्रयागराज के विभिन्न अखाड़ों के सन्तो से जो इनपुट मिले हैं , उसके आधार पर यह मना जा रहा है कि स्वामी जी की आत्महत्या नहीं हत्या है। अब एसआईटी को अपनी जांच आत्महत्या से हट कर भी करनी चाहिए क्योकि आनंदगिरि व अद्या तिवारी के जेल भेज दिये जाने के बाद इस केस से जुड़ा आत्महत्या पत्र का एपिसोड अपने विराम स्थिति की तरफ अग्रसर हो चुका है।लेकिन इस केस की फ़िल्म अभी बहुत बाकी है।अब जो आगे की जांच इस केस में एसआईटी शुरू करेगी उसके रिजल्ट में होने वाले खुलासे में खुद एसआईटी भी भौचक्की होगी।इस जांच में एसआईटी को अग्नि परीक्षा के दौर से भी गुजरना होगा।
स्वामी जी का आत्महत्या पत्र खुद इस केस के असली किरदार की तरफ कर रहा है इशारा
वैसे तो आज बुधवार को स्वामी जी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अंश सामने आए है , उसने एसआईटी टीम को बहुत कुछ इशारा कर दिया है।अब एसआईटी टीम को स्वामी जी के आत्महत्या पत्र का गम्भीरता से अध्ययन करना चाहिए।उसका अध्ययन करने से यह साफ समझ आएगा कि यह आत्महत्या पत्र स्वामी जी ने नही बल्कि किसी अन्य के दिमाग से लिखा गया है।यह आत्महत्या पत्र नही एक वसीयत पत्र है , जो स्वामी जी के नाम से उस शख्स ने लिखा है जो स्वामी जी की मौत के पहले मौत के समय व बाद में भी कई घण्टों तक घटनास्थल से गायब ही रहा है।जरा अब एसआईटी अपनी जांच की नजरें स्वामी जी के इस आत्महत्या पत्र के इधर उधर भी घुमाए, तो इस केस के प्रमुख किरदार की तरफ जाता हुआ रास्ता एसआईटी को नजर आने लगेगा।
अब इनसे भी कड़ाई से पूछताछ करे एसआईटी
अब स्वामी जी के आत्महत्या पत्र के आधार पर दो लोग तो जेल भेज दिए गए हैं।अब एसआईटी को इस आत्महत्या पत्र पर, जिनके नाम अपनी वसीयत स्वामी नरेंद्र गिरि लिख गए है,उनसे भी पूछताछ हुई।जब अभी यह तय ही नही हो पाया है कि आत्महत्या पत्र में स्वयं स्वामी जी की राइटिंग है।तो एसआईटी को यह आत्महत्या पत्र कथित तौर नकली मान कर जांच आगे करनी चाहिए।वैसे भी स्वामी जी के दर्शन करने पहुंचे कई सन्तो के गले नही उतर रहा है स्वामी जी का यह आत्महत्या पत्र।
जांच इन विदुओ पर भी अब जरूरी
प्रयागराज के सन्तो के बीच से यह चर्चा बहुत तेजी से निकल कर आ रही है कि जिस कमरे में स्वामी नरेंद्र गिरि का शव पड़ा था उसके भीतर एक बाथरूम भी है । जिसका दरवाजा बाहर की तरफ खुलता था । वह उस समय बाहर की तरफ खुला हुआ था।वहां के संत यह भी बता रहे हैं कि स्वामी जी कभी उस कमरे में सोते ही नही थे।वो ऊपर वाले कमरे में सोते थे।तो क्या जब स्वामी जी इस कमरे में प्रविष्ट हुए तो पहले से ही कोई शख्स बाथरूम में मौजूद था?कुल मिलाकर आनंद गिरि व अद्या तिवारी के जेल भेज देने के बाद इस रहस्यमयी प्रकरण पर सिर्फ एसआईटी की पांच प्रतिशत ही जांच पूरी हुई है, अभी 95 प्रतिशत जांच बाकी है।
मामला करोड़ो की जमीन से जुड़ा है,पर्दे के पीछे कोई शातिर दिमाग भी है?
एसआईटी को अपनी जांच में अब इस बात पर जरुर फोकस करके आगे बढ़ना होगा कि स्वामी नरेंद्र गिरि के बाघंबरी मठ के नाम कई करोड़ो की जमीन है।जिसको लेकर स्वामी जी के अपने अखाड़ों के आनंदगिरि जैसे तमाम शिष्यों समेत इलाके के कई भू-माफियाओं व विल्डरों से विवाद की स्थिति बनी ही रहती थी।कई विवाद चर्चा का विषय भी समय समय बने थे।एसआईटी को इस बिंदु पर भी फोकस करना होगा।सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान आनंद गिरि ने एसआईटी को एक बात पक्के तौर पर कही है कि गुरु जी आत्महत्या नही कर सकते, उनकी हत्या की गई है।उसके इस बयान को भी एसआईटी कतई हल्के लेने की गलती न करे।
इससे पूर्व पोस्टमार्टम रिपोर्ट बन्द लिफाफे में पुलिस के उच्चाधिकारियों को सौंप दी गयी है। पांच डॉक्टरों के पैनल ने यह पोस्टमार्टम किया है। साथ ही दो घण्टे तक चले स्वामी जी के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। सूत्र बताते हैं कि स्वामी जी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ( में आया है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई है। महन्त जी के गले में फंदे के निशान है जिसका आकर वी के निशान की तरह है। महन्त नरेद्र गिरी (Narendra Giri Postmortem Report) का विसरा सुरक्षित जांच के लिये रख लिया गया है । लेकिन अगर इस क्षेत्र के जानकार डॉक्टरों की माने तो यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट इस ओर इशारा नही कर रही है कि स्वामी जी ने खुद फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या की है। हालांकि अभी विसरा की जांच रिपोर्ट के बाद स्वामी जी की सन्दिग्ध मौत पर पड़े बड़े रहस्य से पर्दा उठने की उम्मीद की जा रही है।
स्वामी जी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) ने खड़े किये कई सवाल?
