×

UP Amrit Mahotsav: आजादी का अमृत महोत्सव यानी उपलब्धियां एक्शन और संकल्प

Amrit Mahotsav :देश की 75 वीं वर्षगांठ का मतलब 75 साल पर विचार, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 पर एक्शन और 75 पर संकल्प शामिल है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shraddha
Published on: 5 Oct 2021 7:42 AM GMT
आजादी का अमृत महोत्सव
X

आजादी का अमृत महोत्सव ( फोटो - न्यूजट्रैक)

UP Amrit Mahotsav: देश के स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर 75 सप्ताह का अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) पूरे देश में मनाया जा रहा है, यह दो साल तक चलेगा। देश की 75 वीं वर्षगांठ का मतलब 75 साल पर विचार, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 पर एक्शन और 75 पर संकल्प शामिल हैं, जो स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे। अमृत महोत्सव में देश की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत किया जा रहा है। देशभक्ति की भावना जागृत की जा रही है। ये सब लोगों की भागीदारी के साथ किया जा रहा है। लखनऊ में आयोजित अर्बन कॉन्क्लेव भी अमृत महोत्सव का हिस्सा है।

क्या है UP Amrit Mahotsav

15 अगस्त, 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 75वीं वर्षगांठ से एक साल पहले यानी 15 अगस्त, 2021 से इन कार्यक्रमों को शुरुआत की गयी है। अमृत महोत्सव में देश की अदम्य भावना के उत्सव दिखाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इनमें संगीत, नृत्य, प्रवचन, प्रस्तावना पठन (प्रत्येक पंक्ति देश के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली विभिन्न भाषाओं में) शामिल हैं। युवा शक्ति को भारत के भविष्य के रूप में दिखाते हुए गायकवृंद में 75 स्वर के साथ-साथ 75 नर्तक होंगे। यह कार्यक्रम 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेंगे। दांडी मार्च की तर्ज पर इस कार्यक्रम की शुरुआत फ्रीडम मार्च नामक पदयात्रा से की गयी। 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी। 2020 में नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने के पर प्रधानमंत्री मोदी ने साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की थी।

अमृत महोत्सव आयोजन के माध्यम से वोकल फॉर लोकल अभियान को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसे लोकप्रिय बनाने के लिए साबरमती आश्रम में मगन निवास के पास एक चरखा स्थापित किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति जब कोई भी स्थानीय उत्पाद खरीदेगा और वोकल फॉर लोकल का इस्तेमाल करते हुए उसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करेगा तो आत्मनिर्भरता से संबंधित प्रत्येक ट्वीट के साथ यह चरखा एक बार घूमेगा।

विज्ञान का योगदान

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुए संघर्ष और चुनौतियों में कई गुमनाम वैज्ञानिक तथा विज्ञान संचारक भी शामिल थे। उन्हें ब्रिटिश सत्ता द्वारा भेदभाव और उपेक्षा का सामना करना पड़ा। उन तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, हमारे वैज्ञानिक तथा विज्ञान संचारक राष्ट्र और समाज के विकास के लिए विज्ञान के उपयोग के साथ-साथ विज्ञान का संचार भी करते रहे।

"भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और विज्ञान विषय पर विज्ञान संचारकों का यह विशाल सम्मेलन" 20-21 अक्टूबर, 2021 को आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन विज्ञान प्रसार, सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान तथा विज्ञान भारती का एक संयुक्त प्रयास है।

आजादी का अमृत महोत्सव (भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव) इस सम्मेलन के आयोजन की मुख्य प्रेरणा है। वर्ष भर चलने वाले विज्ञान समारोह में विभिन्न स्तरों पर प्रदर्शनियों, सम्मेलनों, प्रतियोगिताओं, विज्ञान फिल्मों, पोस्टरों, विज्ञान यात्राओं का आयोजन तथा प्रस्तुतियों के माध्यम से चर्चाएं होंगी। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विशाल सम्मेलन में 4000 से अधिक विज्ञान संचारक शामिल होंगे, जो मुख्य संदेश को समाज के जमीनी स्तर तक पहुंचाएंगे। इसका प्रमुख उद्देश्य स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वैज्ञानिकों के योगदान, उनके संघर्षों और उपलब्धियों के बारे में समाज को जानकारी देना है।

लखनऊ में आयोजित अर्बन कॉन्क्लेव ( फोटो - सोशल मीडिया)


राज्यों में आयोजन

देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अमृत महोत्सव के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। मिसाल के तौर पर महाराष्ट्र में 12 मार्च को मुंबई में अगस्त क्रांति मैदान से स्वतंत्रता विरासत पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई गई। उत्तर प्रदेश में पूरे राज्य में कार्यक्रमों और गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। मध्य प्रदेश में 75 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। राज्य में मुख्य रूप से पहचाने गये सभी स्थल रानी दुर्गावती, चंद्रशेखर आज़ाद, तात्या टोपे, बिरसा मुंडा और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ जुड़े हुए हैं। गुजरात में अहमदाबाद में पदयात्रा के अलावा, राज्य में 75 कार्यक्रमों के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जाएगा।

विभिन्न कार्यक्रम

- अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश भर में 75 वन्दे भारत ट्रेनें चलाई जायेंगी।

- आरएसएस अमृत महोत्सव के तहत प्रयाग विभाग यानी प्रयाग क्षेत्र में व्यापक जन जागरण अभियान चलाएगा। इसके तहत हर गांव और हर बस्ती में भारत माता पूजन एवं महाआरती आयोजित होगी। इस दौरान जगह-जगह से रथ यात्रा निकलेंगी और एक साथ एक लाख लोग मिलकर वंदे मातरम गीत गाएंगे। महारानी लक्ष्मी बाई की जयंती के अवसर पर 14 नवंबर से इस अभियान की शुरूआत होगी। महोत्सव के दौरान प्रयागराज में 500 जनसभाएं करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

- अमृत महोत्सव के तहत इस बार वन मंत्रालय द्वारा सघन पौधरोपण का भी कार्यक्रम चलाया जाएगा।

Shraddha

Shraddha

Next Story