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#NoUPPRT_NoBJP : उत्तर प्रदेश के युवा छात्रों ने ट्विटर पर चलाया अभियान, प्राथमिक शिक्षक भर्ती नहीं तो वोट नही
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि प्राथमिक शिक्षकों के 51 हज़ार से अधिक पद रिक्त हैं। जल्द ही भर्ती की जाएगी।
लखनऊ: राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि प्राथमिक शिक्षकों के 51 हज़ार से अधिक पद रिक्त हैं। जल्द ही भर्ती की जाएगी। यह नहीं, सरकार ने यह भी कहा था कि शिक्षा मित्रों को एक और मौका दिया जाएगा।
इसी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश के छात्र प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करें। भर्ती की मांग लगातार कर रहे हैं। इनका आरोप है कि सरकार विज्ञापन जारी नहीं करना चाहती। इसलिए छात्रों द्वारा लखनऊ में लगातार आंदोलन किया जा रहा है।
आज छात्रों ने ट्विटर पर #NoUPPRT_NoBJP ट्रेंड करवा के सरकार को ये बता दिया कि अगर प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ तो हम युवा आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देंगे।
डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली
बेसिक शिक्षा विभाग में पिछले 5 वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं हुई है। जो 68500 और 69000 शिक्षकों की भर्ती हुई है, वह सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने की वजह से हुई है। आरटीआई से प्राप्त सूचना के अनुसार, प्राथमिक विद्यालयों में अब भी डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली हैं।
टीईटी को आजीवन करने से अब उत्तर प्रदेश के अंदर लगभग 25 लाख प्रशिक्षु डीएलएड, बीटीसी, शिक्षामित्र, बीएड बेरोज़गार है, जिन्हें प्रशिक्षण पूर्ण होते हुए भी रोज़गार की तलाश है। युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक राकेश पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द 97 हजार पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी करे, नहीं तो प्रदेश के हर जिले में धरना का आयोजन किया जाएगा।
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने सरकार पर लगाया 69000 शिक्षक भर्ती में घोटाले का आरोप
इससे पहले बीते दिन लखनऊ के इको गार्डन में एससी ओबीसी आरक्षण वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे थे। शिक्षक अभ्यर्थियों के धरने में राजधानी लखनऊ पहुंचे थे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद। इस दौरान 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण में सरकार पर महाघोटाले का आरोप लगा रहे हैं।
आपको बता दें कि इस बीच चंद्रशेखर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह धरना पिछले 70 दिनों से चल रहा है और बुरी बात यह है कि यह धरना किसी गांव में नहीं बल्कि प्रदेश की राजधानी में हो रहा है। और इस राजधानी में तमाम राजनीतिक दल और मुख्यमंत्री भी रहते हैं, राजभवन भी है और विधानसभा भी है।