स्वामी जी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कुछ जानकर सर्जन डॉक्टरों का मानना हैं कि फांसी के फंदे से आत्महत्या करने वाले शख्स के गले में प्रायः राउंड आकार का निशान आता है। गले में वी का निशान यह संकेत देता है कि फाँसी का फंदा ढीला रहा होगा। हालाँकि देश के इन वरिष्ठ सर्जनों का कहना था कि यह सब पुलिस की फोरेंसिक टीम की जांच के बिंदु है। डॉक्टरों ने अपनी जांच कम्प्लीट कर दी है। दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल के एक वरिष्ठ सर्जन ने कहा कि अमूमन फाँसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या करने वाले शख्स की गर्दन की हड्डी टूट जाती है। जबकि बहुत कम ही केसों में होता है कि फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले की गर्दन की हड्डी में फैक्चर न आये।
सूबे एक जिले में तैनात डिप्टी सीएमओ का भी यही मानना है कि दम घुटने का यह कतई संकेत नही है कि मरने वाले की मौत फाँसी के फंदे से दम घुटने से ही हुई हो।हालाँकि उन्होंने कहा कि विसरा की रिपोर्ट आने पर बहुत कुछ कुछ स्पष्ट होगा।उनका मानना है कि विसरा रिपोर्ट आने से यह भी क्लियर होगा कि क्या आत्महत्या करने से पूर्व आत्महत्या करने वाले ने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन तो नही किया था? क्योंकि अमूमन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट नही हो पाता है जो विसरा की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाता है।
देखें नरेन्द्र गिरि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट - https://newstrack.com/pdf_upload/camscanner-09-20-2021-190610-1-1226598.pdf
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पर कोई शंका नहीं की जा सकती है
दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल के एक वरिष्ठ सर्जन ने बताया कि स्वामी जी का जिन पांच डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमाटर्म किया है उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कोई शंका करने का कोई प्रश्न नहीं।मृतक की बॉडी के जो भी सिम्टम्स थे, वो इस पोस्टमार्टम में क्लियर हो गए है।अभी स्वामी जी की विसरा रिपोर्ट आने के बाद बहुत बड़े खुलासे होने की संभावना है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी वही सवाल खड़ा है हत्या या आत्महत्या?
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व लेटे हनुमान जी मन्दिर के प्रबंधक नरेंद्र गिरि की इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद एक बार फिर पुलिस की फोरेंसिक टीम का काम बढ़ गया है। स्वामी जी के गले मे वी आकर का निशान मिलने से फॉरेन्सिक टीम को अब यह पता करना होगा कि स्वामी जी के गले मे लगा फांसी का फंदा कितना ढीला था?क्या इतना ढीला था कि गर्दन भी फंदे का झटका खाने के बाद फैक्चर होने से बच गयी।इस प्रकरण में एक बात और भी गम्भीर है कि सूचना मिलने के बाद जब पुलिस कमरे में पहुंची थी तब पुलिस को उस कमरे में कोई भी ऐसी चीज नही मिली थी जिसके सहारे उस कुंड तक स्वामी जी पहुंच पाए होंगे?
कुल मिलाकर इस पोस्टमार्टम रिपार्ट ने तो यह साफ ही कर दिया है कि स्वामी जी की आत्महत्या अभी भी सन्दिग्ध है।अब सवाल कुछ अलग है कि क्या स्वामी जी को अचेतन अवस्था मे लाकर उन्हें फांसी के फंदे पर लटका दिया गया है? एक बेहद गम्भीर व बड़ा सवाल यह भी है जब स्वामी जी ने स्वभाविक आत्महत्या कर ही ली थी तो फिर उनके शिष्यों ने सूचना देने के बाद पुलिस के आने का इंतजार क्यो नही किया? उससे पहले ही कमरे को अस्तव्यस्त क्यों कर दिया गया? स्वामी जी की इस सन्दिग्ध मौत को लेकर अभी सवाल बहुत से हैं जिनके जवाब अभी पुलिस को खोजने हैं। अभी पुलिस को उस चेहरे को भी खोजना है जो चारो गनर, आरोपी आंनद गिरि, पुजारी अद्या तिवारी व उसके पुत्र सन्दीप तिवारी के चेहरों की आढ़ में छिपा बैठा है।